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नामदेव दास त्यागी से कैसे बन गए कम्प्यूटर बाबा ? करीब 10 घंटे तक हुई कार्रवाई की पल-पल की रिपोर्ट

कंप्यूटर बाबा के खिलाफ रविवार को अवैध कब्जे के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई. जिला प्रशासन ने रविवार सुबह कार्रवाई की शुरुआत की. जो देर शाम तक चलती रही. जानिए करीब 10 घंटे की कार्रवाई में क्या-क्या हुआ. इसके साथ ही नामदेव दास त्यागी से कम्प्यूटर बाबा बनने तक का सफर जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर....

COMPUTER BABA
कंप्यूटर बाबा
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Published : Nov 9, 2020, 1:28 AM IST

Updated : Nov 9, 2020, 6:25 AM IST

इंदौर। पूर्व राज्यमंत्री और संत समाज के प्रदेश अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा के खिलाफ रविवार को अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई की गई. जिला प्रशासन ने रविवार सुबह से कार्रवाई की शुरुआत की. जो देर शाम तक चलती रही. तकरीबन 10 घंटे से अधिक समय तक यह पूरी कार्रवाई जारी रही.

कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर गिरी गाज

कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर गिरी गाज

जिला प्रशासन ने नगर निगम के साथ मिलकर गोमटगिरी टेकरी पर कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर जो अवैध अतिक्रमण किया था उसे जमींदोज कर दिया. वहीं कार्रवाई के दौरान कई तरह की जब्ती भी पुलिस ने की है. पुलिस ने कंप्यूटर बाबा के आश्रम से बाइक के साथ कार भी जब्त की है. इस पूरे मामले में पुलिस कंप्यूटर बाबा के कई बैंक अकाउंट के साथ ही कौन-कौन लोग कंप्यूटर बाबा से जुड़ा हुआ है उनकी भी जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है और जल्द ही इस पूरे मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.

एक रात पहले जिला प्रशासन ने की थी तैयारी
दरअसल कम्प्यूटर बाबा के आश्रम पर कार्रवाई करने की तैयारी जिला प्रशासन ने पुलिस विभाग के साथ देर रात में ही प्लान कर लिया था. वहीं आला अधिकारियों ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों कर्मचारियों को सुबह 5 बजे इंदौर के एरोड्रम थाना पर एकत्रित होने के फरमान जारी किए थे. बता दे इस पूरी कार्रवाई में 10 थाना प्रभारी सीएसपी एडिशनल एसपी वहीं जिला प्रशासन के कई अधिकारी भी इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए जुटे थे.

सुबह 5 बजे बाबा के आश्रम पहुंच गई थी पुलिस

इंदौर जिला प्रशासन और पुलिस की टीम सुबह 5 बजे एकत्रित होकर एक साथ निगम के अमले के साथ गोमटगिरी स्थित कंप्यूटर बाबा के आश्रम के लिए रवाना हुए. तकरीबन आधे घंटे में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी कंप्यूटर बाबा की टेकरी पर पहुंच गए, और सबसे पहले उन्होंने गोमटगिरी स्थित कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर दस्तक दी. जहां कंप्यूटर बाबा को सबसे पहले अपनी गिरफ्त में लेकर उन्हे इंदौर के सेंट्रल जेल पहुंचा दिया. उसके बाद गोमटगिरी स्थित आश्रम में जितना भी अवैध अतिक्रमण किया था उस पर अतिक्रमण की कार्रवाई करते हुए उसे तकरीबन 2 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद जमींदोज कर दिया गया. कंप्यूटर बाबा का जितना भी सामान आश्रम के अंदर रखा हुआ था उसे भी बाहर रखते हुए उसे पंचायत भवन में रखवा दिया गया.

