इंदौर। बच्चों के जन्म की बधाई लेने के लिए घर-घर नाचने-गाने आने वाले किन्नरों से अब घर के पालतू जानवर भी सुरक्षित नहीं है. मुंह मांगी रकम नहीं मिलने के कारण अब किन्नर कई घरों से पालतू जानवरों के अलावा बच्चों को भी अपने साथ ले जाने की मांग कर रहे हैं. इंदौर में ऐसे ही एक चौंकाने वाले मामल में जब पीड़ित परिवार किन्नर की टोली को तत्काल ₹51000 नहीं दे पाया तो रुपए के बदले किन्नर घर की पालतू बिल्ली ही लेकर चले गए. पर्शियन प्रजाति की इस बिल्ली को किन्नर की टोली द्वारा जबरिया ले जाने की शिकायत पीड़ित परिवार ने इंदौर के द्वारका नगर थाने में की है.
बधाई लेने पहुंची नकली किन्नरों की टोली: दरअसल, द्वारकापुरी क्षेत्र में रहने वाले अमोघ गडकरी के घर में खुद को इंदौर के नंदलालपुरा के किन्नर बताकर नकली किन्नरों की टोली बच्ची के जन्म की बधाई की राशि लेने पहुंची थी. दोपहर में सूना घर देखकर टोली जबरदस्ती घर में घुस गई. इसके बाद उन्होंने नाच-गाना शुरू करके गडकरी परिवार से बच्ची के जन्म के बधाई के रूप में 51000 की मांग की. घर में इतनी रकम नगद नहीं होने के कारण जब परिवार ने असमर्थता जताते हुए ढाई हजार रुपए देना चाहा तो कल्पना पालक और बाल नामक किन्नर ने क्यूआर कोड के जरिए मोबाइल से उनके खाते में रकम ट्रांसफर करने की मांग की. जब इतनी रकम की व्यवस्था नहीं हो पाई तो किन्नर उस बच्ची को ही ले जाने लगे, जिसकी बधाई की रकम मांगने पहुंचे थे.
मुंह मांगी कीमत न मिलने पर ले गए महंगी बिल्ली: भारती गडकरी ने घबराकर किन्नर की टोली के हाथ-पैर जोड़े, लेकिन किन्नर कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद किन्नर ने बच्ची को जमीन में दफनाकर गुड्डा बनाने जैसा डर भी परिवार को दिखाया. मजबूर होकर घर की महिलाओं ने जैसे तैसे ₹21000 की व्यवस्था की. घर से नीचे उतरते समय किन्नर की टोली को पता चला कि घर में महंगी बिल्ली भी है, तो उन्होंने रुपए के बदले जेनी नाम की पर्शियन बिल्ली को ही उठाकर अपने पास रख लिया. इस दौरान गडकरी परिवार ने बिल्ली को छोड़ने की मांग की तो किन्नर का कहना था कि "51000 रुपए पूरे दोगे तो बिल्ली मिल जाएगी. इसके बाद परिवार की महिलाओं ने पूरे मामले की शिकायत द्वारका नगर पुलिस में की. हालांकि पुलिस ने इस गंभीर मामले में भी महज आवेदन लेकर इतिश्री कर ली है. हालांकि अब पीड़ित परिवार को आशंका है कि उनकी शिकायत करने पर किन्नर उनके साथ फिर कोई वारदात तो अंजाम दे सकते हैं. वहीं अपनी बिल्ली ले जाने के कारण घर के बाकी सदस्य भी खासे निराश हैं. जो इंदौर पुलिस से लगातार बढ़ रहे किन्नर की टोली के आतंक के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं.
क्यूआर कोड से मांग रहे हैं बधाई की रकम: इंदौर में अब किन्नर अपने टारगेट परिवारों को मुंह मांगी रकम लेने के लिए मोबाइल के क्यूआर कोड का उपयोग कर रहे हैं. खास बात यह है कि यह किन्नर अपना मोबाइल नंबर तो नहीं देना चाहते, लेकिन मोबाइल पर कोड स्कैन करके बधाई की रकम अपने खातों में डलवा रहे हैं. सबसे बड़ी परेशानी इनके असली और नकली होने को लेकर भी है, क्योंकि इंदौर में किन्नर समुदाय की दो प्रमुख तालियां के अलावा बड़ी संख्या में नकली किन्नर की टोली भी सक्रिय है, जो कई परिवारों को बच्चों की बधाई की रकम लेने के लिए तरह-तरह से अपना निशाना बना चुकी है.