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देश के पहले मूक- बधिर सरपंच बनेंगे इंदौर के लालू, गांव की सड़क बनवाने का किया वादा

इंदौर के डांसरी ग्राम पंचायत के रहने वाले लालू देश के पहले मूक-बधिर सरपंच बनेंगे. क्योंकि इस गांव में वो एसटी वर्ग के इकलौते मतदाता हैं.

Lalu from Indore to become countrys first silent-deaf sarpanch
मूक-बधिर लालू बनेगा देश का पहला सरपंच
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Published : Feb 10, 2020, 5:45 PM IST

Updated : Feb 10, 2020, 8:13 PM IST

इंदौर। डांसरी ग्राम पंचायत को देश का पहला मूक- बधिर सरपंच मिलने जा रहा है. राज्य में आगामी दिनों में होने वाले पंचायत चुनाव में लालू की जीत तय मानी जा रही है. बता दें कि डांसरी गांव को कुछ समय पहले ही ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया है, इसके साथ ही पंचायत चुनाव में ये सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गई है. इस गांव में लालू एकलौते एसटी वर्ग के मतदाता हैं.

मूक-बधिर लालू बनेगा देश का पहला सरपंच

आखिर कैसे चमका लालू का नसीब
दरअसल, इंदौर से करीब 40 किलोमीटर दूर डांसरी गांव की नवगठित पंचायत में हाल ही में जब रोटेशन पद्धति से सरपंच पद के लिए आरक्षण की लॉटरी निकाली गई, तो वो पद अनुसूचित जनजाति के युवक के लिए आरक्षित हुआ. ऐसे में गांव के इस युवक की भी लॉटरी लग गई, जो एकमात्र अनुसूचित जनजाति का होते हुए मूक-बधिर हैं.

वहीं जब क्षेत्रीय ग्रामीणों को आरक्षण के अनुसार और कोई आवेदक मिला ही नहीं, तो सभी ने मूक बधिर लालू को ही गांव का सरपंच बनाने का फैसला कर लिया है. नतीजतन एक हजार की आबादी वाले डांसरी गांव का सरपंच मूक बधिर होगा. जो पंचायत का जनप्रतिनिधि होने के कारण इशारों की भाषा में विकास कार्यों को अंजाम देते नजर आएंगे.

फिलहाल राज्य में ग्राम पंचायत चुनावों के कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन डांसरी के निवासियों के अनुसार आगामी पंचायत चुनाव में लालू का निर्विरोध सरपंच निर्वाचित होना लगभग तय है, क्योंकि लालू भी चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुके हैं.

मन में रही कुछ करने की चाह
गौरतलब है लालू के माता-पिता उसके बचपन में ही गुजर गए थे. वो पिछले 20 साल से डांसरी के एक परिवार के साथ रहकर खेती-बाड़ी कर रहे हैं. जो फिलहाल अशिक्षित भी हैं, लालू का कहना है कि, वो आगामी पंचायत चुनावों में सरपंच पद के लिये निश्चित तौर पर पर्चा दाखिल करेंगे.

ये है लालू का फोकस
मूक बधिर लालू किसानों के हित में काम करना चाहते हैं. इसके साथ ही, अपने गांव में नई सड़कें बनवाकर विकास में योगदान करना चाहते हैं. लालू को नवगठित डांसरी ग्राम पंचायत का सरपंच बनाने के लिये गांव में अभियान भी चलाया जा रहा है.

इंदौर। डांसरी ग्राम पंचायत को देश का पहला मूक- बधिर सरपंच मिलने जा रहा है. राज्य में आगामी दिनों में होने वाले पंचायत चुनाव में लालू की जीत तय मानी जा रही है. बता दें कि डांसरी गांव को कुछ समय पहले ही ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया है, इसके साथ ही पंचायत चुनाव में ये सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गई है. इस गांव में लालू एकलौते एसटी वर्ग के मतदाता हैं.

मूक-बधिर लालू बनेगा देश का पहला सरपंच

आखिर कैसे चमका लालू का नसीब
दरअसल, इंदौर से करीब 40 किलोमीटर दूर डांसरी गांव की नवगठित पंचायत में हाल ही में जब रोटेशन पद्धति से सरपंच पद के लिए आरक्षण की लॉटरी निकाली गई, तो वो पद अनुसूचित जनजाति के युवक के लिए आरक्षित हुआ. ऐसे में गांव के इस युवक की भी लॉटरी लग गई, जो एकमात्र अनुसूचित जनजाति का होते हुए मूक-बधिर हैं.

