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इंदौर मेट्रो की डेडलाइन पर उठे सवाल, कांग्रेस ने खिलौना ट्रेन चलाकर किया विरोध - इंदौर मेट्रो कब चलेगी

एमपी में विधानसभा चुनावों से पहले इंदौर मेट्रो का ट्रायल रन मुश्किल लगा रहा है. कांग्रेस ने 2023 तक मेट्रो चलाने के बीजेपी की घोषणा को जनता के साथ छलावा बताया है. कांग्रेस ने मेट्रो की लेटलतीफी पर तंज कसते हुए खिलौना ट्रेन चलाया है.

indore metro project delay
इंदौर मेट्रो पर तंज
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Published : Apr 19, 2023, 3:16 PM IST

इंदौर मेट्रो पर कांग्रेस का तंज

इंदौर। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इंदौर में सितंबर 2023 तक मेट्रो ट्रेन चलाने के सरकारी दावों पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल काम की धीमी गति के मद्देनजर ना तो निर्धारित क्षेत्र में स्टेशन बन पाए हैं ना ही ट्रैक आकार ले पाया है. लिहाजा कांग्रेस ने सितंबर 2023 तक ट्रेन चलाने के शिवराज सरकार के दावे को चुनावी झूठ बताया है. इतना ही नहीं इंदौर में कांग्रेस नेता ने मेट्रो की लेटलतीफी के विरोध में खिलौना ट्रेन चलाकर मेट्रो प्रोजेक्ट की धीमी गति पर कटाक्ष किया है. कांग्रेस का दावा है कि शिवराज सरकार में यदि मेट्रो ट्रेन के काम की यही रफ्तार रही तो अगले 5 साल में भी काम पूरा होना मुश्किल है जबकि यदि राज्य में कमलनाथ सरकार होती तो 2023 में यह प्रोजेक्ट पूरा हो सकता था.

मेट्रो प्रोजेक्ट में लेटलतीफी: 2019 में कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहते इंदौर में मेट्रो के लिए भूमि पूजन हुआ था. इसके बाद कमलनाथ सरकार चली गई तो इसी तरह 2020-21 में इस प्रोजेक्ट के लिए पहले चरण में 245 करोड़ रुपए जारी हुए, इसके बाद करीब 700 करोड़ रुपए से भोपाल और इंदौर मेट्रो का काम किया जा रहा है हालांकि मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी ने काम में तेजी के दावे करते हुए विगत दिनों पूर्वी सितंबर 2023 तक इंदौर में करीब 7 किलोमीटर के क्षेत्र में ट्रायल रन की घोषणा की थी. फिलहाल मौके पर जो स्थिति है उसके चलते माना जा रहा है कि निर्धारित डेट लाइन में ट्रायल रन होना भी मुश्किल है.

ट्रायल रन होना भी मुश्किल: कांग्रेस ने इस मामले में कटाक्ष करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री की अन्य घोषणाओं की तरह ही मेट्रो रेल को सितंबर 2023 तक चलाने की घोषणा भी झूठी साबित होने जा रही है क्योंकि ना तो ट्रायल रन के क्षेत्र में पटरी डल पाई है नाही कोई स्टेशन अभी तक बन पाया है. ऐसी स्थिति में ट्रेन को सितंबर शुरू करना किसी हसीन सपने से कम नहीं है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राकेश सिंह यादव ने इस पूरे प्रोजेक्ट पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के काम की रफ्तार यही रही तो यह प्रोजेक्ट 2032 में भी पूरा होना मुश्किल है क्योंकि कार्य मौके पर बहुत धीमी गति से चल रहा है.

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राजनीतिक लाभ की मंशा: कांग्रेस नेता राकेश सिंह ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार बिना तथ्यों के आधार पर चुनाव के दौरान इस योजना का राजनीतिक लाभ लेना चाहती है इसीलिए मौके पर काम की समीक्षा किए बिना ही सितंबर तक ट्रायल रन के झूठे दावे किए जा रहे हैं जो कि इंदौर और भोपाल की जनता के साथ छलावा है. राकेश सिंह ने कहा कि राज्य सरकार विकास योजनाओं के नाम पर विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से करोड़ों अरबों का लोन ले रही है लेकिन लोन की राशि से भी विकास कार्य एवं महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं. इसी से शिवराज सरकार की कथनी करनी उजागर हो जाती है. कांग्रेस नेता ने कहा कि मेट्रो रेल के सपने तो सितंबर तक पूरे नहीं होंगे लेकिन यह सपने बच्चों की खिलौना ट्रेन चलाकर शिवराज सरकार पूरे कर सकती है. खिलौना ट्रेन नहीं सही तो छोटी कोई ट्रेन इंदौर के नेहरू पार्क में भी चला दे तो ही काफी होगा.

इंदौर मेट्रो पर कांग्रेस का तंज

इंदौर। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इंदौर में सितंबर 2023 तक मेट्रो ट्रेन चलाने के सरकारी दावों पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल काम की धीमी गति के मद्देनजर ना तो निर्धारित क्षेत्र में स्टेशन बन पाए हैं ना ही ट्रैक आकार ले पाया है. लिहाजा कांग्रेस ने सितंबर 2023 तक ट्रेन चलाने के शिवराज सरकार के दावे को चुनावी झूठ बताया है. इतना ही नहीं इंदौर में कांग्रेस नेता ने मेट्रो की लेटलतीफी के विरोध में खिलौना ट्रेन चलाकर मेट्रो प्रोजेक्ट की धीमी गति पर कटाक्ष किया है. कांग्रेस का दावा है कि शिवराज सरकार में यदि मेट्रो ट्रेन के काम की यही रफ्तार रही तो अगले 5 साल में भी काम पूरा होना मुश्किल है जबकि यदि राज्य में कमलनाथ सरकार होती तो 2023 में यह प्रोजेक्ट पूरा हो सकता था.

मेट्रो प्रोजेक्ट में लेटलतीफी: 2019 में कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहते इंदौर में मेट्रो के लिए भूमि पूजन हुआ था. इसके बाद कमलनाथ सरकार चली गई तो इसी तरह 2020-21 में इस प्रोजेक्ट के लिए पहले चरण में 245 करोड़ रुपए जारी हुए, इसके बाद करीब 700 करोड़ रुपए से भोपाल और इंदौर मेट्रो का काम किया जा रहा है हालांकि मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी ने काम में तेजी के दावे करते हुए विगत दिनों पूर्वी सितंबर 2023 तक इंदौर में करीब 7 किलोमीटर के क्षेत्र में ट्रायल रन की घोषणा की थी. फिलहाल मौके पर जो स्थिति है उसके चलते माना जा रहा है कि निर्धारित डेट लाइन में ट्रायल रन होना भी मुश्किल है.

ट्रायल रन होना भी मुश्किल: कांग्रेस ने इस मामले में कटाक्ष करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री की अन्य घोषणाओं की तरह ही मेट्रो रेल को सितंबर 2023 तक चलाने की घोषणा भी झूठी साबित होने जा रही है क्योंकि ना तो ट्रायल रन के क्षेत्र में पटरी डल पाई है नाही कोई स्टेशन अभी तक बन पाया है. ऐसी स्थिति में ट्रेन को सितंबर शुरू करना किसी हसीन सपने से कम नहीं है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राकेश सिंह यादव ने इस पूरे प्रोजेक्ट पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के काम की रफ्तार यही रही तो यह प्रोजेक्ट 2032 में भी पूरा होना मुश्किल है क्योंकि कार्य मौके पर बहुत धीमी गति से चल रहा है.

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