इंदौर। पिछले दिनों इंदौर क्राइम ब्रांच ने अमेरिकी लोगों से ठगी करने वाले 21 लोगों को गिरफ्तार किया था. बता दें, यह लोग इंदौर के लसूड़िया क्षेत्र में एक कॉल सेंटर संचालित करते थे और वहां से अमेरिकी लोगों को निशाना बनाते हुए उनसे ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. वहीं पिछले 3 दिनों से इंदौर क्राइम ब्रांच पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है. पूछताछ में पुलिस को यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी के बारे में भी एक जानकारी हाथ लगी है. बता दें, ऑफिस में जो कर्मचारी काम करते थे उन्हें 25 हजार से पांच लाख रुपए तक दिए जाते थे. वहीं सबसे कम सैलरी 25 हजार थी, जो यहां पर साफ सफाई के काम करने वाले कर्मचारी को दिए जाते थे. फ़िलहाल पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है और पुलिस को अनुमान है कि जल्द ही इसमें कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर पर की थी कार्रवाई
इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने पिछले दिनों लसूड़िया थाना क्षेत्र से फर्जी तौर पर चल रहे एक कॉल सेंटर पर छापामार कार्रवाई करते हुए 21 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके कब्जे से कॉल सेंटर संचालित करने में काम आने वाले उपकरण जब्त किए गए थे. जहां अब क्राइम ब्रांच की टीम कॉल सेंटर में उपयोग होने वाले फोन, कंप्यूटर सिस्टम व अन्य उपकरण की साइबर टीम द्वारा जांच करवा रही है. साइबर की एक टीम तकनीकी तौर पर इन सभी गैजेट्स की जांच कर रही है.
सिर्फ अमेरिकी लोगों से करते थे ठगी
बड़े ही शातिराना और टेक्निकल तौर पर यह कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा था. जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें कोई मैनेजर है, तो कोई कॉल लगाने का काम करता था. तो कुछ आरोपियों द्वारा कॉल को क्लोज किया जाता था. यहां अलग अलग टीम बनाकर पूरा कॉल सेंटर चलाया जा रहा था. अब तक इस मामले में 21 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है उनमें से कुछ आरोपी पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं, उनसे भी पुलिस पूछताछ कर रही है. गिरफ्तार में आए आरोपियों में महिलाएं भी शामिल हैं. वहीं पुलिस का अब इस बात कि पता लगा रही है कि कॉल सेंटर में जिस तरह से अमेरिकी लोगों को ठगा जा रहा था, पैसा निकाला जा रहा था, वह डॉलर में रहता था उसे भारतीय मुद्रा में किस तरह से कन्वर्ट किया जाता था, इसकी जांच की जा रही है.
एक दिन में 15-20 लोगों से करते थे ठगी
वहीं पुलिस को यह भी संदेह है कि जो लोग ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे, उनका अमेरिका में भी कोई व्यक्ति है, जो लगातार उन्हें विभिन्न तरह की जानकारियां उपलब्ध करवाता था, जिसके कारण यह आसानी से ठगी की वारदातों को अंजाम दे देते थे. वहीं पकड़े गए आरोपियों ने क्राइम ब्रांच को बताया कि वह दिन भर 100 अमेरिकी लोगों को फोन लगाते थे, फोन लगाने के बाद तकरीबन 15 से 20 लोग उनके जाल में फंस जाते थे और फिर वह आसानी से ठगी की वारदात को अंजाम दे देते थे. वहीं इस दौरान आरोपियों के द्वारा बड़ी मात्रा में ठगी कर करोड़ों रुपए इकट्ठा किए गए हैं. साथ ही अधिक ठगी करने वाले कॉल सेंटर कर्मचारी को कुछ कमीशन भी दिया जाता था जो 15 से 20 परसेंट के आसपास रहता था. यह कमीशन इसलिए दिया जाता था कि ताकि वो ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए कई लोगों को फोन लगाएं उनसे ठगी करें. पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया कि वह बिट क्वॉइन के जरिए चीन में मौजूद कॉल सेंटर तक पैसा पहुंचाते थे
स्क्रिप्ट पढ़कर करते देते थे झांसा
वहीं पकड़े गए आरोपियों को 15 से 20 पन्नों की एक स्क्रिप्ट दी जाती थी, जिसमें विभिन्न तरह के प्रश्न और बातें लिखी जाती थी, और जो भी कॉल सेंटर का कर्मचारी अमेरिकी नागरिकों से बात करता था वो इस स्क्रिप्ट के जरिए उन्हे अपने झांसे में लेता था और फिर संबंधित व्यक्ति बड़ी ही आसानी से ठगी की वारदात को अंजाम दे देता था. फिलहाल इंदौर क्राइम ब्रांच पकड़े गए 21 आरोपियों से लगातार पूछताछ में जुटी हुई है, और पुलिस को अनुमान है कि जल्द ही इसमें कई और आरोपियों की भी गिरफ्तारी हो सकती है.