इंदौर। इंदौर लोकसभा सीट से लगातार आठ बार तक सांसद रहीं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन इन दिनों रेल मंत्रालय से खासी खफा हैं. हाल ही में उनकी यह नाराजगी अपने उस पत्र से उजागर हो गई, जो उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखा है. सुमित्रा महाजन ने अपना दर्द बयां करते हुए लिखा है कि मेरे वहां ना रहते हुए रेलवे लगातार इंदौर की उपेक्षा कर रहा है.
हाल ही में वायरल हुए उनके पत्र से इस मामले को लेकर सियासत गरमा गई है. उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए स्पष्ट किया है कि उनके पद पर ना रहने के कारण इंदौर से विभिन्न शहरों के लिए चलाई गईं ट्रेनें एक के बाद एक करके बंद की जा रही हैं. इस संबंध में उन्होंने पहली बार सीधे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को आपत्ति जताते हुए पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा कि इंदौर से अजमेर के बीच 3 जोड़ी इंदौर से चित्तौड़गढ़ के बीच 7 जोड़ी गाड़ियों का संचालन प्रतिदिन किया जाता था, लेकिन अब रेलवे की नई समय सारणी में इंदौर से जयपुर के बीच चलने वाली लिंक एक्सप्रेस का संचालन बंद किया जा रहा है. उन्होंने लिखा है कि ऐसी स्थिति में अब अजमेर के लिए इंदौर से केवल एक गाड़ी प्रतिदिन उपलब्ध होगी. इंदौर से कई सालों तक शत-प्रतिशत क्षमता के साथ चलने वाली यात्री गाड़ी को अचानक बंद करना आश्चर्यजनक है.
सुमित्रा महाजन ने लिखा कि गति बढ़ाने जैसे छोटे मोटे कारण दिखाकर आम लोगों से यात्री सुविधा छीनना सर्वथा अनुचित है. रेलवे को ऐसे निर्णय लेने के पहले जनप्रतिनिधियों और रेल उपयोगकर्ताओं और परामर्श दात्री समितियों से विचार विमर्श जरुर कर लेना चाहिए.
ऐसे उजागर हुआ दर्द
8 बार से लगातार लोकसभा सांसद रहीं सुमित्रा महाजन ने इस तरह की चिट्ठी कभी भी किसी मंत्रालय को नहीं लिखी. हालांकि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें पार्टी आलाकमान ने टिकट नहीं दी. इसके बाद से ही वे नाराज बताई जा रही हैं. उम्मीद की जा रही थी कि पार्टी आलाकमान उन्हें किसी न किसी राज्य में राज्यपाल की जिम्मेदारी देगा, लेकिन ऐसा भी नहीं हो सका. लिहाजा सुमित्रा महाजन अब धीरे-धीरे पार्टी गतिविधियों एवं पार्टी के तमाम कार्यक्रमों से नदारद हैं.
कुछ भी बोलने से किया इंकार
सुमित्रा महाजन ने चिट्ठी में लिखा है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मेरे वहां ना होने के बाद रेलवे निरंतर इंदौर की उपेक्षा कर रहा है. रेलवे परियोजनाओं को स्थगित करना वर्तमान सुविधाओं में कमी करना व घोषित सुविधाओं तथा नई सुविधाओं को ना देना इसका ताजा उदाहरण है. उन्होंने रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल से अपेक्षा की है कि आपके होते हुए रेल अधिकारी इस तरह के निर्णय ले यह मेरे समझ से परे हैं.
शंकर लालवानी दे रहे सफाई
6 जुलाई को रेल मंत्रालय को भेजी गई चिट्ठी को लेकर अब उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. हालांकि चिट्ठी हाल ही में वायरल हुई तो इससे वर्तमान सांसद शंकर लालवानी के इंदौर में रेलवे सुविधाओं को लेकर किए जाने वाले कथित प्रयासों पर भी सवालिया निशान लग गए. लिहाजा अब वे सफाई देते नजर आ रहे हैं.