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गेहूं के निर्यात पर जारी रहेगी रोक, कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि देश के हित में है

गेंहू की लगातार घटती कीमतों से किसान परेशान हैं. इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी गेंहू को एक्सपोर्ट बैन को लेकर कहा कि देश की जनता के हित में ही नीतियां बनाई जाती है. वहीं एक माह में प्रदेश में गेंहू की कीमतों में 950 रुपए तक कमी आई है.

minister narendra singh tomar
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
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Published : Apr 8, 2023, 10:17 PM IST

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

इंदौर। भारत सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर लगी रोक के चलते जहां कृषि उपज मंडियों में गेहूं के भाव लगातार घट रहे हैं वहीं किसानों को मंडियों में भी समर्थन मूल्य से कम दामों पर गेहूं बेचना पड़ रहा है. इस स्थिति के बीच देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट कर दिया है कि देश के नागरिकों को सस्ता गेहूं उपलब्ध होता रहे इसलिए गेहूं का निर्यात पर रोक लगाई गई है. उन्होंने कहा जब परिस्थितियां ऐसी हो कि एक्सपोर्ट और इंपोर्ट पर विचार करना हो तो सरकार पहले अपने देश का और देश के नागरिकों का ध्यान रखती है उसके बाद ही नीतियां बनाई जाती हैं.

कृषि मंत्री ने कहा हमारी प्रतिबद्धता: इस बार मंडियों में गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए निर्धारित है लेकिन फसल में नमी और मिट्टी समेत अन्य कारणों से किसानों को गेहूं प्रति कुंटल 2 हजार रुपए से भी कम में बेचना पड़ रहा है. जिससे देशभर के किसानों में खासी नाराजगी है. जो गेहूं लेकर किसान मंडियों में पहुंच रहे हैं उनके भी ऑनलाइन स्लॉट बुक नहीं होने के कारण मंडियों में गेहूं बिक्री को लेकर खासी परेशानी हो रही है. इस बीच इंदौर पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गेहूं की घटती कीमतों पर बड़ा बयान देते हुए कहा वर्तमान परिस्थितियों में सरकार को सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों का ध्यान रखना पड़ रहा है. किसान को अच्छा दाम मिले यह हमारी प्राथमिकता है लेकिन उपभोक्ता को सामान सस्ता मिले यह भी हमारी प्रतिबद्धता है और दूसरा जब परिस्थितियां ऐसी रहती हैं कि एक्सपोर्ट और इंपोर्ट पर विचार करना हो तो सरकार पहले अपने देश का और अपने देश के नागरिकों का ध्यान रखती है उसके बाद ही नीतियां तैयार की जाती हैं.

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गेंहू की कीमतों में गिरावट: केंद्रीय कृषि मंत्री के इस बयान से किसानों में और निराशा हो सकती है क्योंकि मध्यप्रदेश में ही फरवरी से मार्च माह के बीच गेहूं की कीमतों में करीब 950 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है. 1 फरवरी को प्रदेश की कृषि मंडियों में जो गेहूं 3112 रुपए कुंटल तक बिक रहा था. मार्च माह में उसकी कीमत 2160 रुपए तक रह गई है. इस बीच बड़ी संख्या में किसान अब मजबूरी में अच्छे किस्म का गेहूं भी उपार्जन केंद्रों पर 2125 रुपए के भाव में बेच रहे हैं. इसे लेकर भी परेशानी यह है कि मंडियों में तत्काल पेमेंट नहीं होने की भी परेशानी किसानों को झेलनी पड़ रही है. इधर इस स्थिति से किसान खासे नाराज हैं वहीं हाल ही में किसानों ने प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों पर प्रति क्विंटल 3000 रुपए तक गेहूं की कीमतें करने की मांग की थी भारतीय किसान संघ ने भी यही मांग गेहूं की बिक्री को लेकर दोहराई है.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

इंदौर। भारत सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर लगी रोक के चलते जहां कृषि उपज मंडियों में गेहूं के भाव लगातार घट रहे हैं वहीं किसानों को मंडियों में भी समर्थन मूल्य से कम दामों पर गेहूं बेचना पड़ रहा है. इस स्थिति के बीच देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट कर दिया है कि देश के नागरिकों को सस्ता गेहूं उपलब्ध होता रहे इसलिए गेहूं का निर्यात पर रोक लगाई गई है. उन्होंने कहा जब परिस्थितियां ऐसी हो कि एक्सपोर्ट और इंपोर्ट पर विचार करना हो तो सरकार पहले अपने देश का और देश के नागरिकों का ध्यान रखती है उसके बाद ही नीतियां बनाई जाती हैं.

कृषि मंत्री ने कहा हमारी प्रतिबद्धता: इस बार मंडियों में गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए निर्धारित है लेकिन फसल में नमी और मिट्टी समेत अन्य कारणों से किसानों को गेहूं प्रति कुंटल 2 हजार रुपए से भी कम में बेचना पड़ रहा है. जिससे देशभर के किसानों में खासी नाराजगी है. जो गेहूं लेकर किसान मंडियों में पहुंच रहे हैं उनके भी ऑनलाइन स्लॉट बुक नहीं होने के कारण मंडियों में गेहूं बिक्री को लेकर खासी परेशानी हो रही है. इस बीच इंदौर पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गेहूं की घटती कीमतों पर बड़ा बयान देते हुए कहा वर्तमान परिस्थितियों में सरकार को सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों का ध्यान रखना पड़ रहा है. किसान को अच्छा दाम मिले यह हमारी प्राथमिकता है लेकिन उपभोक्ता को सामान सस्ता मिले यह भी हमारी प्रतिबद्धता है और दूसरा जब परिस्थितियां ऐसी रहती हैं कि एक्सपोर्ट और इंपोर्ट पर विचार करना हो तो सरकार पहले अपने देश का और अपने देश के नागरिकों का ध्यान रखती है उसके बाद ही नीतियां तैयार की जाती हैं.

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