इंदौर। जिला कोर्ट ने शादी की बात से नाराज होकर जीजा की हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है. कोर्ट ने इस दौरान पुलिस के द्वारा जो भी साक्ष्य और सबूत पेश किए गये थे उसी के आधार पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है. ये मामला परदेशीपुरा थाना क्षेत्र से संबंधित है. परदेशीपुरा थाना क्षेत्र में 4 मई 2020 को फरियादी अशोक ने शिकायत करते हुए बताया कि वह ऑटो चलाता है. उसका छोटा लड़का लखन एसी का काम करता है. इसलिए उसका कर्फ्यू पास बना नहीं था. वह सुबह 10 बजे घर से काम पर जा रहा था. जैसे ही उसका लड़का लखन गली की जितेंद्र किराना दुकान के पास पहुंचा कि दुर्गेश, मनीष, आकाश तथा रजत ने उसके लड़के लखन को रास्ते में रोक लिया.
कोरोना काल में युवक की हुई थी हत्या: दुर्गेश साहू एवं अन्य ने अपने हाथ में लिए चाकू से लखन पर जान से मारने की नियत से पेट और पीठ पर वार कर दिया. जिससे लखन लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गया. वहां और उसकी पत्नी निर्मला व बड़ा लड़का विकास और पड़ोसी राजाराम कन्नौज, लखन को बचाने के लिए आगे बढ़े तो चारों लोग भाग गए. घटना आसपास के अन्य लोगों ने भी देखी. फिर वह लखन को एमवाय हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
आरोपियों को आजीवन कारावास: परदेसीपुरा पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर आरोपी मनीष, रजत ,दुर्गेश और आकाश के खिलाफ धारा 302 हत्या के मामले में प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया. उसके बाद से ही पूरा मामला कोर्ट के समक्ष विचाराधीन था. कोर्ट ने इस पूरे मामले में विभिन्न पक्षों को सुनने के बाद चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है. साथ ही दोषियों पर 2000 रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. कोर्ट ने चारों आरोपी को आजीवन की सजा से दंडित किया है.
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खनन पट्टे को लेकर याचिकाकर्ता पर लगाया इतने रुपये की कास्ट: खनन पट्टे को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में दूसरी याचिका लगाने पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 10 लाख रुपये की कास्ट लगाई है. इस पूरे मामले में एक टिप्पणी भी की है कि याचिकाकर्ता संभवत परिवादी को ब्लैकमेल कर सकता है और इसी के चलते इस पूरे मामले में कोर्ट ने इस तरह के आदेश दिए हैं. खनन और पट्टे को लेकर एक याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में दूसरी बार दाखिल की गई. जिस पर जस्टिस रवि मलिमठ, जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन में सुनवाई की गई. सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने यह देखा कि इसी तरह से याचिका दूसरी बार लगाई गई है.
इसके पहले 2017 में खनन के लिए एक पट्टे की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी जिस याचिका का निराकरण हो चुका था. लेकिन उसी तरह से दूसरी याचिका कोर्ट के समक्ष पेश की गई, जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया कि ये न्यायपालिका का दुरुपयोग करने का एकदम स्पष्ट मामला है. ऐसे में याचिकाकर्ता पर कोर्ट ने 10 लाख रुपये कास्ट लगाई है. साथ ही कानून का दुरुपयोग करने और प्रतिवादीगण को ब्लैकमेल करने की याचिका लगाई गई है.