इंदौर। शहर में 1 अप्रैल से लागू किए गए स्वच्छता, जल और संपत्ति कर के दोगुना करने के फैसले को राज्य सरकार ने आम लोगों और विपक्ष के विरोध के बाद रद्द करने का फैसला किया है. इस मामले में कल से ही भाजपा नेताओं ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के समक्ष इसे रद्द करने की मांग की थी. इसी बीच कल ही कांग्रेस ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन शुरू करते हुए आज जन जागरण रैली निकाली थी.
- विपक्ष और लोगों ने किया विरोध
राज्य सरकार ने इस बीच आखिरकार नगर निगम का स्वच्छता कर और जलकर को लेकर लागू किए गए आदेश को स्थगित करते हुए इस पूरे मामले पर नए सिरे से कैबिनेट में विचार करने का निर्णय लिया है. इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि आम जनता की भावनाओं से शहर के तमाम भाजपा नेताओ ने मुख्यमंत्री और नगरी प्रशासन मंत्री को कल ही अवगत कराया था. जिसके बाद इस मामले पर गंभीरता से विचार किया जा रहा था. आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने फिलहाल नगर निगम के जलकर बढ़ाने के फैसले को रद्द कर दिया.
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- पहले बढ़ाने का किया था फैसला
गौरतलब है कि इंदौर नगर निगम ने 1 अप्रैल से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की दर हर महीने 300 रुपए करने संबंधी आदेश दिया था. इसके साथ ही जलकर की राशि हर महीने 400 रुपए कर दी थी. साथ ही सीवरेज शुल्क भी हर महीने 240 रुपए कर दिया था. वहीं संपत्ति कर भी गाइडलाइन के हिसाब से वसूलने की तैयारी की थी जिसे लेकर कल से ही इंदौर में जन आक्रोश था. जिसे लेकर उम्मीद की जा रही थी कि सरकार को इस मामले में फैसला लेना होगा, जिसके बाद सरकार ने आदेश को ही निरस्त कर दिया.