इंदौर। कांग्रेस प्रत्याशी एवं विधायक संजय शुक्ला के खिलाफ दायर परिवाद में आरोप है कि भूमाफिया जितेंद्र उर्फ हैप्पी धवन के साथ मिलकर शासकीय सीलिंग की जमीन पर फर्जी दस्तावेज के माध्यम से कॉलोनी काटी. शिकायतकर्ता का कहना है कि थाना स्तर से लेकर पुलिस आयुक्त तक शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. शिकायत में बताया गया है कि खजराना में कुल रकबा 3.322 हेक्टेयर जमीन पर संजय शुक्ला ने भूमाफिया के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज बनाए और कॉलोनी काट दी.
टीएनसीपी ने की नियमों की अनदेखी : शिकायत में यह भी कहा है कि तमाम नियम कायदों की अनदेखी कर टीएनसीपी के अधिकारियों ने संजय शुक्ला के दबाव में शासकीय भूमि पर फर्जी कॉलोनी काटने की अनुमति प्रदान कर दी. इस कृषि उपयोग की जमीन को बिना आवासीय परिवर्तित करवाए इन भूमाफिया ने प्लॉट बेचना शुरू कर दिए. एक ही प्लॉट कई लोगों को भी बेचे गए, जिसकी शिकायत होने पर हैप्पी धवन के खिलाफ पुलिस ने कई प्रकरण दर्ज भी किए हैं. 25 मार्च 2022 को टीएनसीपी के आदेश को एसडीएम ने निरस्त कर दिया. लेकिन 10 महीने बाद टीएनसीपी के तत्कालीन संयुक्त संचालक एसके मुद्गल ने अनुमति फिर से जारी कर दी.
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कोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब : इस अनुमति में यह नियम भी लिख दिया यदि इस जमीन पर किसी तरह का कोई भी परिवाद कोर्ट में विचाराधीन है तो यह अनुमति स्वतः निरस्त हो जाएगी. इस मामले में कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई 20 नवंबर को करने के निर्देश दिए हैं. शिकायतकर्ता नितिन बाथम ने बताया कि बिना सीमांकन के टीएनसीपी विभाग कोई भी अनुमति स्वीकृत नहीं कर सकता. शिकायत करने पर एसडीएम ने कॉलोनी की अनुमति निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए थे, जिस पर टीएनसीपी अधिकारियों ने नोटिस जारी कर 7 दिन में उसका जवाब मांगा था. जवाब नहीं देने पर उनकी अनुमति निरस्त कर दी थी.