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फिर नंबर वन सांसद बने इंदौर के शंकर लालवानी - इंदौर के शंकर लालवानी

देश भर में स्वच्छता के मामले में इंदौर शहर लगातार चार बार से नंबर वन पर बना हुआ है. महामारी के दौरान शहर के भारतीय प्रबंध संस्थान आईआईएम के प्रोफेसर ने सांसदो के कामों को लेकर एक रिसर्च की, जिसमें शहर के सांसद ने "नंबर वन सांसद" के रूप में अपनी पहचान हासिल की है.

Indore MP established his identity as "Number One MP" in one research
इंदौर के सांसद ने "नंबर वन सांसद" के रूप में अपनी पहचान स्थापित की
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Published : Jan 12, 2021, 7:26 PM IST

इंदौर। मिनी मुंबई कहे जाने वाला इंदौर शहर देशभर में स्वच्छता के मामले में लगातार चार बार से नंबर वन पर बना हुआ है, वैसे तो कई मामलों में इंदौर देश के अग्रणी शहरों में शामिल है. लेकिन इस बार इंदौर सांसद भी "नंबर वन सांसद" के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर चुके हैं. बता दें कि देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान भारतीय प्रबंध संस्थान आईआईएम इंदौर के प्रोफेसर ने बीते दिनों एक रिसर्च की थी जिसमें सांसद शंकर लालवानी ने पहला स्थान हासिल किया है.

कोरोना काल में लीडरशिप के लिए किया गया था सर्वे

भारतीय प्रबंधन संस्थान आईआईएम के प्रोफेसर शुभोमय डे की टीम ने देशभर के 24 राज्यों के करीब 100 सांसदों पर रिसर्च की थी, यह रिसर्च कोरोना महामारी के दौरान की गई लीडरशिप और अपने क्षेत्र में किए गए कामों पर की गई. इस दौरान इंदौर के सांसद शंकर लालवानी को अपनी लीडरशिप के लिए पहला स्थान मिला है.

विभिन्न पैमानों पर की गई रिसर्च

आईआईएम के प्रोफेसर शुभोमय डे ने बताया कि कोरोना महामारी के कठिन समय के दौरान जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व क्षमता का अध्ययन किया गया. इस रिसर्च कार्य में विभिन्न बिंदुओं को अलग-अलग पैमानों पर रखकर उनकी दूरदर्शिता, निर्णय, क्षमता, साहस, सहानुभूति, और प्रतिबद्धता जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अध्ययन किया गया.

सर्वे में केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय जिम्मेदारी वाले नेताओं को नहीं किया गया था शामिल

मिली जानकारी के अनुसार सांसदों को लेकर किए गए सर्वे में केंद्रीय मंत्रियों और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न भूमिका निभाने वाले सांसदों को शामिल नहीं किया गया था.

निर्णय व किए गए काम पर बने नंबर वन इंदौर सांसद

इस बारे में प्रोफेसर शुभोमय डे और उनकी टीम ने बताया कि रिसर्च के लिए प्री लॉक डाउन, एक्टिविटी मीटिंग्स, लोकसभा क्षेत्र में किए गए काम, सामाजिक काम में सांसद के योगदान, लोगों को जागरूक करना व सरकार के साथ किए जाने वाले समन्वय को मुख्य तौर पर शामिल किया गया था. साथ ही महामारी के दौरान क्षेत्र में जनता के बीच पहुंचकर किए जाने वाले काम और जनता के लिए किए गए सही निर्णय को भी मुख्य तौर पर शामिल किया गया था.

बता दें कि इस सर्वे में 24 राज्यों के करीब 100 से अधिक सांसदों को शामिल किया गया था, जिन पर रिसर्च तैयार की गई. जिसमें सांसद शंकर लालवानी ने पहला स्थान प्राप्त किया है.

इंदौर। मिनी मुंबई कहे जाने वाला इंदौर शहर देशभर में स्वच्छता के मामले में लगातार चार बार से नंबर वन पर बना हुआ है, वैसे तो कई मामलों में इंदौर देश के अग्रणी शहरों में शामिल है. लेकिन इस बार इंदौर सांसद भी "नंबर वन सांसद" के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर चुके हैं. बता दें कि देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान भारतीय प्रबंध संस्थान आईआईएम इंदौर के प्रोफेसर ने बीते दिनों एक रिसर्च की थी जिसमें सांसद शंकर लालवानी ने पहला स्थान हासिल किया है.

कोरोना काल में लीडरशिप के लिए किया गया था सर्वे

भारतीय प्रबंधन संस्थान आईआईएम के प्रोफेसर शुभोमय डे की टीम ने देशभर के 24 राज्यों के करीब 100 सांसदों पर रिसर्च की थी, यह रिसर्च कोरोना महामारी के दौरान की गई लीडरशिप और अपने क्षेत्र में किए गए कामों पर की गई. इस दौरान इंदौर के सांसद शंकर लालवानी को अपनी लीडरशिप के लिए पहला स्थान मिला है.

विभिन्न पैमानों पर की गई रिसर्च

आईआईएम के प्रोफेसर शुभोमय डे ने बताया कि कोरोना महामारी के कठिन समय के दौरान जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व क्षमता का अध्ययन किया गया. इस रिसर्च कार्य में विभिन्न बिंदुओं को अलग-अलग पैमानों पर रखकर उनकी दूरदर्शिता, निर्णय, क्षमता, साहस, सहानुभूति, और प्रतिबद्धता जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अध्ययन किया गया.

सर्वे में केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय जिम्मेदारी वाले नेताओं को नहीं किया गया था शामिल

मिली जानकारी के अनुसार सांसदों को लेकर किए गए सर्वे में केंद्रीय मंत्रियों और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न भूमिका निभाने वाले सांसदों को शामिल नहीं किया गया था.

निर्णय व किए गए काम पर बने नंबर वन इंदौर सांसद

इस बारे में प्रोफेसर शुभोमय डे और उनकी टीम ने बताया कि रिसर्च के लिए प्री लॉक डाउन, एक्टिविटी मीटिंग्स, लोकसभा क्षेत्र में किए गए काम, सामाजिक काम में सांसद के योगदान, लोगों को जागरूक करना व सरकार के साथ किए जाने वाले समन्वय को मुख्य तौर पर शामिल किया गया था. साथ ही महामारी के दौरान क्षेत्र में जनता के बीच पहुंचकर किए जाने वाले काम और जनता के लिए किए गए सही निर्णय को भी मुख्य तौर पर शामिल किया गया था.

बता दें कि इस सर्वे में 24 राज्यों के करीब 100 से अधिक सांसदों को शामिल किया गया था, जिन पर रिसर्च तैयार की गई. जिसमें सांसद शंकर लालवानी ने पहला स्थान प्राप्त किया है.

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