इंदौर। आमतौर पर मार्च का महीना एग्जाम का महीना माना जाता है. मार्च आते ही स्कूलों की सभी प्रकार की परीक्षाओं की शुरुआत हो जाती है. परीक्षाओं के इस सीजन में इस समय सभी जगह यही सवाल उठ रहा है कि इस बार परीक्षा ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन. इंदौर जिला प्रशासन ने इसके लिए एक पहल की है. जिला शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों के लिए गाइड लाइन जारी की गई है. शहर के सेंट पॉल और सेंट रेफियल्स गर्ल्स स्कूल में ऑफलाइन परीक्षा अनिवार्य कराने की शिकायत पर प्रशासन ने इन दोनों स्कूलों के साथ सभी स्कूलों के लिए परीक्षा को लेकर निर्देश जारी किए हैं.
छात्रों के पास दोनों ही विकल्प
कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति में अधिकांश स्कूल ऑनलाइन एग्जाम कराने के लिए सहमत हैं. लेकिन कुछ स्कूलों में बच्चों को ऑफ लाइन एग्जाम का विकल्प दिया जा रहा है. इन स्कूलों का कहना है कि वे कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करेंगे. इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन के पास शिकायत पहुंची थी कि शहर के दो स्कूलों में छात्रों को ऑफलाइन एग्जाम के लिए दबाव बनाया जा रहा है. जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी रवि कुमार सिंह ने स्कूल प्रबंधन से बात कर उन्हें सलाह दी गई कि परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित कराई जाए और किसी भी बच्चों पर परीक्षा में ऑफलाइन शामिल होने के लिए दबाव ना बनाया जाए. छात्र चाहे तो वह ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं.
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पहली से आठवीं तक की परीक्षा होगी ऑनलाइन
जिला शिक्षा अधिकारी रवि कुमार सिंह का कहना है कि स्कूल प्रबंधक द्वारा बताया गया है कि कक्षा पहली से आठवीं कक्षा तक की परीक्षा ऑनलाइन आयोजित कराई जा रही है. वहीं 9वीं से 12वीं तक की परीक्षा ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तौर पर आयोजित की गई है. शहर के सेंट पॉल और सेंट रेफियल्स स्कूल की शिकायत मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूल प्रबंधन और विशप चाको को से बात की. जिस पर बताया गया कि सीबीएसई द्वारा जारी निर्देशों का पालन करते हुए भी परीक्षाओं का आयोजन कराया जाएगा. नौवीं से 12वीं कक्षा के परीक्षार्थियों के लिए दोनों ही विकल्प खुले रखे गए है, जो बच्चे से अच्छा से ऑफलाइन परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं उनके लिए अलग व्यवस्था होगी और ऑनलाइन परीक्षा के लिए अलग से शेड्यूल जारी किया जाएगा.
गाइड लाइन का पालन नहीं तो कार्रवाई
जिला शिक्षा अधिकारी रवि कुमार सिंह के मुताबिक जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेशों के बाद ऑफलाइन परीक्षा के दौरान अगर कोई अवांछित बनती है तो संस्था के प्राचार्य के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी. जिला प्रशासन का यह निर्देश के सभी स्कूलों के लिए लागू होगा.