इंदौर(Aencyy,PTI)। इंदौर के पास स्थित रालामंडल वन्यजीव अभयारण्य में जीवाश्म संग्रहालय तीन साल से अधिक समय तक बंद है. लेकिन अब ये खुलने वाला है. इंदौर के संभागीय वन अधिकारी नरेंद्र पांडवा ने बताया कि संग्रहालय जिसे हाल ही में पुनर्निर्मित किया गया था. यहां बड़े पेड़ों के जीवाश्म भी होंगे. आगरा-बॉम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित संग्रहालय तक पहुंचने के लिए आगंतुकों को 10 रुपये का टिकट खरीदना होगा. जीवाश्म संग्रहालय का नवीनीकरण कार्य पूरा होने वाला है और यह 29 जुलाई को फिर से खुलेगा. जिसे अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है. जीवाश्म विशेषज्ञ विशाल वर्मा ने इन संरक्षित अवशेषों को संग्रहालय को दान कर दिया है, जिसमें अन्य जानवरों और प्राणियों के जीवाश्म भी शामिल हैं.
लाखों साल पहले के जीवों की जानकारी : पांडवा ने कहा, संग्रहालय के फिर से खुलने से, आगंतुक लाखों साल पहले नर्मदा घाटी में पाए जाने वाले जानवरों और जीवों के बारे में अधिक जान सकेंगे. पर्यटक विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा तैयार की गई विस्तृत रिपोर्ट भी देख सकेंगे, जिसमें कहा गया है कि धार क्षेत्र में लाखों साल पहले समुद्र मौजूद था. रालामंडल अभयारण्य के रेंज अधिकारी योगेश यादव ने कहा कि संग्रहालय का नवीनीकरण हाल ही में शुरू हुआ था. अब ये पूरा कर लिया गया है.
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कोविड काल से बंद था : संभागीय वन अधिकारी ने बताया कि वन्यजीव अभयारण्य में जीवाश्म डायनासोर फिर से खोलने की तारीख के बारे में पूछताछ करने के लिए लगातार कॉल आ रही हैं. विशाल वर्मा द्वारा वन विभाग को जीवाश्म डायनासोर के अंडे और अन्य जीवाश्म दान करने के बाद 2011 में संग्रहालय शुरू किया गया था. इसे मार्च 2020 में COVID-19 महामारी के कारण बंद कर दिया गया था. इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.