इंदौर। इंदौर शहर में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए धारा 144 के तहत एक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है. इसमें नाइट्राजेपाम, क्लोनोजेपाम सहित इस श्रेणी की तमाम नींद और ट्रंक्वेलाइजर श्रेणी की दवाइयां मेडिकल स्टोर से बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं बेची जा सकेंगी.
शहर में बढ़ रहा है नशे का अवैध कारोबार : दरअसल, बीते कुछ दिनों से इंदौर शहर में नशे करके आपराधिक गतिविधियों में लिप्त आरोपी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. वहीं बीते दिनों शहर में कुछ नवजात झाड़ियों में मिले थे. साथ ही कुछ स्थानों से जहर परोसने का काम भी किया जा रहा है. इससे शहर में आपराधिक गतिविधियों के ग्राफ में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, पुलिस कमिश्नर द्वारा जारी आदेश में यह भी साफ है कि स्टोर संचालकों को उसका पूरा रिकॉर्ड भी रखना पड़ेगा. इन दवाओं का उपयोग जघन्य अपराध के पहले अपराधी करते हैं.
प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल लागू : इसी तरह गर्भपात व गर्भ समापन से संबंधित औषधियों का भी खुला विक्रय नहीं होगा. वह भी डॉक्टर के पर्चे के आधार पर ही किया जा सकेगा. होम डिलीवरी करने वालो की जानकारी भी देना होगी. पुलिस आयुक्त हरि नारायणाचारी मिश्र द्वारा जारी किए गए प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल लागू हो गए हैं. इसमें ऑनलाइन शॉपिंग, होम डिलीवरी व घर-घर जाकर पार्सल देने वालों की जानकारी भी थानों पर देना अनिवार्य किया गया है. कमिश्नर पुलिस इंदौर के इस आदेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि अपराध कंट्रोल करने के साथ ही शहर में लॉयन ऑर्डर की स्थितियां सुधरेंगी.