इंदौर। एमबीए चाय वाले के नाम से कई लोगों को फ्रेंचाइजी दी गई है. फ्रेंचाइजी लेने वालों ने आउटलेट खोलने के लिए एमबीए चाय के फाउंडर प्रफुल्ल बिलोरे और अन्य लोगों से संपर्क किया. आउटलेट को खोलने के लिए प्रफुल्ल बिलोरे से संबंधित कुछ लोगों ने फ्रेंचाइजी लेने के लिए तकरीबन 13 लाख रुपए कंपनी के अकाउंट में जमा कराए. इसके बाद जिस जगह पर एमबीए चाय वाले का आउटलेट खोला गया, उस जगह पर विभिन्न तरह का इंटीरियर व अन्य तरह से खर्च कर तकरीबन 27 लाख रुपए का इंवेस्टमेंट कंपनी के नाम करवाया लिया गया.
30 लाख से ज्यादा निवेश कराया : एमबीए चाय वाले का आउटलेट संचालित करने वाले आशीष तिवारी का कहना है कि इस तरह से अन्य खर्चों को जोड़कर उन्होंने 32 लाख का इंवेस्टमेंट किया है. वहीं कंपनी ने हर महीने लाखों रुपए कमाने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन हर महीने 2 से 6 लाख रुपए का घाटा आउटलेट संचालित करने में हो रहा था. जिसके कारण संबंधित व्यक्तियों ने आउटलेट बंद कर दिए और जब कंपनी के संबंधित लोगों को जानकारी दी तो वह किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं.
ये खबरें भी पढ़ें... |
फ्रेंचाइजी लेने के बाद घाटा ही घाटा : आरोप है कि जब इंदौर के आउटलेट के बारे में भी जानकारी निकाली गई तो वहां पर भी इसी तरह से घाटा सामने आया. उन लोगों ने भी एमबीए चाय वाले की दुकानों को बंद कर कंपनी से हर्जाने के रूप में पैसों की डिमांड की है. उन्होंने डिपॉजिट राशि जमा की थी, लोग उसे मांग रहे हैं. लेकिन कंपनी की ओर से किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. आरोप है कि इंदौर के 8 से 10 और देशभर में भी एमबीए चाय वाले का आउटलेट संचालित करने वाले लोगों ने शिकायतें दर्ज करवाई हैं. अभी तक तकरीबन 28 से अधिक लोग एमबीए चाय वाले के खिलाफ सामने आ चुके हैं. इस मामले में डीसीपी सूरज वर्मा का कहना है कि इस मामले की थाना स्तर पर जांच चल रही है.