इंदौर। कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में सस्ती बिजली मुहैया कराने वाले सासन पॉवर प्रोजेक्ट के लिए अनिल अंबानी समूह को बकाया राशि का भुगतान करने के लिए राहत दी है. बिजली पानी और माइनिंग के रॉयल्टी के भुगतान की मियाद एक साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी गई है. इस मामले पर सरकार ने सफाई दी है कि कर्ज में डूबे अनिल अंबानी सासन पॉवर प्रोजेक्ट छोड़कर जाने वाले थे लेकिन कमलनाथ सरकार ने सस्ती बिजली मुहैया कराने की दिशा में सासन पॉवर प्रोजेक्ट को ये राहत दी है.
चार साल का मिला समय
रिलायंस समूह के सासन पॉवर प्रोजेक्ट से राज्य सरकार को सस्ती बिजली मुहैया करा रहा है. इस प्रोजेक्ट की रॉयल्टी के बकाया राशि के रूप में मध्यप्रदेश शासन को समूह से 450 करोड़ रूपए वसूलना है. रिलायंस समूह इस राशि का भुगतान कई सालों से नहीं कर पा रहा है. लिहाजा पॉवर प्रोजेक्ट बीच में ही छोड़कर जाने की आशंका के चलते कमलनाथ सरकार ने भुगतान की मियाद साल 2024-25 तक बढ़ा दी है. पहले अनिल अंबानी को ये राशि एक साल में चुकानी थी. लेकिन अनिल अंबानी चार सालों में अब इस राशि का भुगतान एकमुश्त करने के बजाय किस्तों में कर सकेंगे.
जानकारी के मुताबिक सासन पॉवर प्रोजेक्ट से बिजली के कुल उत्पादन की 37 फीसदी बिजली मध्य प्रदेश को मिलती है. इसकी कीमत डेढ़ रुपए प्रति यूनिट है. उद्योग विभाग के अनुसार 27 हजार करोड़ के सासन पॉवर प्रोजेक्ट से हर साल सरकार को 2800 करोड़ रूपए की बचत हो रही है. दरअसल मध्य प्रदेश की निवेश प्रोत्साहन पॉलिसी में भी प्रावधान है कि 500 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली कंपनी को 12 साल तक की छूट मिल सकती है जिससे कि वह बकाया राशि चुका सके.
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अनिल अंबानी समूह ने शिवराज सरकार के कार्यकाल में घोषणा की थी की उनका समूह 32 करोड़ के डिफेंस प्रोजेक्ट की स्थापना भोपाल में करेगा. इसके अलावा रिलायंस समूह का विश्वविद्यालय भी खोला जाएगा. लेकिन आर्थिक तंगी के चलते कंपनी इन दोनों प्रोजेक्ट से हाथ खींच चुकी है. वहीं अब बताया जा रहा है कि शिवपुरी के पास कंपनी ने 65 हेक्टेयर जमीन ली है, जिसमें गोली बारूद का निर्माण किया जाएगा.