इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में धोखाधड़ी के कई मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला बीमा पॉलिसी में धोखाधड़ी (Indore insurance Policy Fraud) को लेकर है. एक महिला अपने पति की मौत के बाद बीमा एजेंट के साथ मिलकर इंश्योरेंस कंपनी से पैसे बनाने का षडयंत्र रचती है. बड़ी ही चालाकी से उसने 1.6 करोड़ रुपए का बीमा अपने पति के नाम पर लिया. इसके लिए उसने अपने पति के जिंदा होने के फर्जी कागजात दिखाए, क्योंकि असल में जिस पति के नाम पर उसने ये बीमा पॉलिसी हासिल की उसकी 14 दिन पहले मौत हो गई थी. जब पूरे मामले की जानकारी संबंधित बीमा कंपनी को लगी तो उसके अधिकारी शॉक्ड रह गए. उनके साथ धोखा हुआ था. बाद में कंपनी ने कोर्ट में परिवाद दायक किया, कोर्ट के आदेश पर पलासिया थाना पुलिस ने इस पूरे मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
कंपनी के अफसर ने कोर्ट में दायर किया परिवाद: पुलिस ने जो जानकारी दी उसके मुताबिक यह महिला बेदह शातिराना तरीके से पहले अपने पति को जिंदा दिखाती है और फिर उसे दुबारा मार देती है. इसके लिए उसने कंपनी के ही एक एजेंट से मिलकर सारे कागजात तैयार किए. वैरिफिकेशन में भी फर्जीवाड़ा किया. महिला ने अपने मृत पति को जिंदा बता कर 1.6 करोड़ की बीमा पॉलिसी ली. बाद में फर्जीवाड़े के आधार पर अपने पति की मौत दिखा बीमा कंपनी से क्लेम का पैसा हासिल कर किया. बाद में जब इंश्योरेंस कंपनी को शक हुआ तो उसने फिर से मामले में जांच पड़ताल करवाई, जिसके बाद न्यायालय की शरण ली. कोर्ट के आदेश के बाद अब मामले में केस दर्ज हुआ है.
मामले में पलासिया थाना प्रभारी संजय सिंह बैस का कहना है कि, फरियादी अभिनव त्रिपाठी की शिकायत पर आरोपी फूलबाई और बद्री लाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. फरियादी अभिनव कृष्ण श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के अफसर हैं, उन्होंने कोर्ट में परिवाद दायर किया था. अब मामले की जांच हो रही है और जल्द आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
बीमा एजेंट ने पॉलिसी धारक को मृत बताकर 5 लाख हड़पे, शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
पॉलिसी लेने के कुछ दिन पहले ही पति की हो चुकी थी मौत: दरअसल आरोपी फूलबाई ने अपने पति तुकाराम के लिए 25 साल की अवधि के लिए बीमा प्लान लिया था. यह बीमा पॉलिसी साल 2012 में ली गई थी. बीमा पॉलिसी लेने के 14 दिन बाद ही तुकाराम की मौत हो गई और बीमा कंपनी से 1 करोड़ 60 लाख का क्लेम ले लिया. बीमा कंपनी ने मामले में निजी तौर पर जांच कराई तो पता लगा कि जिस तुकाराम के नाम पर पॉलिसी लेकर फर्जी तरीके से पैसा लिया गया है, उस तुकाराम की तो पॉलिसी लेने के कुछ दिन पहले ही मौत हो चुकी थी. बीमा कंपनी ने मामले में न्यायालय में परिवाद लगाया और अब इस पूरे मामले में प्रकरण दर्ज हुआ.