इंदौर। सरकार पर राशन वितरण ठीक से न कर पाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने इंदौर में अहिल्या प्रतिमा के नीचे धरना दिया. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल सहित विनय बाकलीवाल सांकेतिक रूप से धरने पर बैठे. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि, प्रशासन उनकी बात बिल्कुल नहीं सुन रहा है और बीजेपी के दबाव में काम कर रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर पुलिस के द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई न करने की बात पर भी कांग्रेस नेताओं ने कही. इस दौरान पूर्व मंत्री के सामने एसडीएम घुटनों पर बैठे नजर आए.
इंदौर में कांग्रेस नेताओं ने अहिल्या प्रतिमा पर धरना देकर प्रशासन के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की. दरअसल भाजपा नेता और पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के द्वारा नरेंद्र सिंह तोमर के जन्मदिन के उपलक्ष्य में रखे गए कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं. कांग्रेस नेता सुदर्शन गुप्ता पर FIR दर्ज करने की मांग कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लिया. जिसके विरोध में कांग्रेसियों ने मोर्चा खोल दिया.
जैसे ही कांग्रेस नेताओं के धरने की बात पुलिस अधिकारियों को पता चली, आनन-फानन में सुदर्शन गुप्ता पर मामला दर्ज कर लिया गया. इसके बावजूद कांग्रेसी नेता धरने पर बैठे रहे. इस दौरान जीतू पटवारी ने सांवेर एसडीएम को लेकर भी सवाल खड़े किए और उनकी कार्यशैली को गलत बताया, जीतू पटवारी ने कहा कि, सांवेर एसडीएम बीजेपी के दबाव में काम कर रहे हैं.
शहर में हो रही है राशन की कमी
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि, भाजपा के द्वारा किए गए कार्यक्रम में जिस तरह से राशन की लूट मची, उसे यह साफ जाहिर होता है कि, आम जनता कोरोना से पहले भूख से मर जाएगी, इसलिए प्रशासन को राशन वितरण लगातार चालू रखना चाहिए. कांग्रेस नेता ने जीतू पटवारी ने कहा कि, सरकार की नियत में साफ खोट दिखाई दे रहा है, शहर की जनता को इस बात को समझना चाहिए.
'लोकतंत्र की हत्या कर मुख्यमंत्री बने शिवराज'
जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि, 'मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जुगाड़ के जनमत और लोकतंत्र की हत्या कर के पीछे के दरवाजे से मुख्यमंत्री बने हैं, लेकिन फिर भी हम इन्हें अपना मुख्यमंत्री मानते हैं और यदि हम ही इन्हें अपनी बात ना कहें, तो किसे कहें. इस दौरान जीतू पटवारी ने बिजली के बिल को लेकर साफ़ कहा की, 'मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद कहा था कि, यदि बढ़े हुए बिल आएं तो कोई मत भरना, तो मैं भी जनता से आग्रह करता हूं कि, डेढ़ सौ रुपया डेढ़ सौ यूनिट तक का ही बिजली का बिल भरो और यदि उससे ज्यादा बिल आए तो मत भरो,.