इंदौर। महाराष्ट्र और गुजरात में जिस तरह से कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, उसे देखते हुए वहां रहने वाले कई मजदूर यूपी बिहार की ओर पलायन कर रहे हैं. जो भी मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर जाते हैं. उन्हें राऊ बायपास से होकर गुजरना पड़ता है. ऐसे में इंदौर प्रशासन हर बार मदद के लिये तैयार रहता है. इस बार भी में राऊ पुलिस ने नई पहल की शुरूआत की है, जिसके तहत पलायन कर रहे मजदूरों की मदद के लिए खाने-पीने से लेकर उनके लिए विभिन्न तरह की व्यवस्था जुटाई है और खुद थाना प्रभारी अपने पुलिसकर्मियों के साथ बाइपास पर तैनात होकर पलायन कर रहे मजदूरों की विभिन्न तरह से मदद करने में जुटे हुए हैं.
पिछले लॉकडाउन में भी की थी मदद
एक बार फिर पिछले साल लगाए गए लॉकडाउन में इंदौर पुलिस द्वारा की गई मदद जैसी तस्वीरें इंदौर बाईपास पर दोबारा नजर आने लगी हैं. कोई मजदूर साइकिल से पलायन कर रहा है, तो कोई ऑटो, इतना ही नहीं कई मजदूर तो पैदल ही सफर तय करने निकल पड़े हैं. इसी कड़ी में एक होटल में काम करने वाला युवक साइकिल से ही 1600 किलोमीटर का सफर तय करने निकल पड़े हैं. जब वह थाना प्रभारी की नजरों में आए, तो थाना प्रभारी ने उसकी टूटी चप्पल को बदला और उसके खाने की व्यवस्था की.
घायल का करवाया इलाज
पलायन कर रहे मजदूरों के साथ नासिक से सतना जा रहे मजदूर परिवार के एक पांच साल के बच्चे के पैर में कांच लग जाने से पैर कट गया था. राऊ में बनाए गए विश्राम स्थल पर रुकने के दौरान पुलिस को इस बात की सूचना मिली. तब थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह रघुवंशी द्वारा महिला आरक्षकों के साथ तत्काल हॉस्पिटल भेजकर उसका इलाज कराया गया और पूरे परिवार के भोजन की व्यवस्था करने के बाद परिवार को सतना जाने की व्यवस्था की गई.