इंदौर। उज्जैन भैरवगढ़ जेल की अधीक्षक रही उषाराज को कोर्ट के आदेश के बाद इंदौर के सेंट्रल जेल में बंद किया गया था लेकिन उसके बाद सेंट्रल जेल में उन्हें इंदौर के जिला जेल में ट्रांसफर कर दिया है जहां वह बंद है लेकिन उनके साथ दो सूटकेस में जो उनका समान आया उसकी जब तलाशी ली तो उसमें 50 हजार रुपए मिले हैं. जिसके बारे में इंदौर जेल प्रबंधक ने पूरे मामले की जानकारी कोर्ट को दी है. उषाराज केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में हुए करोड़ों के डीपीएफ घोटाले में आरोपी हैं.
कैदी बनी जेलर की जुगाड़: पिछले दिनों उज्जैन जेल अधीक्षक रही उषाराज को घोटाले के मामले में उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया. इसके चलते उन्हें उज्जैन जेल में ना बंद करते हुए इंदौर के सेंट्रल जेल भेजा लेकिन इंदौर के सेंट्रल जेल में कैदियों की संख्या ज्यादा होने के कारण उन्हें इंदौर सेंट्रल जेल प्रबंधक ने इंदौर जिला जेल में शिफ्ट किया है. वहीं निलंबित जेल अधीक्षक उषा राज अपने साथ दो सूटकेस भरकर सामान लाई हैं और इसी दौरान उनके पास जो मौजूद एक बैग था जब जेल के अधिकारियों ने उस बैग की तलाशी ली तो उसमें 25-25 हजार की 2 गाड्डियां बरामद हुई हैं जिसके बारे में इंदौर जेल प्रबंधक ने पूरे मामले की जानकारी उज्जैन कोर्ट को दे दी है.
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डायपर के पैकेट में छुपाए थे नोट: सेंट्रल जेल अधीक्षक अलका सोनकर के मुताबिक कोर्ट के आदेश पर उज्जैन जेल अधीक्षक रहीं उषा राज को इंदौर की सेंट्रल जेल लाया गया तो यहां पर उनके साथ आए सामान की तलाशी ली गई और इसी दौरान उनके सम्मान में 50 हजार रुपए बरामद हुए. जेल अधीक्षक रहीं उषा राज ने दोनों गड्डियों को डायपर के पैकेट में छुपाया हुआ था और जांच पड़ताल के दौरान ही जब जेल में मौजूद कर्मचारियों ने उनके सामान की तलाशी ली तो उसमें यह पैसा बरामद हुआ. फिलहाल पैसों को जब्त कर पूरे मामले की जानकारी उज्जैन कोर्ट को दे दी गई है.