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Indore High Court 10 साल पुराने मामले में कोर्ट ने पलटा फैसला, आरोपी को किया रिहा, दोबारा जांच के निर्देश

हाई कोर्ट की इंदौर ब्रांच ने एक 10 साल पुराने मामले में सुनवाई करते हुए सजा काट रहे आरोपी को रिहा करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने पूरे मामले में दोबारा जांच के निर्देश भी दिए हैं. सजा काट रहा आरोपी मतृक का सौतेला बेटा है. Indore High Court,Indore High Court released accused

Indore High Court
इंदौर हाईकोर्ट
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Published : Aug 26, 2022, 9:28 AM IST

इंदौर। 10 साल पुराने एक मामले में हाई कोर्ट की इंदौर ब्रांच ने सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला पलट दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने जांच अधिकारी को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कई और आदेश देते हुए आरोपी की रिहाई के आदेश दिए हैं. साथ ही पूरे मामले में एक बार फिर जांच के निर्देश भी पुलिस को दिए हैं.

रिपोर्ट बनाते वक्त सो गए थे जांच अधिकारी- इंदौर हाई कोर्ट ने 10 साल पुराने एक मामले में बलात्कार और हत्या की सजा को पलट दिया है. जांच अधिकारी के खिलाफ फॉरेंसिक परीक्षण नहीं करने के लिए जांच के आदेश दिए हैं. वहीं हाई कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि जांच पड़ताल के दौरान जांच अधिकारी फॉरेंसिक रिपोर्ट पर सो गए थे. कोर्ट ने जांच अधिकारी को फटकार लगाते हुए 10 साल से सजा काट रहे आरोपी की रिहाई के भी आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को इस पूरे मामले में वैज्ञानिक साक्ष्य को वापस लेने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के आदेश भी दिए हैं. वही कोर्ट ने अपीलकर्ता को गिरफ्तार करने और सबूत जब्त करते समय जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट बनाते समय सो जाने पर जांच अधिकारी को फटकार भी लगाई है. साथ ही कोर्ट ने यह भी लिखा कि जांच अधिकारी द्वारा डीएनए प्रोफाइलिंग करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए थे. जिससे न केवल अपीलकर्ता के साथ बल्कि मृतक के साथ भी अन्याय हुआ है. जिसका प्रार्थी कभी पकड़ा नहीं गया या आज मुक्त हो गया. आरोपी को कोर्ट ने रिहा किया है. वह मृतक का सौतेला बेटा था और अपराध के चलते 10 साल से जेल में बंद था.

मेडिकल टीम की देखरेख में रेप पीड़िता का कराया जाए गर्भपातः HC

क्या है मामला- बता दें मामला 10 साल पुराना है. सन 2011 में एक खेत में अर्ध नग्न शरीर की एक लाश पड़ी हुई थी. मामले की सूचना आसपास के लोगों ने पुलिस को दी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अर्ध नग्न शरीर के आसपास मौजूद कई तरह की टूटी हुई चूड़ियां और खून से सना हुआ पत्थर और पीड़ित की उंगलियों से बाल बरामद किए थे. साथ ही पोस्टमार्टम के लिए बॉडी को हॉस्पिटल पहुंचाया था. जांच पड़ताल में इस बात की जानकारी मिली कि मृतक संबंधित युवक के साथ आखिरी बार देखी गई थी. उसी की निशानदेही पर पुलिस ने मृतक के सौतेले बेटे को गिरफ्तार किया और उसे कोर्ट में पेश किया. जहां उसे दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई थी लेकिन जब इंदौर हाई कोर्ट के समक्ष पूरा मामला आया तो काफी बारीकी से पुलिस द्वारा जांच की गई, विभिन्न तर्कों को देखा और उसके बाद जांच अधिकारी द्वारा किए गए जांच पर सवाल खड़े करते हुए पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई गई. साथ ही आरोपी को रिहा करने के आदेश दिए गए. वहीं मामले में जांच के निर्देश भी कोर्ट ने दिए हैं.( Indore High Court,Indore High Court released accused)

इंदौर। 10 साल पुराने एक मामले में हाई कोर्ट की इंदौर ब्रांच ने सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला पलट दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने जांच अधिकारी को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कई और आदेश देते हुए आरोपी की रिहाई के आदेश दिए हैं. साथ ही पूरे मामले में एक बार फिर जांच के निर्देश भी पुलिस को दिए हैं.

रिपोर्ट बनाते वक्त सो गए थे जांच अधिकारी- इंदौर हाई कोर्ट ने 10 साल पुराने एक मामले में बलात्कार और हत्या की सजा को पलट दिया है. जांच अधिकारी के खिलाफ फॉरेंसिक परीक्षण नहीं करने के लिए जांच के आदेश दिए हैं. वहीं हाई कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि जांच पड़ताल के दौरान जांच अधिकारी फॉरेंसिक रिपोर्ट पर सो गए थे. कोर्ट ने जांच अधिकारी को फटकार लगाते हुए 10 साल से सजा काट रहे आरोपी की रिहाई के भी आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को इस पूरे मामले में वैज्ञानिक साक्ष्य को वापस लेने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के आदेश भी दिए हैं. वही कोर्ट ने अपीलकर्ता को गिरफ्तार करने और सबूत जब्त करते समय जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट बनाते समय सो जाने पर जांच अधिकारी को फटकार भी लगाई है. साथ ही कोर्ट ने यह भी लिखा कि जांच अधिकारी द्वारा डीएनए प्रोफाइलिंग करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए थे. जिससे न केवल अपीलकर्ता के साथ बल्कि मृतक के साथ भी अन्याय हुआ है. जिसका प्रार्थी कभी पकड़ा नहीं गया या आज मुक्त हो गया. आरोपी को कोर्ट ने रिहा किया है. वह मृतक का सौतेला बेटा था और अपराध के चलते 10 साल से जेल में बंद था.

मेडिकल टीम की देखरेख में रेप पीड़िता का कराया जाए गर्भपातः HC

क्या है मामला- बता दें मामला 10 साल पुराना है. सन 2011 में एक खेत में अर्ध नग्न शरीर की एक लाश पड़ी हुई थी. मामले की सूचना आसपास के लोगों ने पुलिस को दी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अर्ध नग्न शरीर के आसपास मौजूद कई तरह की टूटी हुई चूड़ियां और खून से सना हुआ पत्थर और पीड़ित की उंगलियों से बाल बरामद किए थे. साथ ही पोस्टमार्टम के लिए बॉडी को हॉस्पिटल पहुंचाया था. जांच पड़ताल में इस बात की जानकारी मिली कि मृतक संबंधित युवक के साथ आखिरी बार देखी गई थी. उसी की निशानदेही पर पुलिस ने मृतक के सौतेले बेटे को गिरफ्तार किया और उसे कोर्ट में पेश किया. जहां उसे दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई थी लेकिन जब इंदौर हाई कोर्ट के समक्ष पूरा मामला आया तो काफी बारीकी से पुलिस द्वारा जांच की गई, विभिन्न तर्कों को देखा और उसके बाद जांच अधिकारी द्वारा किए गए जांच पर सवाल खड़े करते हुए पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई गई. साथ ही आरोपी को रिहा करने के आदेश दिए गए. वहीं मामले में जांच के निर्देश भी कोर्ट ने दिए हैं.( Indore High Court,Indore High Court released accused)

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