इंदौर। जिले के साइबर सेल पुलिस को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. पिछले दिनों एक पीड़िता ने शिकायत की थी कि उसके साथ ऑनलाइन एक ग्रुप पर लिंक भेजकर कम इन्वेस्टमेंट में ज्यादा पैसे कमाने का मुनाफा बताकर लाखों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है. वहीं इस मामले में साइबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह का कहना है कि " यह नेटवर्क दुबई से लेकर अन्य दूसरे देशों तक फैला हुआ है. इस गिरोह के कई सदस्यों को हैदराबाद पुलिस ने भी ट्रेस किया है. जिनके अवैध ट्रांजैक्शन की लिंक चीन जैसे देश से बताई जा रही है. वहीं पूरे ही मामले में राज्य सायबर सेल जांच में जुटी हुई है.
ठगी के ट्रांजैक्शन के लिए खुलवाता था खाते: साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि गत मार्च में एक महिला ने टेलीग्राम के माध्यम से एक लिंक पर जुड़ने के बाद हुई धोखाधड़ी के बारे में शिकायत दर्ज करवाई थी. महिला के साथ 1664000 की ठगी हुई थी. इसमें से पुलिस ने पीड़िता को ₹300000 वापस भी करवा दिए गए हैं. शिकायत के आधार पर जांच पड़ताल की गई तो फरियादी के बैंक ट्रांजैक्शन के आधार पर टेलीग्राम की एक लिंक प्राप्त हुई. साइबर सेल की टीम जैसे-जैसे जांच में आगे बढ़ते गई, वैसे ही कई रोचक और महत्वपूर्ण जानकारियां टीम को मिलने लगी. इसी कड़ी में साइबर टीम नें गोविंद नेमाने को गिरफ्तार किया, जो 2017 तक देश के विभिन्न प्राइवेट बैंकों में मैनेजर के तौर पर और काम कर चुका था. ऑनलाइन ठगी करने वाले इस गिरोह में गोविंदा की खासी जिम्मेदारी थी. वह इस कारण कि वह तमाम बैंकों ऑनलाइन ठगी के ट्रांजैक्शन के लिए आसानी से खाते खुलवा देता था.
ऐसे करता था ठगी: इसी तरह गोविंद ने कोटक महिंद्रा ,आईडीएफसी, एचडीएफसी , आईसीआईसीआई बैंकों में फर्जी खाते खुलवाए थे. जहां लाखों से लेकर करोड़ों रुपए तक की धोखाधड़ी के पैसों का ट्रांजैक्शन किया गया. साइबर पुलिस ने यह भी बताया कि यह सभी खाते अनलिमिटेड ट्रांजैक्शन वाले थे. जिसमें करोड़ों रुपयों का ट्रांजैक्शन किया गया है. आरोपी गोविंद के बारे में यह भी जानकारी सामने आई है कि वह अपने अहमदाबाद के संपर्कों के माध्यम से गत मार्च महीने में दुबई भी गया था. जहां उसने बड़ी मात्रा में अंतर्राज्यीय स्तर पर रोमिंग सिम लेकर दुबई से ही कई ठगी को अंजाम दिया है. इसी मामले में साइबर सेल ने दूसरे आरोपी विजय होटवानी को भी गिरफ्तार किया है. यह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बड़ी-बड़ी कंपनियां बनाकर उनके फर्जी खाते खुलवाता था. बाद में इन्हीं खातों में ठगी के रुपए ट्रांसफर होते थे. फिर यहां से वे अपने खाते में रुपये लेकर अपने गिरोह के अन्य सदस्यों को ट्रांसफर करता था.
विजय के खिलाफ पहले भी मामले दर्ज: विजय के खिलाफ पूर्व में भी पानीगढ़ जिला वड़ोदरा गुजरात में साइबर क्राइम के अपराध मे प्रकरण दर्ज हुए हैं. मामले में सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके कुछ साथी पिछले दिनों हैदराबाद पुलिस द्वारा भी पकड़े गए हैं. जहां उनसे लगातार पूछता जारी है. वहां की पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में यह जानकारी प्राप्त हुई है कि इस गिरोह में और भी कई सदस्य हो सकते हैं. गिरोह के लिंक दुबई, चीन और अन्य देशों से जुड़ी हुई है. हैदराबाद पुलिस ने राज्य सायबर सेल को जानकारी दी कि गिरोह ने अब तक 720 करोड़ रुपए से ज्यादा के ट्रांजैक्शन इन खातों के माध्यम से किए हैं. हालांकि पकड़े गए बदमाशों कि जानकारी इंदौर साइबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह ने हैदराबाद और अहमदाबाद पुलिस को भी दी है. इस कार्रवाई में आगे हैदराबाद पुलिस की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.