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कोरोना काल में टेक्नोलॉजी का सहारा, होम आइसोलेशन में मरीजों पर ऐसे रखी जा रही नजर - होम आइसोलेशन

इंदौर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बिना किसी लक्षण वाले कोरोना संदिग्धों को घर पर ही रखकर इलाज कर रहा है. ऐसे में सभी मरीजों से प्रशासन की एक टीम हर चार घंटे में संपर्क कर वीडियो कॉल के जरिए जानकारी ले रही है.

Common corona-positive patients being placed
सामान्य कोरोना पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है
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Published : May 16, 2020, 12:29 PM IST

Updated : May 16, 2020, 6:59 PM IST

इंदौर। कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए अब जिला प्रशासन एक नया प्रयोग कर रहा है, इस नियम के तहत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बिना किसी लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों को घर पर ही रखकर उनका इलाज कर रहा है. ऐसे सभी मरीजों से प्रशासन की एक टीम हर चार घंटे में संपर्क कर रही है. इस दौरान उनसे वीडियो कॉल कर बात की जा रही है, इंदौर में कोरोना मरीजों को सामान्य लक्षण होने पर घर पर ही रखकर होम आइसोलेट किया जा रहा है. ऐसे सभी मरीजों को प्रशासन की तरफ से एक किट दी जा रही है. जिसमें पल्स ऑक्सीमीटर भी दिया जाता है, ताकि ये मरीज हर चार घंटे में अपने स्वास्थ्य की जानकारी विभाग को दे सकें.

सामान्य कोरोना पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है

प्रशासन ने तय किए कुछ मापदंड

इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 2371 पहुंच चुकी है, जिनमें से 99 मरीजों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में कई मरीज सिस्टमेटिक थे, यानी कि ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण में सांस लेने में तकलीफ, बुखार, गले में खराश या अन्य कोई भी लक्षण सामने नहीं आए हैं. उन मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है. जिसके लिए प्रशासन ने कुछ मापदंड भी तय किया है.

मरीज को होनी चाहिए मोबाइल चलाने की जानकारी

इन्हीं सब मापदंडों को पूरा करने के बाद से ही मरीज को होम आइसोलेशन में रखा जाता है. शुरुआती तौर पर इंदौर में लगभग 30 से अधिक मरीजों को विभाग होम आइसोलेशन में रखा है, मरीज के स्वास्थ्य पर विभाग लगातार नजर बनाए हुए है, इन मरीजों को खुद ही हर चार घंटे में पल्स ऑक्सीमीटर की सहायता से अपने स्वास्थ्य की जानकारी एक ऐप के माध्यम से विभाग को पहुंचानी होती है.

वीडियो कॉल कर डॉक्टर्स लेते हैं पूरी जानकारी

होम आइसोलेशन में रखे गए मरीजों से वीडियो कॉल कर उनके स्वास्थ्य की पूरी जानकारी ली जाती है, यदि किसी व्यक्ति को कोरोना का कोई भी लक्षण जानकारी के माध्यम से सामने आता हैं तो तुरंत प्रशासन उसे अस्पताल में भर्ती कराता है है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज और उसके केयरटेकर के लिए भी कुछ गाइडलाइन तय किया है. जिसके तहत होम आइसोलेशन की इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है.

इंदौर। कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए अब जिला प्रशासन एक नया प्रयोग कर रहा है, इस नियम के तहत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बिना किसी लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों को घर पर ही रखकर उनका इलाज कर रहा है. ऐसे सभी मरीजों से प्रशासन की एक टीम हर चार घंटे में संपर्क कर रही है. इस दौरान उनसे वीडियो कॉल कर बात की जा रही है, इंदौर में कोरोना मरीजों को सामान्य लक्षण होने पर घर पर ही रखकर होम आइसोलेट किया जा रहा है. ऐसे सभी मरीजों को प्रशासन की तरफ से एक किट दी जा रही है. जिसमें पल्स ऑक्सीमीटर भी दिया जाता है, ताकि ये मरीज हर चार घंटे में अपने स्वास्थ्य की जानकारी विभाग को दे सकें.

सामान्य कोरोना पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है

प्रशासन ने तय किए कुछ मापदंड

इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 2371 पहुंच चुकी है, जिनमें से 99 मरीजों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में कई मरीज सिस्टमेटिक थे, यानी कि ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण में सांस लेने में तकलीफ, बुखार, गले में खराश या अन्य कोई भी लक्षण सामने नहीं आए हैं. उन मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है. जिसके लिए प्रशासन ने कुछ मापदंड भी तय किया है.

मरीज को होनी चाहिए मोबाइल चलाने की जानकारी

इन्हीं सब मापदंडों को पूरा करने के बाद से ही मरीज को होम आइसोलेशन में रखा जाता है. शुरुआती तौर पर इंदौर में लगभग 30 से अधिक मरीजों को विभाग होम आइसोलेशन में रखा है, मरीज के स्वास्थ्य पर विभाग लगातार नजर बनाए हुए है, इन मरीजों को खुद ही हर चार घंटे में पल्स ऑक्सीमीटर की सहायता से अपने स्वास्थ्य की जानकारी एक ऐप के माध्यम से विभाग को पहुंचानी होती है.

वीडियो कॉल कर डॉक्टर्स लेते हैं पूरी जानकारी

होम आइसोलेशन में रखे गए मरीजों से वीडियो कॉल कर उनके स्वास्थ्य की पूरी जानकारी ली जाती है, यदि किसी व्यक्ति को कोरोना का कोई भी लक्षण जानकारी के माध्यम से सामने आता हैं तो तुरंत प्रशासन उसे अस्पताल में भर्ती कराता है है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज और उसके केयरटेकर के लिए भी कुछ गाइडलाइन तय किया है. जिसके तहत होम आइसोलेशन की इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है.

Last Updated : May 16, 2020, 6:59 PM IST
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