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पंडित प्रदीप मिश्रा की नसीहत, बोले - सत्ता-वैभव का उपयोग करें, किसी का दिल न दुखाएं, इंदौर में कथा के समापन के बाद लगा लंबा जाम

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 11, 2023, 10:01 PM IST

Updated : Sep 11, 2023, 10:45 PM IST

Pradeep Mishra on Stalin: पंडित प्रदीप मिश्रा की इंदौर में हुई एक दिन की शिवकथा का समापन हो गया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए, कई मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही उन्होंने तमिलनाडु के मंत्री स्टालिन को भी नसीहत दी है.

Pradeep Mishra
इंदौर में प्रदीप मिश्रा की शिव कथा का आयोजन
पंडित प्रदीप मिश्रा की एक दिन की शिव चर्चा का समापन

इंदौर। शहर के कांग्रेस नेता सत्यनारायण पटेल के अनुरोध पर एक दिन की शिव कथा करने पहुंचे प्रसिद्ध कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने सनातन से लेकर देश का नाम भारत रखने को लेकर अपनी बात रखी. एक दिन चली इस कथा में बड़ी तदाद में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे. समापन के बाद बंगाली चौराहा रिंग रोड से कनाडिाया चौराहे तक लंबा जाम लग गया. बता दें, पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन कनाड़िया रोड के पास बने प्रेमबंधन गार्डन में हुआ.

देश का नाम भारत या इंडिया: पंडित प्रदीप मिश्रा ने भारत और इंडिया के सवाल पर कहा कि देश का नाम भारत में शुरु से प्रसिद्ध था. लेकिन अंग्रेजों को भारत बोलने में मुश्किल होती थी. इसलिए उन्होंने इसका नाम इंडिया कर दिया. लेकिन देश का वास्तविक नाम भारत ही है. इस नाम पर हमें गर्व और सम्मान महसूस करना चाहिए.

स्टालिन को दी जनता का कल्याण करने की नसीहत: इसके अलावा पंडित मिश्रा ने सनातन पर दिए तमिलनाडु के मंत्री उदय निधि स्टालिन के बयान पर एक बार फिर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों में भी सनातन का साथ जरूरी है. सनातन धर्म से अलग होने से हमारी संस्कृति और शिक्षा भी प्रभावित हो रही है. यदि कोई सनातन धर्म को कोरोना डेंगू या मलेरिया कह रहा है, तो उनसे पहले पूछा जाएगा कि पिता का नाम, माता जी का नाम, दादाजी का नाम और परदादादजी का नाम पूर्व में क्या था. क्योंकि जितने धर्म निकले, वे सनातन धर्म से ही निकले हैं.

जो सनातन धर्म को डेंगू कह रहे हैं, तो वो खुद भी डेंगू की औलाद हैं, और कोरोना कह रहे हैं, तो खुद कोरोना की औलाद हैं. यह तो उनपर निर्भर करता है कि वह अपने बाक किस लेवल तक लेकर जा सकते हैं. हम किसी को सजा नहीं दे सकते क्योंकि हम इतने बड़े नहीं हैं. इतना जरूर कहा जा सकता है कि यदि उन्हें राज्य सत्ता मिली है तो वह सत्ता और वैभव का उपयोग करते हुए अपनी वाणी से किसी का दिल ना दुखाएं और सबका कल्याण करें.

उन्होंने कहा, "सनातन धर्म सभी धर्म का मूल है और सब का पिता है. सनातन धर्म के अंतर्गत ही हम उसकी छत्रछाया में बैठे हैं. जब प्रचंड धूप होती है, तो जिस तरह छाता साथ देता है. इस तरह हमें हमारा धर्म साथ देता है. जब-जब दुख की घड़ी आती है और जीवन में हमको कष्ट महसूस होता है, तब-तब सनातन धर्म हमारे साथ खड़ा रहता है."

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राजनीति में आने को लेकर क्या बोले?: इधर राजनीतिक संतों के राजनीति में आने को लेकर भी पंडित प्रदीप मिश्रा से सवाल किया गया. इस पर भी उन्होंने अपनी बात रखी, जिसमें कहा कि साधु संतो का अपना मत है. मंदिर बनाने के लिए नहीं बल्कि लोगों को कल्याण और संपूर्ण राष्ट्र के लिए उन्हें राजनीति में जरूर आना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने राजनीति में आने के सवाल पर भी कहा कि मुझे इसकी जरूरत नहीं है.

एक दिन की कथा में लगा जाम: इधर, प्रदीप मिश्रा की एक दिन की शिव कथा के समापन के बाद जाम की स्थिति बन गई. कथा समापन के बाद जैसे ही भक्तों की भीड़ कथास्थल से बाहर आई, तो कनाड़िया से लेकर बंगाली चौराहे तक जाम की स्थिति बन गई. इधर, ट्रैफिक की हालत भी खस्ता हो गई. यहां वाहन चालक क्षमता से अधिक सवारी भरकर ले जाते नजर आए. इधर, ऑफिस से निकल रहे लोग भी थे, तो आने-जाने में रहवासियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. कथा स्थल के आसपास के चौराहों पर भी अस्त व्यस्त की स्थिति खड़ी हो गई.