बाबा के आश्रम में बंदूक से लेकर जिप्सी तक

पुलिस की कार्रवाई के दौरान कंप्यूटर बाबा के आश्रम से बंदूक एवं पिस्टल भी मिला है. इसके साथ ही कंप्यूटर बाबा के पास दो बाइक और एक कार एवं एक जिप्सी पुलिस ने जब्त की है. वहीं आने वाले दिनों में कंप्यूटर बाबा के विभिन्न बैंक अकाउंट की भी जांच पड़ताल की जाने की बात की जा रही है.कंप्यूटर बाबा के किन लोगों से ताल्लुक है और कौन-कौन लोग उनके संपर्क में रहते थे. इसके बारे में भी जानकारी निकाली जा रही है. पुलिस का अनुमान है कि जल्दी इस पूरे मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. लेकिन प्रारंभिक तौर पर पुलिस ने नाममात्र की धाराओं में प्रकरण दर्ज करके कंप्यूटर बाबा को इंदौर के सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया है.

पंचायत भवन में रखा गया बाबा का सामान

कंप्यूटर बाबा के पास से जो इनोवा गाड़ी जब्त की है उसी गाड़ी के माध्यम से कंप्यूटर बाबा पिछले दिनों हुए उपचुनाव की 28 विधानसभा में लोकतंत्र बचाओ यात्रा लेकर निकले थे. कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में कंप्यूटर बाबा के आश्रम से लोकतंत्र बचाओ से संबंधित पोस्टर भी पुलिस ने जब्त किए हैं. कंप्यूटर बाबा के आश्रम में जो सामान कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन एवं नगर निगम ने बाहर निकाला था उसे जमुडी हप्सी स्थित पंचायत भवन में रखाया गया है. आश्रम में जो कालका मंदिर बना हुआ है उसकी देखरेख का जिम्मा फिलहाल कलोता समाज को सौंपा गया है.

बाबा का नरसिंहपुर से इंदौर तक का सफर

दरअसल कंप्यूटर बाबा जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं, वह मात्र 20 सालों में मिली उपलब्धि है. इसके पहले कंप्यूटर बाबा नाम देव दास त्यागी है. और यह नरसिंहपुर के रहने वाले हैं. 2000 के आसपास नरसिंहपुर से इंदौर में आकर बस गए. पहले यह इंदौर के अंबिकापुरी में रहते थे, और यहीं पर उन्होंने सबसे पहले कालका मन्दिर का निर्माण कराया. उसके बाद धीरे-धीरे यह कई लोगों के संपर्क में आए उसके बाद उन्होंने विभिन्न आंदोलन किए और राजवाड़े पर ऐतिहासिक आंदोलन करते हुए उन्होंने प्रशासन से गोमटगिरी स्थित टेकरी ले ली. वही. जमुई हप्सी के खसरा नंबर 610/1 और 610 / 2 की 46 एकड़ से ज्यादा जमीन में से 2 एकड़ पर बने कंप्यूटर बाबा के आश्रम के रूप में तब्दील कर दिया गया. वहीं 46 एकड़ जमीन को चार टुकड़ों में बाटा गया, जिसमें से तीन टुकड़े गुर्जर समाज, जैन समाज , और कमल किशोर नागर को दिया गया, और चौथा हिस्सा कम्प्यूटर बाबा को दिया गया.

नामदेव दास त्यागी से कैसे बन गए कम्प्यूटर बाबा ?

कम्प्यूटर बाबा पहले नामदेव दास त्यागी के नाम से जाने जाते थे. उसके बाद इन्हें कंप्यूटर बाबा की उपाधि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दिया था. वहीं कंप्यूटर बाबा को दिग्विजय सिंह ने कंप्यूटर बाबा की उपाधि इसलिए दी थी कि क्योकि किसी भी मुद्दों को वह जल्द से जल्द पकड़ लेते थे, और उस पर अपनी राय भी दे देते थे. दिग्विजय सिंह का ऐसा मानना था कि कंप्यूटर बाबा कंप्यूटर से भी तेज हैं. इसलिए उनका नाम कंप्यूटर बाबा कर दिया गया. और उसके बाद से वह लगातार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के संपर्क में रहें.

शिवराज सरकार में भी बने थे राज्यमंत्री

लेकिन जब कंप्यूटर बाबा द्वारा नर्मदा किनारे पौधों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी. इसके बाद खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी गोमटगिरी स्थित कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर आए, और वहां पर मुलाकात करके उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दे दिया था. लेकिन यह राज्यमंत्री का दर्जा कुछ ही दिनों तक रहा इसके बाद उन्होंने वापस कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. और उसके बाद जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हें कांग्रेस सरकार में कमलनाथ ने राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया.

