इंदौर। जिले में 3 दिन चले प्रवासी भारतीय सम्मेलन का मंगलवार को समापन हुआ. देश-विदेश के कई प्रवासियों ने इसमें हिस्सा लिया. 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के अंतिम दिवस पर अमेरिका से आए एनआरआई ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बात करते हुए कहा, कई तरह की संभावना मध्य प्रदेश के साथ ही देश में जताई जा रही है और निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में वह मध्यप्रदेश में इन्वेस्टमेंट की बात भी कर रहे हैं.
अमेरिकी एनआरआई ने की बात: मध्यप्रदेश के इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन 8 जनवरी से 10 जनवरी तक हुआ. सम्मेलन में अमेरिका के कैलिफोर्निया से आए युवा उद्योगपति जेसी सिंह ने ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान उन्होंने अपने संघर्ष के बारे में जानकारी दी. उनका कहना था कि, वह मूल रूप से पंजाब के पास पटियाला के रहने वाले हैं. वो यहां से एक बैग लेकर अमेरिका गए थे. अमेरिका में उन्होंने जमकर मेहनत की और आज खुद की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी स्थापित कर ली है. इससे कई लोगों जुड़े हुए हैं. वहीं आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश में भी तकरीबन 200 करोड़ रुपए से अधिक का इन्वेस्टमेंट करने की इच्छा है और उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात भी हो गई है, लेकिन प्रवासी सम्मेलन में बिजी होने के कारण सीएम शिवराज उनसे मुलाकात नहीं कर रहे हैं. उद्योगपति को यहां संभावना है कि जल्द ही सीएम से उनकी मुलाकात हो जाएगी.
एमपी में करेंगे इन्वेस्ट: अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहने वाले उद्योगपति ने बताया कि, 18 साल पहले वह भारत में रोजगार और अन्य समस्याओं के कारण अमेरिका में जाकर सेटल हो गए. फिर वहां पर उन्होंने तमाम मुश्किलों का सामना करने के बाद कड़ी मेहनत कर ट्रांसपोर्ट कंपनी संचालित की. अब वे वहां काफी खुशहाल जीवन जी रहे हैं, लेकिन भारत की मिट्टी के प्रति उनकी कई जिम्मेदारियां हैं और उन्हीं जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए भारत में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में वे पहुंचे. यहां पर वे सीएम और पीएम हाउस से जुड़े तमाम अधिकारियों से मिले. इन प्रोडक्शन को लेकर चर्चा की है.
कई करोड़ के होंगे इन्वेस्टमेंट: अमेरिकी एनआरआई का कहना है कि, व्यापार नीति के तहत नितिन गडकरी द्वारा प्रोडक्शन बढ़ाने की बात कही थी, जो पेट्रोल में मिलाकर इंधन का काम करता है. यह गेहूं की फली और गन्ने के अवशिष्ट से बनता है, जिससे किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा. इसके लिए मध्यप्रदेश में 2 से 3 साल में पहला इन्वेस्टमेंट तकरीबन 200 करोड़ रुपए का होगा और इसके तहत एक यूनिट डाली जाएगी. आने वाले दिनों में यदि प्रोडक्शन बढ़ेगा तो निश्चित तौर पर मध्यप्रदेश के ही कई अन्य शहरों में इसी तरह का प्रोडक्शन हाउस डालकर 2000 करोड़ से अधिक का इन्वेस्टमेंट किया जाएगा. साथ ही मध्य प्रदेश के अलावा पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र और यूपी की गवर्नमेंट से भी बात हो रही है.