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विधायक लक्ष्मण सिंह के फिर पार्टी विरोध बोल, कहा- CAA कानून सभी को मानना चाहिए

कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एक तरफ कांग्रेस खुल कर सीएए का विरोध कर रही है. वहीं दूसरी ओर लक्ष्मण सिंह का कहना है कि लोकसभा और राज्यसभा से कोई कानून बना है तो उसे सभी को मानना चाहिए.

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पार्टी के विरोध जाकर लक्ष्मण सिंह ने किया सीएए का समर्थन
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Published : Feb 26, 2020, 7:14 AM IST

इंदौर। सीएए का पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भले खुलकर विरोध कर रहे हो, लेकिन उनके ही भाई विधायक लक्ष्मण सिंह ने खुल कर सीएए का समर्थन किया है. उनका कहना है कि लोकसभा और राज्यसभा से कोई कानून बना है तो उसे सभी को मानना चाहिए. उन्होंने दिल्ली में हुई हिंसा की घोर निंदा की है.

इंदौर में मीडिया से चर्चा के दौरान लक्ष्मण सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उनके बड़े भाई मुख्यमंत्री थे तो उस वक्त कांग्रेस की सरकार में पावर डिसेंट्रलाइजेशन किया गया था. पंचायतों को अधिकार दिए थे. पावर को बांटा गया था, लेकिन अभी पावर का सेंट्रलाइजेशन है. कमलनाथ ने सारा पावर अपने पास रखा है.

इंदौर के डेली कॉलेज में होने जा रहे आईफा अवार्ड को लेकर भी लक्ष्मण सिंह ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि वह खुद डेली कॉलेज छात्र रह चुके हैं. आईफा अवार्ड स्कूल में होने से वहां रिहर्सल होगी. बड़े-बड़े साउंड बजेंगे. बच्चों के इम्तिहान सर पर हैं. इससे उनका नुकसान होगा. इस मार्फत उन्होंने डेली कॉलेज के प्राचार्य और सरकार को सुझाव पेश किए हैं. उन्होंने कहा कि इंदौर बहुत बड़ी जगह है और कहीं भी आईफा अवार्ड हो सकता है.

उन्होंने कहा कि कमलनाथ की उम्र 75 से 76 साल हो चुकी है. बावजूद इसके वह बहुत मेहनत करते हैं. अभी कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी उनके पास है. जिस दिन उपयुक्त उम्मीदवार मिल जाएगा उस दिन कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर हो जाएगी. ट्रम्प के दौरे को लेकर कहा कि रक्षा सौदा होना बहुत जरूरी था, लेकिन उनके आदर सत्कार में 100 करोड़ रुपए की राशि खर्च करना है कोई इवेंट जैसा लगता है.

इंदौर। सीएए का पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भले खुलकर विरोध कर रहे हो, लेकिन उनके ही भाई विधायक लक्ष्मण सिंह ने खुल कर सीएए का समर्थन किया है. उनका कहना है कि लोकसभा और राज्यसभा से कोई कानून बना है तो उसे सभी को मानना चाहिए. उन्होंने दिल्ली में हुई हिंसा की घोर निंदा की है.

इंदौर में मीडिया से चर्चा के दौरान लक्ष्मण सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उनके बड़े भाई मुख्यमंत्री थे तो उस वक्त कांग्रेस की सरकार में पावर डिसेंट्रलाइजेशन किया गया था. पंचायतों को अधिकार दिए थे. पावर को बांटा गया था, लेकिन अभी पावर का सेंट्रलाइजेशन है. कमलनाथ ने सारा पावर अपने पास रखा है.

इंदौर के डेली कॉलेज में होने जा रहे आईफा अवार्ड को लेकर भी लक्ष्मण सिंह ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि वह खुद डेली कॉलेज छात्र रह चुके हैं. आईफा अवार्ड स्कूल में होने से वहां रिहर्सल होगी. बड़े-बड़े साउंड बजेंगे. बच्चों के इम्तिहान सर पर हैं. इससे उनका नुकसान होगा. इस मार्फत उन्होंने डेली कॉलेज के प्राचार्य और सरकार को सुझाव पेश किए हैं. उन्होंने कहा कि इंदौर बहुत बड़ी जगह है और कहीं भी आईफा अवार्ड हो सकता है.

उन्होंने कहा कि कमलनाथ की उम्र 75 से 76 साल हो चुकी है. बावजूद इसके वह बहुत मेहनत करते हैं. अभी कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी उनके पास है. जिस दिन उपयुक्त उम्मीदवार मिल जाएगा उस दिन कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर हो जाएगी. ट्रम्प के दौरे को लेकर कहा कि रक्षा सौदा होना बहुत जरूरी था, लेकिन उनके आदर सत्कार में 100 करोड़ रुपए की राशि खर्च करना है कोई इवेंट जैसा लगता है.

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