कम्प्यूटर बाबा के कई आश्रमों में जांच जारी

इतना ही नहीं राज्यमंत्री बनने के बाद कंप्यूटर बाबा लगातार कांग्रेस के लिए जमकर आंदोलन कर रहे थे. और उपचुनाव में भी उन्होंने एक अहम भूमिका कांग्रेस के लिए निभाई और उसी का नतीजा रहा कि बीजेपी की सरकार ने आनन-फानन में कंप्यूटर बाबा के गोमटगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण की कार्रवाई को अंजाम दे दिया. फिलहाल अब कंप्यूटर बाबा को गिरफ्तार कर इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया है. वहीं कंप्यूटर बाबा ने पिछले दिनों राज्य सरकार कोअपने 16 आश्रमों की सूची भी सौंपी थी, और कहा था कि यदि दम हो तो इन सभी पर कार्रवाई करें. लिहाजा प्रशासन का भी कहना है कि कंप्यूटर बाबा की सुपर कॉरिडोर सहित अन्य जगहों पर भी आश्रम मिलने की सूचना मिली है और वहां की भी जांच की जा रही है. जिन पर आने वाले समय पर कार्रवाई भी की जा सकती है.

बाबा की गिरफ्तारी को कांग्रेस बता रही गलत
अब कंप्यूटर बाबा की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस जमकर आंदोलन करने में जुटी हुई है. सांसद दिग्विजय सिंह भी कंप्यूटर बाबा से मुलाकात करने के लिए इंदौर के सेंट्रल जेल में जाने की तैयारी में है. वहीं लगातार कांग्रेस से जुड़े नेता कंप्यूटर बाबा के पक्ष में आकर बयान बाजी कर रहे हैं, और इस कार्रवाई को गलत बता रहे हैं. इधर बीजेपी से जुड़े नेता लगातार इस कार्रवाई को सही बताते हुए ऐसे ढोंगी बाबाओं पर कार्रवाई करने की बात करते नजर आ रहे हैं. खैर अब देखना ये होगा कि आने वाले समय में कंप्यूटर बाबा पर जिस तरह से कार्रवाई की है इसके क्या राजनीतिक मायने निकलते हैं.

इंदौर। पूर्व राज्यमंत्री और संत समाज के प्रदेश अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा के खिलाफ रविवार को अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई की गई. जिला प्रशासन ने रविवार सुबह से कार्रवाई की शुरुआत की. जो देर शाम तक चलती रही. तकरीबन 10 घंटे से अधिक समय तक यह पूरी कार्रवाई जारी रही.

कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर गिरी गाज

कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर गिरी गाज

जिला प्रशासन ने नगर निगम के साथ मिलकर गोमटगिरी टेकरी पर कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर जो अवैध अतिक्रमण किया था उसे जमींदोज कर दिया. वहीं कार्रवाई के दौरान कई तरह की जब्ती भी पुलिस ने की है. पुलिस ने कंप्यूटर बाबा के आश्रम से बाइक के साथ कार भी जब्त की है. इस पूरे मामले में पुलिस कंप्यूटर बाबा के कई बैंक अकाउंट के साथ ही कौन-कौन लोग कंप्यूटर बाबा से जुड़ा हुआ है उनकी भी जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है और जल्द ही इस पूरे मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.

एक रात पहले जिला प्रशासन ने की थी तैयारी
दरअसल कम्प्यूटर बाबा के आश्रम पर कार्रवाई करने की तैयारी जिला प्रशासन ने पुलिस विभाग के साथ देर रात में ही प्लान कर लिया था. वहीं आला अधिकारियों ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों कर्मचारियों को सुबह 5 बजे इंदौर के एरोड्रम थाना पर एकत्रित होने के फरमान जारी किए थे. बता दे इस पूरी कार्रवाई में 10 थाना प्रभारी सीएसपी एडिशनल एसपी वहीं जिला प्रशासन के कई अधिकारी भी इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए जुटे थे.

