इंदौर। आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को आखिरकार इंदौर की जेल पहुंचा दिया गया है. पिछले काफी दिनों से एमजी रोड पुलिस फर्जी दस्तावेजों के मामले में आईएएस अधिकारी से पूछताछ करने में जुटी थी. रिमांड खत्म होने के बाद शनिवार को इंदौर की एमजी रोड पुलिस ने आईएएस अधिकारी को कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें 30 जुलाई तक के लिए ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया गया.
30 जुलाई तक की ज्यूडिशियल रिमांड
आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा पर इंदौर की एमजी रोड पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के मामले में प्रकरण दर्ज किया था. पिछले काफी दिनों से इंदौर की एमजी रोड पुलिस उससे पूछताछ करने में जुटी थी. इसी दौरान शनिवार को उसकी रिमांड अवधि खत्म हुई, जिसके बाद उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट ने विभिन्न पक्षों को देखते हुए उसे 30 जुलाई तक के लिए ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया गया है.
सीएसपी कर रहे जांच
पुलिस के आला अधिकारियों ने आईएएस मामले में इतनी गोपनीयता रखी है कि पूरे मामले की जांच सीएसपी स्तर के अधिकारी द्वारा की जा रही है. आईएएस अधिकारी को जब कोर्ट के समक्ष पेश किया गया तो सीएसपी ऑफिस पर तैनात अधिकारी ने मामले से संबंधित कुछ दस्तावेज कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए. कोर्ट ने उन दस्तावेजों को देखने के बाद वापस से उसी पुलिसकर्मी के हाथों उन दस्तावेजों को सुपुर्द कर दिया.
जेल देखते हुए आईएएस अधिकारी ने पीया पानी
कोर्ट ने आईएएस अधिकारी को 30 जुलाई तक के लिए ज्यूडिशियल रिमांड पर इंदौर की जिला जेल भेज दिया है. जेल देखने के बाद गाड़ी में ही बैठकर संतोष कुमार ने पुलिसकर्मियों से पानी पीने की इच्छा व्यक्त की. इस पर पुलिसकर्मियों ने उसे पानी मुहैया करवाया. आईएएस अधिकारी ने गाड़ी में बैठकर ही पानी पीया.
परिजनों ने जेल में पहुंचाया जरूरत का सामान
आईएएस अधिकारी सन्तोष वर्मा को जब पुलिस जेल के अंदर छोड़ दिया तो उसके थोड़ी देर बाद ही परिजन भी जेल पहुंचे. परिजनों का कहना था कि वह उन्हें जरूरत का सामान उपलब्ध करवाने के लिए आए हैं.
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फिलहाल पूरे ही मामले में पुलिस ने आठ दिनों तक आईएएस अधिकारी से काफी बारीकी से पूछताछ की है. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस पूरे मामले में एमजी रोड पुलिस आगे किस तरह की कार्रवाई करती है.