इंदौर। प्रदेश में सर्वाधिक वाहनों के बावजूद सीमित पार्किंग से निजात दिलाने के लिए शहर में देश की पहली मैकेनाइज टू व्हीलर पार्किंग आकार ले रही है. एक युवा उद्यमी के स्टार्टअप के बतौर तैयार की जा रही मैकेनाइज पार्किंग में सीमित जगह में ही 200 से 300 वाहन व्यस्ततम क्षेत्रों में सीमित राशि चुकाने पर पार्क किए जा सकेंगे, जिससे शहर की पार्किंग समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है.
जिले में खुद पार्किंग की समस्या से परेशान विकास जैन अपने पहले स्टार्टअप के बतौर देश की पहली मैकेनाइज टू व्हीलर पार्किंग तैयार कर रहे हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आकार ले रही इस मैकेनाइज पार्किंग में शहर के वह दुपहिया वाहन आसानी से पार किए जा सकेंगे, जो क्लॉक मार्केट, जेल रोड, सराफा बाजार, राजवाड़ा समेत अन्य इलाकों में यातायात को लेकर चुनौती बन चुके हैं.
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विकास जैन की मैकेनाइज पार्किंग की खासियत यह है कि इसे तैयार किए जाने के बाद इस पार्किंग में 300 से 400 वर्ग फीट जमीन पर 100 से लेकर 300 गाड़ियां एक साथ पार्क की जा सकेंगी. वहीं इस प्रोजेक्ट की निर्माण लागत सीमेंट और कंक्रीट से तैयार होने वाले पार्किंग की लागत के लगभग बराबर ही हैं. ऐसी स्थिति में विकास की कोशिश है कि उन्हें अपने पहले स्टार्टअप के बतौर जो मौका स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मिला है, उसमें वे अपने आप को प्रूफ कर सकें. यही वजह है कि शहर के बड़े गणपति क्षेत्र में मौजूद एक स्कूल की खाली जमीन पर मैकेनिकों के साथ वह देश की पहली मैकेनाइज पार्किंग को तैयार करने में जुटे हुए हैं.
ऐसे मिला पार्किंग का प्रोजेक्ट
विकास जैन ने शहर की पार्किंग की परेशानी को देखते हुए पूर्व नगर निगम के आयुक्त आशीष सिंह को अपना प्रोजेक्ट बताया था. इसके बाद आशीष सिंह ने शहर के बिगड़ते यातायात और सड़कों पर पार किए जाने वाले वाहनों की परेशानी को देखते हुए इस पार्किंग के निर्माण की जिम्मेदारी विकास जैन को सौंपी थी. फल स्वरूप यह मैकेनाइज्ड पार्किंग इन दिनों सुभाष हायर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में तैयार की जा रही है. कुछ ही दिनों में इसे सीतलामाता बाजार क्षेत्र में स्थापित कर दिया जाएगा.
15 अप्रैल तक होगा औपचारिक उद्घाटन
दरअसल, विकास जैन विजन पार्क मशीनरी नामक एक कंपनी के सीईओ हैं, जिन्होंने इस काम में महारत हासिल कर रखी है. हालांकि शहर में अपनी तरह का यह पहला प्रोजेक्ट है, लेकिन उनकी कोशिश है कि 15 अप्रैल को इस प्रोजेक्ट को तैयार करके आम जनता को उपयोग के लिए सौंप दिया जाए.
शासकीय दरों पर लगेगा किराया
इंदौर की टू व्हीलर मैकेनिक पार्किंग में किराए की दर लगभग उतनी ही रहेगी, जितनी नगर निगम की सरकारी पार्किंग में तय है, क्योंकि यह पार्किंग एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट भी की जा सकेगी. इसलिए नगर निगम प्रशासन की कोशिश है कि इस प्रोजेक्ट को साकार किया जाए. पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ स्थानों पर लगाकर देखा जाए. प्रोजेक्ट सफल रहा, तो अन्य स्थानों पर भी इस तरह की पार्किंग का विस्तार किया जा सकेगा.
इंदौर में सर्वाधिक वाहनों की बिक्री
परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में सबसे अधिक वाहन शहर में बिकते हैं, जिनमें हर साल 50 हजार दुपहिया और 20 हजार के लगभग कारें और अन्य वाहन बिकते हैं. अकेले शहर में ही 18.50 लाख वाहन आरटीओ इंदौर में रजिस्टर्ड है, जिन्हें व्यवसाय के स्थानों पर रखने और उनके लिए व्यवस्थित पार्किंग की कोई सुविधा अब तक नहीं है.