सुबह 5 बजे बाबा के आश्रम पहुंच गई थी पुलिस

इंदौर जिला प्रशासन और पुलिस की टीम सुबह 5 बजे एकत्रित होकर एक साथ निगम के अमले के साथ गोमटगिरी स्थित कंप्यूटर बाबा के आश्रम के लिए रवाना हुए. तकरीबन आधे घंटे में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी कंप्यूटर बाबा की टेकरी पर पहुंच गए, और सबसे पहले उन्होंने गोमटगिरी स्थित कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर दस्तक दी. जहां कंप्यूटर बाबा को सबसे पहले अपनी गिरफ्त में लेकर उन्हे इंदौर के सेंट्रल जेल पहुंचा दिया. उसके बाद गोमटगिरी स्थित आश्रम में जितना भी अवैध अतिक्रमण किया था उस पर अतिक्रमण की कार्रवाई करते हुए उसे तकरीबन 2 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद जमींदोज कर दिया गया. कंप्यूटर बाबा का जितना भी सामान आश्रम के अंदर रखा हुआ था उसे भी बाहर रखते हुए उसे पंचायत भवन में रखवा दिया गया.

बाबा के आश्रम में बंदूक से लेकर जिप्सी तक

पुलिस की कार्रवाई के दौरान कंप्यूटर बाबा के आश्रम से बंदूक एवं पिस्टल भी मिला है. इसके साथ ही कंप्यूटर बाबा के पास दो बाइक और एक कार एवं एक जिप्सी पुलिस ने जब्त की है. वहीं आने वाले दिनों में कंप्यूटर बाबा के विभिन्न बैंक अकाउंट की भी जांच पड़ताल की जाने की बात की जा रही है.कंप्यूटर बाबा के किन लोगों से ताल्लुक है और कौन-कौन लोग उनके संपर्क में रहते थे. इसके बारे में भी जानकारी निकाली जा रही है. पुलिस का अनुमान है कि जल्दी इस पूरे मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. लेकिन प्रारंभिक तौर पर पुलिस ने नाममात्र की धाराओं में प्रकरण दर्ज करके कंप्यूटर बाबा को इंदौर के सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया है.

पंचायत भवन में रखा गया बाबा का सामान

कंप्यूटर बाबा के पास से जो इनोवा गाड़ी जब्त की है उसी गाड़ी के माध्यम से कंप्यूटर बाबा पिछले दिनों हुए उपचुनाव की 28 विधानसभा में लोकतंत्र बचाओ यात्रा लेकर निकले थे. कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में कंप्यूटर बाबा के आश्रम से लोकतंत्र बचाओ से संबंधित पोस्टर भी पुलिस ने जब्त किए हैं. कंप्यूटर बाबा के आश्रम में जो सामान कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन एवं नगर निगम ने बाहर निकाला था उसे जमुडी हप्सी स्थित पंचायत भवन में रखाया गया है. आश्रम में जो कालका मंदिर बना हुआ है उसकी देखरेख का जिम्मा फिलहाल कलोता समाज को सौंपा गया है.

बाबा का नरसिंहपुर से इंदौर तक का सफर

दरअसल कंप्यूटर बाबा जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं, वह मात्र 20 सालों में मिली उपलब्धि है. इसके पहले कंप्यूटर बाबा नाम देव दास त्यागी है. और यह नरसिंहपुर के रहने वाले हैं. 2000 के आसपास नरसिंहपुर से इंदौर में आकर बस गए. पहले यह इंदौर के अंबिकापुरी में रहते थे, और यहीं पर उन्होंने सबसे पहले कालका मन्दिर का निर्माण कराया. उसके बाद धीरे-धीरे यह कई लोगों के संपर्क में आए उसके बाद उन्होंने विभिन्न आंदोलन किए और राजवाड़े पर ऐतिहासिक आंदोलन करते हुए उन्होंने प्रशासन से गोमटगिरी स्थित टेकरी ले ली. वही. जमुई हप्सी के खसरा नंबर 610/1 और 610 / 2 की 46 एकड़ से ज्यादा जमीन में से 2 एकड़ पर बने कंप्यूटर बाबा के आश्रम के रूप में तब्दील कर दिया गया. वहीं 46 एकड़ जमीन को चार टुकड़ों में बाटा गया, जिसमें से तीन टुकड़े गुर्जर समाज, जैन समाज , और कमल किशोर नागर को दिया गया, और चौथा हिस्सा कम्प्यूटर बाबा को दिया गया.

