इंदौर। भीषण गर्मी में पानी की किल्लत ने तो लोगों को परेशान कर ही रखा है, ऊपर से अघोषित बिजली कटौती लोगों का सब्र तोड़ रही है. लोग सरकार का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में ऊर्जा विभाग डैमेज कंट्रोल करने में जुट गया है. ऊर्जा विभाग ने दावा किया है कि शिवराज सरकार में इससे ज्यादा बिजली कटौती होती थी.
ऊर्जा विभाग ने आंकड़ों को सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार की तुलना में शिवराज सरकार में बिजली कटौती की स्थिति ज्यादा गंभीर थी, जबकि बीजेपी कांग्रेस पर आरोप लगा रही है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया है कि कमलनाथ सरकार ने किसानों का बिल आधा करने का वादा किया था, लेकिन बिजली ही आधी कर दी. ऐसी सरकार को प्रदेश से चले जाना चाहिए.
वहीं, ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं पर भी अघोषित बिजली कटौती नहीं हो रही है. अगर बिजली जा भी रही है तो वो अघोषित कटौती नहीं है.
बीते 5 सालों का बिजली कटौती का हिसाब
साल 33 केवी फीडर 11 केवी फीडर
2015 314 बार 6797 बार
2016 110 1754
2017 182 1825
2018 89 1003
2019 97 398
मिनट के हिसाब से कटौती का विवरण
साल मिनट
2015 6932 मिनट
2016 1505 मिनट
2017 1450 मिनट
2018 484 मिनट
2019 405 मिनट
शटडाउन या मेंटेनेंस
2015 - 3104 बार
2016 - 2018 बार
2017 - 1537 बार
2018 - 1918 बार
2019 में मई माह में 273 बार ही शटडाउन किया गया है, जो निर्धारित मेंटेनेंस के लिए 11 केवी फीडर पर हुआ है.