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कर्फ्यू को 30 अप्रैल तक बढ़ाने की खबर हुई वायरल, कलेक्टर ने बताई अफवाह - News viral on social media

सोशल मीडिया पर इंदौर के कलेक्टर के नाम पर कर्फ्यू को 30 अप्रैल तक बढ़ाये जाने की बात फेंक है इसकी पुष्टि खुद कलेक्टर मनीष सिंह ने कर दी है.

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इंदौर
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Published : Apr 6, 2020, 1:44 PM IST

इंदौर। शहर के कलेक्टर के नाम से सोशल मीडिया पर एक फेक न्यूज़ वायरल होने के बाद अधिकारी सतर्क हो गए हैं. दरअसल इंदौर के सोशल मीडिया पर एक खबर चली थी जिसमें कर्फ्यू को 30 अप्रैल तक बढ़ाये जाने की बात कही जा रही थी. इस खबर में यह भी लिखा गया था कि यह फरमान इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने जारी किया है.

सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने पुलिस अधिकारियों को जांच करने के लिए कहा है और अब दोषियों के खिलाफ आईटी एक्ट की कार्रवाई की जा रही है.

दरअसल इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के द्वारा रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के तहत दिल्ली अधिकारियों से बात की गई थी. यह बैठक पूरे देश के शहरों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की गयी थी जिसमें पूरे देश के कलेक्टर ने अपनी बात बताई थी.

इस बैठक के बाद जिला कलेक्टर ने यह जानकारी जरुर दी थी कि कर्फ्यू का सख्ती से पालन करवाया जाएगा, लेकिन कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर यह न्यूज़ वायरल हो गई कि इंदौर कलेक्टर के द्वारा यह फरमान जारी किया जा रहा है कि 30 अप्रैल तक कर्फ्यू में कोई छूट नहीं दी जाएगी. साथ ही कई बातें उस फेक न्यूज़ में डालकर कलेक्टर के कहे अनुसार बताकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था.

पूरे मामले की जानकारी सामने आने के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने इस सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबर को गलत बताया और पुलिस अधिकारियों को इस पूरे मामले की जांच करने के लिए कहा कलेक्टर ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश भी दिए कि सोशल मीडिया पर जिसने भी यह फेक न्यूज़ चलाई है उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए.

इंदौर में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या के चलते प्रशासन कई कड़े कदम उठा रहा है लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही गलत जानकारियों के कारण प्रशासन को और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

इंदौर। शहर के कलेक्टर के नाम से सोशल मीडिया पर एक फेक न्यूज़ वायरल होने के बाद अधिकारी सतर्क हो गए हैं. दरअसल इंदौर के सोशल मीडिया पर एक खबर चली थी जिसमें कर्फ्यू को 30 अप्रैल तक बढ़ाये जाने की बात कही जा रही थी. इस खबर में यह भी लिखा गया था कि यह फरमान इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने जारी किया है.

सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने पुलिस अधिकारियों को जांच करने के लिए कहा है और अब दोषियों के खिलाफ आईटी एक्ट की कार्रवाई की जा रही है.

दरअसल इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के द्वारा रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के तहत दिल्ली अधिकारियों से बात की गई थी. यह बैठक पूरे देश के शहरों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की गयी थी जिसमें पूरे देश के कलेक्टर ने अपनी बात बताई थी.

इस बैठक के बाद जिला कलेक्टर ने यह जानकारी जरुर दी थी कि कर्फ्यू का सख्ती से पालन करवाया जाएगा, लेकिन कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर यह न्यूज़ वायरल हो गई कि इंदौर कलेक्टर के द्वारा यह फरमान जारी किया जा रहा है कि 30 अप्रैल तक कर्फ्यू में कोई छूट नहीं दी जाएगी. साथ ही कई बातें उस फेक न्यूज़ में डालकर कलेक्टर के कहे अनुसार बताकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था.

पूरे मामले की जानकारी सामने आने के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने इस सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबर को गलत बताया और पुलिस अधिकारियों को इस पूरे मामले की जांच करने के लिए कहा कलेक्टर ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश भी दिए कि सोशल मीडिया पर जिसने भी यह फेक न्यूज़ चलाई है उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए.

इंदौर में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या के चलते प्रशासन कई कड़े कदम उठा रहा है लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही गलत जानकारियों के कारण प्रशासन को और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

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