इंदौर। देशभर में फैली महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए पुलिसकर्मी दिन-रात ऑन ड्यूटी हैं. वहीं प्रशासन ने इस दौरान पुलिसकर्मियों की कर्मठता के साथ अपने पेशे के प्रति जुनून और जोश देखते हुए रिटायरमेंट होने के बावजूद संविदा नियुक्ति पर कई अधिकारियों को नियुक्त किया है. उन्हीं में एक हैं इंदौर, मल्हारगंज के CSP शेष नायारण तिवारी. जो इस महामारी के समय में पूरे क्षेत्र में सख्ती से लॉकडाउन का पालन करवा रहे हैं साथ ही नए पुलिसकर्मियों को इस कोरोना संकट काल में फील्ड ट्रेनिंग दे रहे हैं.
इसी बीच मल्हारगंज CSP शेष नायारण तिवारी ने ETV भारत से खासबात की, उन्होंने बताया कि कैसे वो फील्ड पर पुलिसकर्मियों से ट्रेनिंग करा रहे हैं और कैसे उनका कारवां बढ़ रहा है.
रिटायरमेंट के बाद आए कोरोना से निपटने
मल्हारगंज CSP शेष नायारण तिवारी का हाल ही में 62 साल की उम्र में अपनी सेवा से रिटायरमेंट हुए थे. लेकिन रिटायरमेंट के तुरंत बाद ही देशभर में कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी, जिससे इंदौर अछूता नहीं रहा.
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इस महामारी के संकट काल के दौरान विभाग ने अपने सबसे काबिल अधिकारियों को संविदा पर नियुक्ति देकर वापस से उनकी सेवाएं स्टार्ट की हैं. इसी क्रम में मल्हारगंज CSP शेष नारायण तिवारी को भी संविदा पर नियुक्ति दी गई, जिसके बाद शेष नारायण तिवारी लगातार लॉकडाउन में अपने क्षेत्र के थाना क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे हैं और सख्ती से लॉकडाउन का पालन करवा रहे हैं.
पूरी टीम चलती है रोजाना 10 किलोमीटर
CSP शेष नारायण तिवारी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वे रोजाना 8 से 10 किलोमीटर अपनी टीम के साथ पैदल चलते हैं. इस दौरान जहां भी लापरवाही नजर आती है, वहां पर सख्त कार्रवाई करने के साथ ही सख्ती से लॉकडाउन का पालन भी करवा रहे हैं.
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घर वालों ने किया एप्रिशिएट
ETV भारत से बातचीत के दौरान शेष नारयण तिवारी ने बताया कि जब वो रिटायरमेंट के बाद घर में बैठे थे, उसी दौरान कोरोना संकटकाल भी आ गया. जिसके बाद विभाग के अधिकारियों ने उनसे ड्यूटी ज्वॉइन करने की बात कही. इस पर उन्होंने घर पर चर्चा की तो परिवार के सदस्यों ने उन्हें एप्रिशिएट किया कि वो इस संकट की घड़ी में वापस ड्यूटी ज्वॉइन करें.
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मदद के लिए आते हैं जरूरतमंद
CSP शेष नारायण तिवारी ने यह भी बताया कि ड्यूटी के दौरान कई जरूरतमंद भी उनके पास पहुंचते हैं, जिनकी वो मदद करते हैं. वहीं जब से लॉकडाउन की ड्यूटी लगी है, तब से वो परिवार से दूर हैं. कभी-कभी मुलाकात होती है वो भी सिर्फ दूर से ही.