नामदेव दास त्यागी से कैसे बन गए कम्प्यूटर बाबा ?

कम्प्यूटर बाबा पहले नामदेव दास त्यागी के नाम से जाने जाते थे. उसके बाद इन्हें कंप्यूटर बाबा की उपाधि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दिया था. वहीं कंप्यूटर बाबा को दिग्विजय सिंह ने कंप्यूटर बाबा की उपाधि इसलिए दी थी कि क्योकि किसी भी मुद्दों को वह जल्द से जल्द पकड़ लेते थे, और उस पर अपनी राय भी दे देते थे. दिग्विजय सिंह का ऐसा मानना था कि कंप्यूटर बाबा कंप्यूटर से भी तेज हैं. इसलिए उनका नाम कंप्यूटर बाबा कर दिया गया. और उसके बाद से वह लगातार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के संपर्क में रहें.

शिवराज सरकार में भी बने थे राज्यमंत्री

लेकिन जब कंप्यूटर बाबा द्वारा नर्मदा किनारे पौधों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी. इसके बाद खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी गोमटगिरी स्थित कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर आए, और वहां पर मुलाकात करके उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दे दिया था. लेकिन यह राज्यमंत्री का दर्जा कुछ ही दिनों तक रहा इसके बाद उन्होंने वापस कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. और उसके बाद जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हें कांग्रेस सरकार में कमलनाथ ने राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया.

कम्प्यूटर बाबा के कई आश्रमों में जांच जारी

इतना ही नहीं राज्यमंत्री बनने के बाद कंप्यूटर बाबा लगातार कांग्रेस के लिए जमकर आंदोलन कर रहे थे. और उपचुनाव में भी उन्होंने एक अहम भूमिका कांग्रेस के लिए निभाई और उसी का नतीजा रहा कि बीजेपी की सरकार ने आनन-फानन में कंप्यूटर बाबा के गोमटगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण की कार्रवाई को अंजाम दे दिया. फिलहाल अब कंप्यूटर बाबा को गिरफ्तार कर इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया है. वहीं कंप्यूटर बाबा ने पिछले दिनों राज्य सरकार कोअपने 16 आश्रमों की सूची भी सौंपी थी, और कहा था कि यदि दम हो तो इन सभी पर कार्रवाई करें. लिहाजा प्रशासन का भी कहना है कि कंप्यूटर बाबा की सुपर कॉरिडोर सहित अन्य जगहों पर भी आश्रम मिलने की सूचना मिली है और वहां की भी जांच की जा रही है. जिन पर आने वाले समय पर कार्रवाई भी की जा सकती है.

बाबा की गिरफ्तारी को कांग्रेस बता रही गलत
अब कंप्यूटर बाबा की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस जमकर आंदोलन करने में जुटी हुई है. सांसद दिग्विजय सिंह भी कंप्यूटर बाबा से मुलाकात करने के लिए इंदौर के सेंट्रल जेल में जाने की तैयारी में है. वहीं लगातार कांग्रेस से जुड़े नेता कंप्यूटर बाबा के पक्ष में आकर बयान बाजी कर रहे हैं, और इस कार्रवाई को गलत बता रहे हैं. इधर बीजेपी से जुड़े नेता लगातार इस कार्रवाई को सही बताते हुए ऐसे ढोंगी बाबाओं पर कार्रवाई करने की बात करते नजर आ रहे हैं. खैर अब देखना ये होगा कि आने वाले समय में कंप्यूटर बाबा पर जिस तरह से कार्रवाई की है इसके क्या राजनीतिक मायने निकलते हैं.

Last Updated : Nov 9, 2020, 6:25 AM IST
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