इंदौर। मध्य प्रदेश में चुनाव के पूर्व मेट्रो चलाने के प्रयासों के फल स्वरुप इंदौर मेट्रो का काम अब अंतिम चरण में है. लिहाजा सॉफ्ट ट्रायल टेक्निकल ट्रायल के चलते मेट्रो के तीन कोच को मिलाकर पहली बार करीब 6 किलोमीटर का ट्रायल रन किया गया, जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के विकास की तस्वीर बताया है. गौरतलब है कि सितंबर माह में इंदौर में मेट्रो चलाने की डेडलाइन है, लिहाजा हाल ही में मेट्रो के कोच बड़ौदा से इंदौर लाए जाने के बाद बारी-बारी से मेट्रो का ट्रायल रन इंदौर के सुपर कॉरिडोर पर जारी है.
इंदौर मेट्रो कोच और ट्रैक का फिटनेस टेस्ट: बुधवार को फिर मेट्रो के कोच को पहली बार रैंप और डक्ट पर लोड किए जाने के बाद मेट्रो ट्रेन की 3 बोगी को मिलाकर ट्रेन का डायनेमिक टेस्ट किया गया, मेट्रो ट्रेन की टेक्निकल टीम ने इस दौरान गांधीनगर रेलवे स्टेशन से सुपर कॉरिडोर स्टेशन नंबर 3 तक करीब 6 किलोमीटर के दायरे में ट्रेन को 8 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से आगे बढ़ाया. इस दौरान मेट्रो के कोच के फिटनेस के साथ ट्रैक का भी परीक्षण किया गया और संबंधित स्टेशनों पर ट्रेन कैसे रुकेगी और कहां रुकेगी, इसे लेकर भी मार्किंग की गई.
3 शिफ्ट में कर्मचारियों को लगातार काम करने के निर्देश: मेट्रो ट्रेन के मूवमेंट और स्टॉपेज के दौरान होने वाली व्यावहारिक परेशानियां का भी परीक्षण किया गया, वहीं टेक्निकल टीम ने इसके तकनीकी पहलू के अलावा स्टेशन पर मेट्रो की स्टॉपेज टाइमिंग के अलावा अलार्म एवं अन्य तकनीकी पहलुओं पर भी फोकस किया. दरअसल इंदौर मेट्रो के लिए मेट्रो रेल कंपनी के प्रमुख मनीष सिंह ने तीन शिफ्ट में कर्मचारियों को लगातार काम करने के निर्देश दिए हैं, लिहाजा स्टेशनों को जल्द से जल्द तैयार किए जाने के बाद उसमें मेट्रो के मूवमेंट को जल्द गति देना है. लिहाजा बारी-बारी से स्टेशनों के अपग्रेडेशन के साथ मेट्रो रेल की टेस्टिंग इन दोनों सुपर कॉरिडोर ट्रैक पर बारी-बारी से चल रही है.