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धर्मांतरण की चुनौतियों से परेशान है मध्य प्रदेश सरकार की धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर

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Published : Jul 10, 2021, 9:55 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार की धर्म एवं संस्कृति मंत्री खुद धर्मांतरण की चुनौतियों से परेशान है. यह खुलासा खुद मंत्री उषा ठाकुर ने किया है. उषा ठाकुर ने बताया कि उनके क्षेत्र में अवैध रूप से अधिगृहित की गई जमीन को मिशनरी से मुक्त करवाकर वहां आंगनबाड़ी और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुलवाया गया है.

धर्मांतरण की चुनौतियों से परेशान है मध्य प्रदेश सरकार की धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर
धर्मांतरण की चुनौतियों से परेशान है मध्य प्रदेश सरकार की धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर

इंदौर। शिवराज सरकार धर्मांतरण गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने का दावा करती है. लेकिन उन्हीं की धर्म एवं संस्कृति मंत्री खुद ही धर्मांतरण की चुनौतियों से जूझ रही है. इंदौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उषा ठाकुर ने यह खुलासा किया है. उषा ठाकुर ने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र मऊ में कई तरह के धार्मिक संगठनों और मिशनरियों ने अवैध रूप से शिक्षण संस्थान और अन्य इमारत बना रखी थी. इसके अलावा करीब 70 बीघा जमीन पर अनाधिकृत तौर पर कब्जा कर वहां मिशन आधारित गतिविधियां संचालित हो रही थी.

मिशनरी के कब्जे से मुक्त करवाई जमीन

इस मामले की जानकारी देते हुए संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने बताया उस जमीन को खाली कराकर उस पर अब आंगनबाड़ी स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और स्व सहायता समूह संचालित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कट्टरपंथी संगठन और मिशनरी से जुड़े संगठन योजनाबद्ध तरीके से क्षेत्रों में पहुंचते हैं उसके बाद यह धीरे-धीरे अपने आंदोलन को हवा देते रहते हैं. उन्होंने बताया ऐसे संगठनों को विदेशी मिशनरियों के जरिए फंडिंग भी हो रही है उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चिकली और नाहर कोदरा का जिक्र करते हुए कहा इन दोनों इलाकों में मिशन आधारित धर्मांतरण गतिविधियां चल रही थी और करीब 70 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया था.

प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी सरकार पर उठाए सवाल, कहा- लव जिहाद के मामले में कार्रवाई नहीं कर रही पुलिस

जल्द लागू हो सामान नागरिक संहिता

राज्य सरकार की धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें हाईकोर्ट ने समान आचार संहिता लागू करने संबंधी दिशा निर्देश लागू किए हैं. उषा ठाकुर ने कहा समान नागरिक संहिता देश की अनिवार्य आवश्यकता है. क्योंकि कट्टरपंथ और मिशनरी आधारित गतिविधियां इसके माध्यम से ही नियंत्रित हो सकती हैं. उन्होंने कहा मालवा अंचल क्षेत्र में एक विशेष प्रकार का व्रत भी होता है, जिसमें महिलाएं साल में 1 दिन समान आचार संहिता लागू करने के लिए प्रार्थना करती है, उषा ठाकुर ने कहा कि शायद उन तमाम महिलाओं की प्रार्थना स्वीकार हो गई है, जिसके चलते दिल्ली हाईकोर्ट ने यह स्वागत योग्य निर्देश दिए हैं.

इंदौर। शिवराज सरकार धर्मांतरण गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने का दावा करती है. लेकिन उन्हीं की धर्म एवं संस्कृति मंत्री खुद ही धर्मांतरण की चुनौतियों से जूझ रही है. इंदौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उषा ठाकुर ने यह खुलासा किया है. उषा ठाकुर ने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र मऊ में कई तरह के धार्मिक संगठनों और मिशनरियों ने अवैध रूप से शिक्षण संस्थान और अन्य इमारत बना रखी थी. इसके अलावा करीब 70 बीघा जमीन पर अनाधिकृत तौर पर कब्जा कर वहां मिशन आधारित गतिविधियां संचालित हो रही थी.

मिशनरी के कब्जे से मुक्त करवाई जमीन

इस मामले की जानकारी देते हुए संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने बताया उस जमीन को खाली कराकर उस पर अब आंगनबाड़ी स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और स्व सहायता समूह संचालित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कट्टरपंथी संगठन और मिशनरी से जुड़े संगठन योजनाबद्ध तरीके से क्षेत्रों में पहुंचते हैं उसके बाद यह धीरे-धीरे अपने आंदोलन को हवा देते रहते हैं. उन्होंने बताया ऐसे संगठनों को विदेशी मिशनरियों के जरिए फंडिंग भी हो रही है उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चिकली और नाहर कोदरा का जिक्र करते हुए कहा इन दोनों इलाकों में मिशन आधारित धर्मांतरण गतिविधियां चल रही थी और करीब 70 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया था.

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जल्द लागू हो सामान नागरिक संहिता

राज्य सरकार की धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें हाईकोर्ट ने समान आचार संहिता लागू करने संबंधी दिशा निर्देश लागू किए हैं. उषा ठाकुर ने कहा समान नागरिक संहिता देश की अनिवार्य आवश्यकता है. क्योंकि कट्टरपंथ और मिशनरी आधारित गतिविधियां इसके माध्यम से ही नियंत्रित हो सकती हैं. उन्होंने कहा मालवा अंचल क्षेत्र में एक विशेष प्रकार का व्रत भी होता है, जिसमें महिलाएं साल में 1 दिन समान आचार संहिता लागू करने के लिए प्रार्थना करती है, उषा ठाकुर ने कहा कि शायद उन तमाम महिलाओं की प्रार्थना स्वीकार हो गई है, जिसके चलते दिल्ली हाईकोर्ट ने यह स्वागत योग्य निर्देश दिए हैं.

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