इंदौर। शहर में मंगलवार को सामूहिक रूप से जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आया था. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. 9 लोगों को गिरफ्तारी हुई. जिन्हें आज कोर्ट में पेश किया गया. जहां सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया. इन आरोपियों के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 के तहत केस दर्ज किया गया था. दो आरोपी अभी फरार हैं.
हिंदूवादी संगठनों का हंगामा
जानकारी के मुताबिक भंवरकुआं थाना क्षेत्र में मंगलवार को धर्म परिवर्तन कराए जाने की जानकारी जैसे ही हिंदूवादी संगठनों के लोगों को लगी वो यहां एकत्रित हो गए. बड़ी संख्या में संगठन के लोग धर्मांतरण कराने का आरोप लगाकर सत्य प्रकाशन संस्था के दफ्तर पर धावा बोल दिया. यहां उन्होंने जमकर हंगामा मचाया. पुलिस भी मौके पर पहुंची. हिंदूवादी संगठनों का आरोप था कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र के लोगों के गरीब परिवारों को यहां लाकर जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था. इसके बाद एक युवती ने भी शिकायत की.
'युवती ने पुलिस को बताई पूरी कहानी'
25 वर्षीय युवती ने पुलिस को बताया कि 'उसके माता पिता मंगलवार सुबह नानी के घर ले जाने का झांसा देकर उन्हें ईसाई समुदाय के 'सत्प्रकाशन संचार केंद्र' में चल रही प्रार्थना सभा में ले गए. यह केंद्र भंवरकुआं पुलिस थाने के ठीक पीछे स्थित है. इंदौर के पास स्थित गुजरखेड़ा गांव से ताल्लुक रखने वाली युवती के हवाले से प्राथमिकी में कहा गया कि मुझे वहां एक हॉल में जबरन बैठाकर रखा गया था. बहुत सारे लोग मंच पर प्रभु यीशु के गाने बजा रहे थे. वे मुझे इन गानों पर नाचने के लिए बोल रहे थे. युवती के हवाले से प्राथमिकी में यह भी लिखा गया कि मैं हिंदू धर्म में जन्मी हूं और इसी धर्म का पालन करती हूं. प्रभु यीशु में मेरी कोई आस्था नहीं है, न ही मैं ईसाई धर्म अपनाना चाहती हूं. लेकिन मेरी-मम्मी प्रार्थना सभा में जबरन धर्मांतरण के लिए गए थे.' हालांकि इन आरोपों को चर्च ने सिरे से खारिज किया है.
कानून के मुख्य प्रावधान
- बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान. यह गैर जमानती अपराध होगा.
- धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा.
- बगैर आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी 5 साल तक की सजा का प्रावधान है.
- धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है.
- सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा. उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी.
- जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा.
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन भी रद्द होगा.
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
- अपने धर्म में वापसी करने पर इसे धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा.
- पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण का हक हासिल करने का प्रावधान है.
- आरोपी को ही निर्दोष होने के सबूत प्रस्तुत करना होगा.