इंदौर। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में धरना दे रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर गुरुवार रात लाठीचार्ज किए जाने का मामला गरमा गया है. इस घटना के बाद कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर के धरना स्थल पर पहुंचने के बाद प्रदर्शनकारियों की शिकायत पर इस लाठीचार्ज की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
इसके साथ ही इस मामले में प्राथमिक रूप से जिम्मेदार बताए जा रहे इंदौर के सर्राफा थाने के टीआई को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एडिशनल एसपी गुरु प्रसाद पाराशर का तबादला कर दिया गया है.
ये था मामला
शहर के बड़वाली चौकी क्षेत्र में कल रात बड़ी संख्या में लोग एनआरसी के विरोध में धरना दे रहे थे. धरना देते हुए प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर ही सो भी गए. उसी दौरान पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किया गया. शाम होते-होते सरकार एक्शन मोड में आई. इसके बाद फिर कार्रवाई का दौर शुरू हुआ. इंदौर कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
एएसपी और टीआई पर गिरी गाज
इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हुए हैं. जांच प्रभावित न हो इसलिए टीआई और एडिशनल एसपी पर कार्रवाई की गई है. जिनके नाम जांच में आएंगे उन पर भी कार्रवाई की जाएगी. सीएए और एनआरसी के विरोध में धरना देने वाले महिला-पुरुषों को पीटे जाने के आरोप में सराफा टीआई आरएन भदौरिया को लाइन अटैच कर दिया गया है. एडिशनल एसपी गुरुप्रसाद पाराशर को भोपाल पीएचक्यू भेजा गया है.
20 से अधिक प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज
इस मामले में पुलिस ने 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किया था. इसके अलावा पुलिस लगातार धरना खत्म करने के लिए दबाव बना रही थी, हालांकि यहां पर महिलाएं भी धरने पर बैठी थीं, जिन्हें हटाने को लेकर हुए विवाद के बाद यह स्थिति बनी है. बीते दिन कांग्रेस नेता शोभा ओझा से भी प्रदर्शनकारियों ने शिकायत की थी. नतीजतन शाम होते-होते सरकार ने कार्रवाई कर दी. इस कार्रवाई का बीजेपी नेताओं ने विरोध किया है.