इंदौर। देवी अहिल्याबाई के खासगी ट्रस्ट से जुड़ी तमाम संपत्तियों की जो जानकारी और रिकॉर्ड EOW ने ट्रस्ट के कार्यालय से तलब किया था. वो आज तक नहीं सौंपा गया. लिहाजा EOW के अधिकारियों को बमुश्किल संभागायुक्त कार्यालय से संपत्तियों की जानकारी उपलब्ध कराई जा सकीं. जिसके आधार पर अब EOW इस मामले में FIR दर्ज कर कार्रवाई कर सकेगा.
संपत्तियों को बेचे जाने के कारण लगी एक याचिका पर इंदौर हाई कोर्ट द्वारा राज्य शासन को संपत्तियों के अधिग्रहण के निर्देश देने के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में एसआईटी गठित कर राजस्व और ईओडब्ल्यू के अधिकारियों की दो टीमें बनाई हैं. इन अधिकारियों को ही संपत्तियों के भौतिक सत्यापन अथवा उनकी वर्तमान स्थिति जांचने के लिए पहुंचना है, लेकिन सबसे खास बात ये है कि इन अधिकारियों के पास अब तक संपत्तियों का कोई पुख्ता रिकॉर्ड अथवा जानकारी नहीं थी. लिहाजा ईओडब्ल्यू को मामला सौंपा जाते ही, इंदौर ईओडब्ल्यू के दो अधिकारी हाल ही में दस्तावेजों की पड़ताल के लिए इंदौर के माणिक बाग रोड स्थित खासगी ट्रस्ट के कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्हें कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया गया था.
इस दौरान यहां कर्मचारियों ने ट्रस्टी के मुंबई में होने अथवा तमाम रिकॉर्ड उन्हीं के पास होने का हवाला दिया था. इसके बाद ईओडब्ल्यू एसपी धनंजय शाह द्वारा खासगी ट्रस्ट के ट्रस्टियों को 3 दिन में जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन 3 दिन तक लगातार फॉलोअप के बाद ईओडब्ल्यू को भी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए. लिहाजा ईओडब्ल्यू के अधिकारी संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे. जहां राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट के स्थानीय कार्यालय से रिकॉर्ड अथवा संपत्तियों की जानकारी प्राप्त की. उक्त जानकारी के आधार पर ईओडब्ल्यू की टीम संबंधित कार्रवाई तय करेगी, इसके अलावा अधिकारियों का दल ट्रस्ट के मंदिरों अथवा अन्य संपत्तियों की जांच के लिए रवाना होंगी.