इंदौर। शहर में रामनवमी के दिन मंदिर की बावड़ी ढह जाने के कारण 36 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में कांग्रेस ने पुलिस, नगर निगम और जिला प्रशासन के साथ ही राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच टीम गठित की. मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी हुए. मजिस्ट्रियल जांच के लिए टीम गठित की गई. सरकार का दावा है कि इस मामले में लगातार जांच चल रही है.
आरोपियों की गिरफ्तारी टली : मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि जल्द से जल्द मजिस्ट्रेट जांच कर जो भी दोषी होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने आनन-फानन में मंदिर प्रबंधक के कुछ लोगों के खिलाफ लापरवाही बरतने के मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया था.लेकिन अब ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब तक पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की. इस मामले में पुलिस कमिश्नर मकरंद देवस्कर का कहना है कि मजिस्ट्रेट जांच जारी है. इस कारण आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है. मजिस्ट्रियल जांच पूरी हो जाने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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घटनास्थल को समतल किया : बता दें इस हादसे के बाद इंदौर नगर निगम ने जिस बावड़ी में हादसा हुआ था, उसमें भराव कर दिया. घटनास्थल पूरी तरीके से समतल हो चुका है. इस मामले में अब किसी तरह के कोई साक्ष्य पुलिस द्वारा जब्त नहीं किए गए. अब मजिस्ट्रियल जांच के आधार पर ही आगे इस मामले की पुलिस द्वारा जांच करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन इस मामले को लेकर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि 4 महीने बीत जाने के बाद भी मजिस्ट्रेट जांच पूरी नहीं हुई. लगता है ये मामला अब सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है.