इंदौर। भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने बीते साल मार्च में देश के सभी राज्यों के लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन एक जैसे करने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत गाइडलाइन जारी की थी जिसे मध्यप्रदेश ने लागू कर दिया है. जिसके तहत प्रदेश में अब वाहन चालकों के एक जैसे लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड होंगे. इसके साथ ही लाइसेंस के जरिए यह भी पता लगाया जा सकेगा कि वाहन चालक ने कितनी बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कहां-कहां किया है.
सभी वाहनों के पंजीयन भी बारकोड पर आधारित व्यवस्था के तहत बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश के बाद प्रदेश में पहली बार यूनिफाइड लाइसेंस की व्यवस्था लागू कर दी गई है. इधर, इंदौर आरटीओ कार्यालय में भी यूनिफाइड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं अब ये वाहन चालकों को जारी भी किए जा रहे हैं.
हालांकि शुरुआती दौर में विभाग के अधिकारियों का मानना है कि लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की नई व्यवस्था से ना केवल ट्रैफिक रूल का कड़ाई से पालन हो सकेगा. बल्कि दुर्घटनाओं के बाद संबंधित वाहन चालक और वाहनों की भी पड़ताल बारकोडिंग के आधार पर की जा सकेगी.
बता दें कि भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने बीते साल मार्च में देश के सभी राज्यों के लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन एक जैसे करने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत गाइडलाइन जारी की थी. इसके बाद सबसे पहले मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग ने वाहन चालकों के लाइसेंसों की बारकोडिंग की व्यवस्था की है.