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बिल आधा करने का वादा कर कांग्रेस ने बिजली कर दी आधी, अघोषित कटौती पर बीजेपी का पलटवार

बिजली कटौती को लेकर प्रदेश में घमासान मचा है. बीजेपी कांग्रेस का घेराव कर रही है तो वहीं कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में लगी है, इसी सिलसिले में मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बिजली कटौती के कुछ आंकड़े साझा किए हैं.

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Published : Jun 13, 2019, 2:15 PM IST

बिजली कटौती पर कांग्रेस-बीजेपी आए आमने-सामने

इंदौर। भीषण गर्मी में पानी की किल्लत ने तो लोगों को परेशान कर ही रखा है, ऊपर से अघोषित बिजली कटौती लोगों का सब्र तोड़ रही है. लोग सरकार का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में ऊर्जा विभाग डैमेज कंट्रोल करने में जुट गया है. ऊर्जा विभाग ने दावा किया है कि शिवराज सरकार में इससे ज्यादा बिजली कटौती होती थी.

बिजली कटौती पर कांग्रेस-बीजेपी आए आमने-सामने

ऊर्जा विभाग ने आंकड़ों को सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार की तुलना में शिवराज सरकार में बिजली कटौती की स्थिति ज्यादा गंभीर थी, जबकि बीजेपी कांग्रेस पर आरोप लगा रही है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया है कि कमलनाथ सरकार ने किसानों का बिल आधा करने का वादा किया था, लेकिन बिजली ही आधी कर दी. ऐसी सरकार को प्रदेश से चले जाना चाहिए.
वहीं, ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं पर भी अघोषित बिजली कटौती नहीं हो रही है. अगर बिजली जा भी रही है तो वो अघोषित कटौती नहीं है.

बीते 5 सालों का बिजली कटौती का हिसाब

साल 33 केवी फीडर 11 केवी फीडर
2015 314 बार 6797 बार
2016 110 1754
2017 182 1825
2018 89 1003
2019 97 398

मिनट के हिसाब से कटौती का विवरण
साल मिनट
2015 6932 मिनट
2016 1505 मिनट
2017 1450 मिनट
2018 484 मिनट
2019 405 मिनट

शटडाउन या मेंटेनेंस
2015 - 3104 बार
2016 - 2018 बार
2017 - 1537 बार
2018 - 1918 बार
2019 में मई माह में 273 बार ही शटडाउन किया गया है, जो निर्धारित मेंटेनेंस के लिए 11 केवी फीडर पर हुआ है.

इंदौर। भीषण गर्मी में पानी की किल्लत ने तो लोगों को परेशान कर ही रखा है, ऊपर से अघोषित बिजली कटौती लोगों का सब्र तोड़ रही है. लोग सरकार का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में ऊर्जा विभाग डैमेज कंट्रोल करने में जुट गया है. ऊर्जा विभाग ने दावा किया है कि शिवराज सरकार में इससे ज्यादा बिजली कटौती होती थी.

बिजली कटौती पर कांग्रेस-बीजेपी आए आमने-सामने

ऊर्जा विभाग ने आंकड़ों को सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार की तुलना में शिवराज सरकार में बिजली कटौती की स्थिति ज्यादा गंभीर थी, जबकि बीजेपी कांग्रेस पर आरोप लगा रही है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया है कि कमलनाथ सरकार ने किसानों का बिल आधा करने का वादा किया था, लेकिन बिजली ही आधी कर दी. ऐसी सरकार को प्रदेश से चले जाना चाहिए.
वहीं, ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं पर भी अघोषित बिजली कटौती नहीं हो रही है. अगर बिजली जा भी रही है तो वो अघोषित कटौती नहीं है.

बीते 5 सालों का बिजली कटौती का हिसाब

साल 33 केवी फीडर 11 केवी फीडर
2015 314 बार 6797 बार
2016 110 1754
2017 182 1825
2018 89 1003
2019 97 398

मिनट के हिसाब से कटौती का विवरण
साल मिनट
2015 6932 मिनट
2016 1505 मिनट
2017 1450 मिनट
2018 484 मिनट
2019 405 मिनट

शटडाउन या मेंटेनेंस
2015 - 3104 बार
2016 - 2018 बार
2017 - 1537 बार
2018 - 1918 बार
2019 में मई माह में 273 बार ही शटडाउन किया गया है, जो निर्धारित मेंटेनेंस के लिए 11 केवी फीडर पर हुआ है.

Intro:प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बिजली कटौती के नाम पर बन रही विरोध और भ्रम की स्थिति के चलते अब ऊर्जा विभाग डैमेज कंट्रोल के मोड में है अब विभाग ने प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों के उन आंकड़ों को खंगाला है जिसमें शिवराज सरकार और कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान बिजली जाने की स्थिति का आकलन किया गया है साथ ही अब विभाग इन आंकड़ों को सार्वजनिक करते हुए दावा कर रहा है कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार की तुलना में शिवराज सरकार में बिजली कटौती की स्थिति ज्यादा गंभीर थी जबकि भारतीय जनता पार्टी के लोग उलटे कांग्रेस सरकार पर लगा रहे हैं हालांकि भाजपा का स्पष्ट आरोप है की कमलनाथ सरकार ने किसानों के बिल आधे करने के वादे किए थे लेकिन बिजली ही आधी कर दी हालांकि अब ऊर्जा विभाग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि कटौती का दुष्प्रचार भाजपा की देन है l इस बीच विभाग ने निर्णय लिया है कि विपरीत से विपरीत स्थितियों में भी विद्युत ब्याव धान न हो यही नहीं बारिश के सीजन में ट्रिपिंग और फाइट को लेकर भी एक्शन प्लान तैयार किया गया है इसके अलावा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अधिकारियों को सुबह 8:00 बजे से रात में 12:00 बजे तक मोर्चे पर डटे रहने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही शटडाउन की स्थिति में अब उपभोक्ताओं को सूचित करने का भी निर्णय लिया गया है दरअसल बिजली के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा क्रमिक विरोध के चलते अब विभाग की नजर उन फील्ड के कर्मचारियों पर भी है जो जानबूझकर विद्युत व्यवधान के दोषी बन सकते हैं लिहाजा विभाग ने स्पष्ट किया है कि आमतौर पर किसी के खिलाफ सीधे कार्रवाई नहीं होगी लेकिन प्रमाण पाए जाने पर उसे बख्शा भी नहीं जाएगा


Body:बीते 5 सालों में मई माह में विद्युत व्यवधान
साल 33 केवी फीडर 11 केवी फीडर
2015 314 बार 6797 बार
2016 110 1754
2017 182 1825
2018 89 1003
2019 97 398

इस दौरान 2015 में 6932 मिनिट 2016 में 1505 मिनिट 2017 में 1450 मिनट दो 2018 में 4 से 84 मिनट और 2019 में मई माह में 405 मिनट 4 जून माह में 1 से 6 जून तक 334 मिनट लाइट मैं व्यवधान उत्पन्न हुआ है
इसी प्रकार इन सालों में क्रमशः शटडाउन या मेंटेनेंस पर गौर किया जाए तो 2015 में 3104 बार 2016 में 2018 बार 2017 में 1537 बार 2018 में 19 सौ अट्ठारह बार और 2019 में मई माह में 273 बार ही शटडाउन किया गया है जो निर्धारित मेंटेनेंस के लिए 11 केवी फीडर पर हुआ है



Conclusion:बाइट कैलाश विजयवर्गीय भाजपा महासचिव
बाइट प्रियव्रत सिंह ऊर्जा मंत्री
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