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Juda Strike: इंदौर के MGM में फाइनल ईयर के 91 छात्रों का नामांकन कैंसिल

इंदौर में 500 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं. इस दौरान एमजीएम कॉलेज के फाइनल ईयर के 91 छात्रों के नामांकन भी कॉलेज प्रशासन ने कैंसिल कर दिए हैं.

Enrollment of 91 final year students in Indore's MGM canceled
इंदौर के MGM में फाइनल ईयर के 91 छात्रों का नामांकन कैंसिल
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Published : Jun 4, 2021, 8:30 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज के करीब 3000 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर है. इंदौर में भी जूनियर डॉक्टरों द्वारा हड़ताल की जा रही है. इंदौर में करीब 500 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है. इनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मान लेती वो काम पर नहीं लौटेंगे.

इंदौर के MGM में फाइनल ईयर के 91 छात्रों का नामांकन कैंसिल

अस्पतालों में की गई वैकल्पिक व्यवस्था

एमजीएम कॉलेज के डीन डॉक्टर संजय दीक्षित के अनुसार जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का प्रभाव ज्यादा नहीं पड़ा है. स्वास्थ्य सुविधाएं सभी सुचारू रूप से जारी है. वर्तमान में 200 के लगभग अलग-अलग विभाग के मेडिकल प्रोफेसर और डॉक्टरों की व्यवस्थाएं की गई है. जिनके माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएं संचालित की जा रही है. वर्तमान में कोरोना संक्रमण के उपचार को लेकर भी इतना दबाव नहीं है, जिसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है. सरकार और प्रशासन द्वारा जूनियर डॉक्टरों से उनकी मांगों पर चर्चा की जा रही है.

91 छात्रों के नामांकन कैंसिल

एमजीएम कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित के अनुसार मेडिकल कॉलेज के फाइनल ईयर के 91 छात्रों के नामांकन कैंसिल किए गए हैं. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने जूनियर डॉक्टर से अपील की है कि वह जल्द काम पर लौट आए. वर्तमान में मरीज और उनका स्वास्थ्य सर्वोपरि है. डीन ने कहा कि सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की लगभग मांगे मान ली है, जूनियर डॉक्टर जल्द हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए काम पर लौट आए.

हड़ताल बनी बवाल: Juda Strike के समर्थन में राहुल गांधी का ट्वीट, IMA भी सपोर्ट में उतरा

6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल

जूनियर डॉक्टरों द्वारा अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है. जिसमें मुख्य तौर पर स्टाइपेंड में 24% वृद्धि करके 55000 से बढ़ाकर 68200 और 57000 से बढ़ाकर 70680 और 69000 से बढ़ाकर 73160 करना है. इसके आलावा हर साल वार्षिक 6% की बढ़ोतरी भी बेसिक स्टाइपेंड पर करने की मांग है. पीजी करने के बाद 1 साल के ग्रामीण बॉन्ड को कोविड ड्यूटी के बदले हटाने के लिए एक कमेटी बनाए जाने, कोविड ड्यूटी में कार्यरत हर जूनियर डॉक्टर को 10 नंबर का एक गजटेड सर्टिफिकेट मिलने, समस्त जूनियर डॉक्टर जो कि कोविड-19 कर रहे हैं उनके और उनके परिवार के लिए अस्पताल में अलग से एक एरिया और बेड रिजर्व करने जैसी मांग जूनियर डॉक्टर कर रहे हैं.

इंदौर। मध्य प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज के करीब 3000 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर है. इंदौर में भी जूनियर डॉक्टरों द्वारा हड़ताल की जा रही है. इंदौर में करीब 500 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है. इनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मान लेती वो काम पर नहीं लौटेंगे.

इंदौर के MGM में फाइनल ईयर के 91 छात्रों का नामांकन कैंसिल

अस्पतालों में की गई वैकल्पिक व्यवस्था

एमजीएम कॉलेज के डीन डॉक्टर संजय दीक्षित के अनुसार जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का प्रभाव ज्यादा नहीं पड़ा है. स्वास्थ्य सुविधाएं सभी सुचारू रूप से जारी है. वर्तमान में 200 के लगभग अलग-अलग विभाग के मेडिकल प्रोफेसर और डॉक्टरों की व्यवस्थाएं की गई है. जिनके माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएं संचालित की जा रही है. वर्तमान में कोरोना संक्रमण के उपचार को लेकर भी इतना दबाव नहीं है, जिसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है. सरकार और प्रशासन द्वारा जूनियर डॉक्टरों से उनकी मांगों पर चर्चा की जा रही है.

91 छात्रों के नामांकन कैंसिल

एमजीएम कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित के अनुसार मेडिकल कॉलेज के फाइनल ईयर के 91 छात्रों के नामांकन कैंसिल किए गए हैं. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने जूनियर डॉक्टर से अपील की है कि वह जल्द काम पर लौट आए. वर्तमान में मरीज और उनका स्वास्थ्य सर्वोपरि है. डीन ने कहा कि सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की लगभग मांगे मान ली है, जूनियर डॉक्टर जल्द हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए काम पर लौट आए.

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6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल

जूनियर डॉक्टरों द्वारा अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है. जिसमें मुख्य तौर पर स्टाइपेंड में 24% वृद्धि करके 55000 से बढ़ाकर 68200 और 57000 से बढ़ाकर 70680 और 69000 से बढ़ाकर 73160 करना है. इसके आलावा हर साल वार्षिक 6% की बढ़ोतरी भी बेसिक स्टाइपेंड पर करने की मांग है. पीजी करने के बाद 1 साल के ग्रामीण बॉन्ड को कोविड ड्यूटी के बदले हटाने के लिए एक कमेटी बनाए जाने, कोविड ड्यूटी में कार्यरत हर जूनियर डॉक्टर को 10 नंबर का एक गजटेड सर्टिफिकेट मिलने, समस्त जूनियर डॉक्टर जो कि कोविड-19 कर रहे हैं उनके और उनके परिवार के लिए अस्पताल में अलग से एक एरिया और बेड रिजर्व करने जैसी मांग जूनियर डॉक्टर कर रहे हैं.

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