मंच पर महिला को बुलाया, 25 साल से नहीं हुआ था बच्चा: पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा के दौरान मां और बच्चे को मंच पर बुलाया. जिस महिला को बुलाया था, उन्हें शादी के 25 साल बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है. महिला प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने आती रही, जिस वजह से बाबा भोले की कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई.

पंडित प्रदीप मिश्रा की एक दिन की शिव चर्चा का समापन

इंदौर। शहर के कांग्रेस नेता सत्यनारायण पटेल के अनुरोध पर एक दिन की शिव कथा करने पहुंचे प्रसिद्ध कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने सनातन से लेकर देश का नाम भारत रखने को लेकर अपनी बात रखी. एक दिन चली इस कथा में बड़ी तदाद में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे. समापन के बाद बंगाली चौराहा रिंग रोड से कनाडिाया चौराहे तक लंबा जाम लग गया. बता दें, पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन कनाड़िया रोड के पास बने प्रेमबंधन गार्डन में हुआ.

देश का नाम भारत या इंडिया: पंडित प्रदीप मिश्रा ने भारत और इंडिया के सवाल पर कहा कि देश का नाम भारत में शुरु से प्रसिद्ध था. लेकिन अंग्रेजों को भारत बोलने में मुश्किल होती थी. इसलिए उन्होंने इसका नाम इंडिया कर दिया. लेकिन देश का वास्तविक नाम भारत ही है. इस नाम पर हमें गर्व और सम्मान महसूस करना चाहिए.

स्टालिन को दी जनता का कल्याण करने की नसीहत: इसके अलावा पंडित मिश्रा ने सनातन पर दिए तमिलनाडु के मंत्री उदय निधि स्टालिन के बयान पर एक बार फिर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों में भी सनातन का साथ जरूरी है. सनातन धर्म से अलग होने से हमारी संस्कृति और शिक्षा भी प्रभावित हो रही है. यदि कोई सनातन धर्म को कोरोना डेंगू या मलेरिया कह रहा है, तो उनसे पहले पूछा जाएगा कि पिता का नाम, माता जी का नाम, दादाजी का नाम और परदादादजी का नाम पूर्व में क्या था. क्योंकि जितने धर्म निकले, वे सनातन धर्म से ही निकले हैं.

जो सनातन धर्म को डेंगू कह रहे हैं, तो वो खुद भी डेंगू की औलाद हैं, और कोरोना कह रहे हैं, तो खुद कोरोना की औलाद हैं. यह तो उनपर निर्भर करता है कि वह अपने बाक किस लेवल तक लेकर जा सकते हैं. हम किसी को सजा नहीं दे सकते क्योंकि हम इतने बड़े नहीं हैं. इतना जरूर कहा जा सकता है कि यदि उन्हें राज्य सत्ता मिली है तो वह सत्ता और वैभव का उपयोग करते हुए अपनी वाणी से किसी का दिल ना दुखाएं और सबका कल्याण करें.

उन्होंने कहा, "सनातन धर्म सभी धर्म का मूल है और सब का पिता है. सनातन धर्म के अंतर्गत ही हम उसकी छत्रछाया में बैठे हैं. जब प्रचंड धूप होती है, तो जिस तरह छाता साथ देता है. इस तरह हमें हमारा धर्म साथ देता है. जब-जब दुख की घड़ी आती है और जीवन में हमको कष्ट महसूस होता है, तब-तब सनातन धर्म हमारे साथ खड़ा रहता है."

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राजनीति में आने को लेकर क्या बोले?: इधर राजनीतिक संतों के राजनीति में आने को लेकर भी पंडित प्रदीप मिश्रा से सवाल किया गया. इस पर भी उन्होंने अपनी बात रखी, जिसमें कहा कि साधु संतो का अपना मत है. मंदिर बनाने के लिए नहीं बल्कि लोगों को कल्याण और संपूर्ण राष्ट्र के लिए उन्हें राजनीति में जरूर आना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने राजनीति में आने के सवाल पर भी कहा कि मुझे इसकी जरूरत नहीं है.

एक दिन की कथा में लगा जाम: इधर, प्रदीप मिश्रा की एक दिन की शिव कथा के समापन के बाद जाम की स्थिति बन गई. कथा समापन के बाद जैसे ही भक्तों की भीड़ कथास्थल से बाहर आई, तो कनाड़िया से लेकर बंगाली चौराहे तक जाम की स्थिति बन गई. इधर, ट्रैफिक की हालत भी खस्ता हो गई. यहां वाहन चालक क्षमता से अधिक सवारी भरकर ले जाते नजर आए. इधर, ऑफिस से निकल रहे लोग भी थे, तो आने-जाने में रहवासियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. कथा स्थल के आसपास के चौराहों पर भी अस्त व्यस्त की स्थिति खड़ी हो गई.

मंच पर महिला को बुलाया, 25 साल से नहीं हुआ था बच्चा: पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा के दौरान मां और बच्चे को मंच पर बुलाया. जिस महिला को बुलाया था, उन्हें शादी के 25 साल बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है. महिला प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने आती रही, जिस वजह से बाबा भोले की कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई.

Last Updated : Sep 11, 2023, 10:45 PM IST
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