इंदौर। शहर के 62 वर्षीय रियल एस्टेट कारोबारी परमानंद तोलानी 17 बार अलग-अलग चुनावों में अपनी जमानत राशि गंवा चुके हैं. इसके बावजूद इस बार फिर मैदान में हैं. अगले महीने इंदौर में होने वाले मेयर चुनाव के लिए उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले कारोबारी परमानंद तोलानी को दो पीढ़ियों तक बिना किसी चुनावी जीत के चुनाव लड़ने और हर बार लगातार अपनी जमानत गंवाने की अनूठी परंपरा के लिए जाना जाता है. शहर में वह 'इंदौरी धरतीपकड़' के नाम से मशहूर हैं.
महापौर पद के लिए फिर निर्दलीय प्रत्याशी : इंदौर नगर निगम में महापौर पद के लिए परमानंद तोलानी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया, जिसके लिए 6 जुलाई को मतदान होना है. रविवार को पीटीआई से बात करते हुए तोलानी ने कहा कि उम्मीदवार के तौर पर यह मेरे जीवन का 18वां चुनाव होगा. मैंने कुल 17 चुनाव लड़े हैं. इनमें मेयर पद के चुनाव के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी शामिल हैं.
पारिवारिक परंपरा निभा रहे हैं तोलानी : रियल एस्टेट व्यवसायी ने कहा कि हर बार जमानत राशि जब्त होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से चुनाव लड़कर अपनी "पारिवारिक परंपरा" का पालन करना जारी रखा. मेरे पिता मेथाराम तोलानी ने अपने जीवनकाल में 30 वर्षों तक लगातार अलग-अलग चुनाव लड़े. 1988 में उनकी मृत्यु के बाद मैंने 1989 के बाद से चुनाव लड़ना शुरू किया. (Lost bail 17 times but not lose courage) (Indori Dhartipakd again in election fray) (Indore Mayor election)