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अब MP में होगा पेड़-पौधों का इलाज, घंटी बजते ही पहुंचते हैं Tree Ambulance के अधिकारी

Indore Tree Ambulance: अभी तक आपने एंबुलेंस का उपयोग मानव और पशुओं के लिए होते देखा होगा, लेकिन अब एमपी में एंबुलेस का उपयोग पेड़-पौधों को बचाने के लिए किया जा रहा है. यह पहल देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से हुई है.

Indore Tree Ambulance
इंदौर पेड़ पौधों का इलाज
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Published : Mar 5, 2023, 10:01 PM IST

इंदौर पेड़ पौधों का इलाज

इंदौर। स्वच्छता में नंबर वन बना इंदौर अब पर्यावरण में नंबर वन बनने के लिए अलग-अलग तरह के प्रयास कर रहा है. नगर निगम ने पेड़ों को बीमारियों से बचाने के लिए ट्री एंबुलेंस की शुरुआत की है. यह देश में पहली बार शुरुआत हुई है. अभी तक जानवरों एवं इंसानों के लिए ही एंबुलेंस की व्यवस्था रहती थी, लेकिन अब इंदौर नगर निगम में पेड़ों और पौधों को बीमारियों से बचाने के लिए एंबुलेंस की शुरुआत की है.

ट्री एंबुलेंस की शुरुआत: जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शिरकत करने के लिए आए थे. उस दौरान उन्होंने इंदौर की जमकर तारीफ करते हुए कहा था कि, इंदौर एक दौर है. इसके बाद से इंदौर लगातार अलग-अलग तरह के प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में अब पर्यावरण को सहजने के लिए इंदौर नगर निगम ने ट्री एंबुलेंस की शुरुआत की है. ट्री एंबुलेंस का मुख्य काम इंदौर शहर में पेड़ और पौधों को जिस तरह से अलग अलग तरह की बीमारियां लग जाती है. जिसके कारण पौधे पेड़ नहीं बन पाते हैं. पहले ही खत्म हो जाते हैं. ट्री एंबुलेंस ऐसे पेड़ों को चिन्हित कर उन पर विभिन्न तरह की दवाइयों का छिड़काव करेगी.

ऐसे होता है इलाज: यदि कोई पौधा पूरी तरीके से खराब हो चुका होगा तो उसे वहां से हटाकर दूसरी जगह ट्रांसप्लांट किया जाएगा. उस पर कई तरह की दवाइयों का छिड़काव कर उसे वापस से ठीक करने के प्रयास किए जाएंगे. बता दे इंदौर नगर निगम में पहली बार पौधे और पेड़ों को सहजने के लिए ट्री एंबुलेंस की शुरुआत की है. जिसकी जमकर सराहना हो रही है. कई लोग पेड़ पौधों को बीमारियों से बचाने के लिए ट्री एंबुलेंस को नंबरों के माध्यम से फोन कर पेड़ों और पौधों की बीमारियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इस दौरान तैनात कर्मचारी मौके पर पहुंचकर पहले संबंधित पौधे एवं पेड़ की बीमारी के बारे में जानकारी लगाते हैं और फिर संबंधित पौधे पर दवाइयों का छिड़काव कर देते हैं.

पेड़-पौधों से जुड़ी ये खबरें जरूर पढ़ें...

घंटी बजते ही पहुंचते हैं अधिकारी: तकरीबन 3 से 4 बार कर्मचारियों के द्वारा पौधों का ट्रीटमेंट किया जाता है. एंबुलेंस में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि, उन्हें रोजाना कई लोग इस तरह से फोन करते हैं और जब भी किसी व्यक्ति का इस तरह से फोन आता है तो तुरंत मौके पर पहुंचते हैं. पौधे को किस तरह की बीमारी लगी हुई है इसके बारे में जानकारी निकाल कर उसका ट्रीटमेंट किया जाता है.

इंदौर पेड़ पौधों का इलाज

इंदौर। स्वच्छता में नंबर वन बना इंदौर अब पर्यावरण में नंबर वन बनने के लिए अलग-अलग तरह के प्रयास कर रहा है. नगर निगम ने पेड़ों को बीमारियों से बचाने के लिए ट्री एंबुलेंस की शुरुआत की है. यह देश में पहली बार शुरुआत हुई है. अभी तक जानवरों एवं इंसानों के लिए ही एंबुलेंस की व्यवस्था रहती थी, लेकिन अब इंदौर नगर निगम में पेड़ों और पौधों को बीमारियों से बचाने के लिए एंबुलेंस की शुरुआत की है.

ट्री एंबुलेंस की शुरुआत: जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शिरकत करने के लिए आए थे. उस दौरान उन्होंने इंदौर की जमकर तारीफ करते हुए कहा था कि, इंदौर एक दौर है. इसके बाद से इंदौर लगातार अलग-अलग तरह के प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में अब पर्यावरण को सहजने के लिए इंदौर नगर निगम ने ट्री एंबुलेंस की शुरुआत की है. ट्री एंबुलेंस का मुख्य काम इंदौर शहर में पेड़ और पौधों को जिस तरह से अलग अलग तरह की बीमारियां लग जाती है. जिसके कारण पौधे पेड़ नहीं बन पाते हैं. पहले ही खत्म हो जाते हैं. ट्री एंबुलेंस ऐसे पेड़ों को चिन्हित कर उन पर विभिन्न तरह की दवाइयों का छिड़काव करेगी.

ऐसे होता है इलाज: यदि कोई पौधा पूरी तरीके से खराब हो चुका होगा तो उसे वहां से हटाकर दूसरी जगह ट्रांसप्लांट किया जाएगा. उस पर कई तरह की दवाइयों का छिड़काव कर उसे वापस से ठीक करने के प्रयास किए जाएंगे. बता दे इंदौर नगर निगम में पहली बार पौधे और पेड़ों को सहजने के लिए ट्री एंबुलेंस की शुरुआत की है. जिसकी जमकर सराहना हो रही है. कई लोग पेड़ पौधों को बीमारियों से बचाने के लिए ट्री एंबुलेंस को नंबरों के माध्यम से फोन कर पेड़ों और पौधों की बीमारियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इस दौरान तैनात कर्मचारी मौके पर पहुंचकर पहले संबंधित पौधे एवं पेड़ की बीमारी के बारे में जानकारी लगाते हैं और फिर संबंधित पौधे पर दवाइयों का छिड़काव कर देते हैं.

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घंटी बजते ही पहुंचते हैं अधिकारी: तकरीबन 3 से 4 बार कर्मचारियों के द्वारा पौधों का ट्रीटमेंट किया जाता है. एंबुलेंस में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि, उन्हें रोजाना कई लोग इस तरह से फोन करते हैं और जब भी किसी व्यक्ति का इस तरह से फोन आता है तो तुरंत मौके पर पहुंचते हैं. पौधे को किस तरह की बीमारी लगी हुई है इसके बारे में जानकारी निकाल कर उसका ट्रीटमेंट किया जाता है.

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