इंदौर। देश में तेजी से विकसित होते मेडिकल साइंस और सर्जरी के नए-नए आयाम के चलते अब मेनिनजियोमा ट्यूमर की सर्जरी भी आसान हो गई है. इंदौर में इसी बीमारी की एक महिला मरीज की 12 घंटे तक चली सर्जरी के बाद उसे नई जिंदगी मिल सकी है. गौरतलब है दुनिया भर में केवल 3% मरीज ही मेनिनजियोमा ट्यूमर के पाए जाते हैं. जिन्हें इस ट्यूमर के कारण सिर दर्द, दौरे पड़ना, धुंधला दिखना, हाथ पैरों में कमजोरी, शरीर सुन होना व बोलने में मुश्किल होना जैसी शिकायत रहती है.
मेनिनजियोमा ट्यूमर से ग्रसित महिला: दरअसल, इंदौर के इंडेक्स कॉलेज में मेनिनजियोमा ट्यूमर से ग्रसित सिमरोल निवासी एक महिला मरीज बीते दिनों इलाज के लिए पहुंची थी. महिला की जांच के बाद हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डाॅ. क्षितिज अपूर्व निगम में जांच के बाद देखा कि संबंधित महिला मरीज के दिमाग और रीढ़ की हड्डी के इस सेंटर में बड़ा ट्यूमर होने के कारण महिला को काफी परेशानी हो रही थी. लिहाजा उन्होंने महिला को अस्पताल में भर्ती होने के बाद तत्काल सर्जरी करने का फैसला किया. सर्जरी के दौरान डॉक्टर ने पाया महिला मरीज मेनिनजियोमा ट्यूमर से ग्रसित है.
दरअसल ये ट्यूमर मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर बनी झिल्ली या परत की तरह होता है. इसकी वजह से मस्तिष्क की नसों पर दबाव पड़ता है. यह ट्यूमर अधिकतर धीमी गति से विकसित होता है. कई मामलों में वर्षों तक इसके लक्षण सामने नहीं आते हैं, लेकिन संबंधित महिला को बीमारी के लक्षण दिखाने के बाद डॉक्टरों की जांच में यह ट्यूमर पता चल सका.
आम जिंदगी जीने में परेशानी: इस बीमारी के कारण कई महीनों से वह आम जिंदगी नहीं जी पा रही थी. 12 घंटे के इस ऑपरेशन में इंडेक्स माइक्रोस्कोप से 12 घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद डॅाक्टरों ने 4 सेमी बाय 3 सेमी बाय 3 सेमी के ट्यूमर को शरीर से से निकाला है. इसमें खासतौर पर डॅाक्टरों की टीम के लिए भी यह जटिल सर्जरी करना काफी मुश्किल होता है. इसमें ऑपरेशन के दौरान लकवाग्रस्त होने के साथ कई गंभीर खतरे रहते हैं. इसमें गले की मांसपेशियां, मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली नसों के साथ सांस न लेने जैसे कई समस्या भी हो सकती थी. ऑपरेशन के बाद मरीज को डॉक्टरों की टीम ने अपनी निगरानी में रखा हुआ है.
यह है दुर्लभ बीमारी के लक्षण: दुनिया में इस बीमारी से केवल तीन प्रतिशत मरीज ही ग्रस्त होते हैं. दुर्लभ बीमारी के कारण इसकी सर्जरी जटिल होने के साथ गंभीर भी होती है. कुछ मामले ऐसे भी होते हैं. इसमें इसके प्रभाव के कारण रोगी को विकलांगता भी हो सकती है. इसके लक्षणों में सिरदर्द, दौरे पड़ना, धुंधला दिखना, हाथ पैरों में कमजोरी आना, शरीर सुन होना व बोलने में मुश्किल होना शामिल है. यदि बीमारी का पता ना चल पाए तो जान जाने का भी खतरा रहता है.
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12 घंटे तक चला जटिल ऑपरेशन: इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॅास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में डॉक्टरों की टीम ने 12 घंटे की सर्जरी के बाद मेनिनजियोमा ट्यूमर के मरीज का सफल ऑपरेशन किया. मेनिनजियोमा ट्यूमर (फोरामेन मैग्नम मेनिनजियोमा ) एक से तीन प्रतिशत मरीज ही दुनिया में इस बीमारी से ग्रस्त होते हैं.