इंदौर। बेकाबू होते कोरोना के हालत के बीच बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आखिरकार इंदौर में उपचार के संसाधन मुहैया कराने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली है. उन्होंने मोर्चा संभालते हुए लोगों को उपचार की व्यवस्था मुहैया कराने के लिए आगे आ चुके हैं. बंगाल चुनाव के बीच इंदौर जिला प्रशासन के अधिकारियों और प्रभारी मंत्री समेत सांसद शंकर लालवानी की मौजूदगी में ऑक्सीजन और रेमदेसीविर इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने अहम बैठक की.
ऑक्सीजन की किल्लत होगी दूर
बैठक में वर्तमान और भविष्य की व्यवस्था को लेकर समीक्षा करने के साथ ही कई अहम फैसले भी लिए गए. इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने बताया इंदौर समेत आसपास के जिलों में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए जल्द ही रिलायंस रिफाइनरी जामनगर से 100 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की तैयारी की जा रही है. इसके लिए टैंकर की व्यवस्था की जा रही है.
8 दिन में 1500 बेड की तैयारी
बीजेपी नेता ने बताया इंदौर में पहले 65 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी, जो अब बढ़कर 100 टन हो गई है. जिस तेजी से मरीजों की भर्ती हो रही है. उसके बाद इंदौर में 125 टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी. इसके अलावा आगामी 8 दिन में 1500 बेड विभिन्न अस्पतालों में तैयार किए जाएंगे. इनमें 100 बेड आईसीयू बेड होंगे. जो कि एमवाय अस्पताल, गीता भवन, ईएसआई और सेवाकूंज में होंगे.
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इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए बड़ा ऑर्डर
वहीं रेमडेसिवर इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए बड़ा ऑर्डर दिया गया है. संभवत एक हफ्ते में करीब 10 हजार इंजेक्शन इंदौर को मिल सकते हैं. इसके अलावा निजी अस्पतालों में रेमडेसिवर इंजेक्शन को लेकर आ रही दिक्कत को देखते हुए फैसला लिया गया है, कि सरकारी कोटे से भी निजी अस्पतालों में इजेक्शन की सप्लाई की जाएगी. रेमदेसीविर की उपलब्धता के बाद 15 से इंजेक्शन प्राइवेट अस्पतालों को भी देना शुरू करेंगे.
कोरोना की चैन तोड़ना आसान नहीं
भाजपा के महासचिव ने बताया उम्मीद है कि तीन-चार दिनों में इंजेक्शन की कमी दूर कर ली जाए, कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कोरोना की चैन इतनी आसानी से टूटने नहीं वाली है. भविष्य को देखते हुए तैयारी करना बेहद जरुरी है. ग्रामीण इलाके में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है. अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि मोबाइल एंब्यूलेंस की व्यवस्था की जाए, साथ ही ग्रामीण स्तर पर मरीजों को इलाज दिए जाने से इंदौर का प्रैशर कम होगा. इसके साथ ही जनता को कोरोना कर्फ्यू का पालन सख्ती से करना होगा, क्योंकि कर्फ्यू का पालन कोई नहीं कर रहा है.