वहीं जब क्षेत्रीय ग्रामीणों को आरक्षण के अनुसार और कोई आवेदक मिला ही नहीं, तो सभी ने मूक बधिर लालू को ही गांव का सरपंच बनाने का फैसला कर लिया है. नतीजतन एक हजार की आबादी वाले डांसरी गांव का सरपंच मूक बधिर होगा. जो पंचायत का जनप्रतिनिधि होने के कारण इशारों की भाषा में विकास कार्यों को अंजाम देते नजर आएंगे.

फिलहाल राज्य में ग्राम पंचायत चुनावों के कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन डांसरी के निवासियों के अनुसार आगामी पंचायत चुनाव में लालू का निर्विरोध सरपंच निर्वाचित होना लगभग तय है, क्योंकि लालू भी चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुके हैं.

मन में रही कुछ करने की चाह
गौरतलब है लालू के माता-पिता उसके बचपन में ही गुजर गए थे. वो पिछले 20 साल से डांसरी के एक परिवार के साथ रहकर खेती-बाड़ी कर रहे हैं. जो फिलहाल अशिक्षित भी हैं, लालू का कहना है कि, वो आगामी पंचायत चुनावों में सरपंच पद के लिये निश्चित तौर पर पर्चा दाखिल करेंगे.

ये है लालू का फोकस
मूक बधिर लालू किसानों के हित में काम करना चाहते हैं. इसके साथ ही, अपने गांव में नई सड़कें बनवाकर विकास में योगदान करना चाहते हैं. लालू को नवगठित डांसरी ग्राम पंचायत का सरपंच बनाने के लिये गांव में अभियान भी चलाया जा रहा है.

Intro:
इंदौर, इसे लोकतंत्र की मजबूती कहें या फिर एक गरीब मूक बधिर युवक का सौभाग्य, कि वह देश का पहला मूक बधिर सरपंच बनाने जा रहा है, दरअसल इंदौर से करीब 40 किलोमीटर दूर डांसरी गांव की नवगठित पंचायत में हाल ही में जब रोटेशन पद्धति से सरपंच पद के लिए आरक्षण की लॉटरी निकाली गई तो वह पद अनुसूचित जनजाति के युवक के लिए आरक्षित हुआ, ऐसे में गांव के उस अनाथ युवक की भी लॉटरी खुल गई जो एकमात्र अनुसूचित जनजाति का होते हुए मूकबधिर भी था जब क्षेत्रीय ग्रामीणों को आरक्षण के अनुसार और कोई आवेदक मिला ही नहीं तो सभी ने मूक बधिर लालू को ही गांव का सरपंच बनाने का फैसला कर लिया नतीजतन एक हजार की आबादी वाले डांसरी गांव का सरपंच मूक बधिर होगा जो पंचायत का जनप्रतिनिधि होने के कारण इशारों की भाषाओं में विकास कार्यों को अंजाम देता नजर आएगाBody: फिलहाल राज्य में ग्राम पंचायत चुनावों के कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन डांसरी के निवासियों के अनुसार आगामी पंचायत चुनाव में लालू का निर्विरोध सरपंच निर्वाचित होना लगभग तय है क्योंकि लालू भी चुनावी मैदान में उतरने का मन भी बना चुका है.
गौरतलब है लालू के माता-पिता उसके बचपन में ही गुजर गए थे. वह पिछले 20 साल से डांसरी के एक परिवार के साथ रहकर खेती-बाड़ी कर रहा है जो फिलहाल अविवाहित और अशिक्षित भी है इस सब के बावजूद वह गांव की सेवा का इच्छुक भी है लालू का कहना यह कि वह आगामी पंचायत चुनावों में सरपंच पद के लिये निश्चित तौर पर पर्चा दाखिल करेगा. इधर ग्रामीणों ने भी विकास कार्यों में और सरपंच बनाने में लालू की मदद करने का भरोसा भी जताया है

यह है लालू का फोकस
मूक बधिर लालू किसानों के हित में काम करना चाहता है. इसके साथ ही, अपने गांव में नयी सड़कें बनवाकर विकास में योगदान करना चाहता है
लालू को नवगठित डांसरी ग्राम पंचायत का सरपंच बनाने के लिये गांव में अभियान भी चलाया जा रहा है

Conclusion:बाइट ज्ञानेंद्र पुरोहित, सामाजिक कार्यकर्ता टोपी वाले
बाइट शेखर चौधरी स्थानीय शिक्षक
Last Updated : Feb 10, 2020, 8:13 PM IST
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