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Hingot yudh 2022: 600 जवानों की सुरक्षा में कलंगी और तुर्रा के बीच हुआ हिंगोट युद्ध, जमकर चले अग्नि अस्त्र, 7 घायल

दीवाली के दूसरे दिन होने वाले हिंगोट युद्ध को बुधवार को आयोजित किया गया. दीवाली के दूसरे सूर्य ग्रहण होने के चलते यह युद्ध तीसरे आयोजित किया गया. इस युद्ध में दोनों ही दलों के योद्धाओं ने एक दूसरे पर आग के गोले छोड़े. वहीं सुरक्षा की दृष्टि से 600 पुलिस बल और एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी. वहीं करीब 25-30 लोगों को मामूली चोट आई हैं. जबकि 7 लोग घायल हो गए हैं. (hingot yudh 2022) (600 jawans deployed in hingot war) (many people injured in hingot yudh) (hingot yudh in gautampura of indore)

Hingot yudh 2022
कलंगी और तुर्रा के बीच हिंगोट युद्ध
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Published : Oct 26, 2022, 9:06 PM IST

Updated : Oct 26, 2022, 11:05 PM IST

इंदौर। गौतमपुरा में दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा पर आयोजित होने वाले परंपरागत हिंगोट युद्ध में बुधवार को जमकर आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग हुआ. यह अग्नियास्त्र हिंगोट नामक एक फल से तैयार होते हैं. जिसमें 2 गांव की टीमें हिंगोट जलाकर एक दूसरी टीम के सदस्यों पर हमला करते हैं. करीब डेढ़ घंटे चले हिंगोट युद्ध में 7 लोग घायल हो गए, जबकि अन्य 25 से 30 लोगों को मामूली चोट आई है. हालांकि शांतिपूर्ण तरीके से हिंगोट युद्ध संपन्न हो गया है. (hingot yudh 2022) (600 jawans deployed in hingot war)

दर्शकों की सुरक्षा के लिए लगाई ऊंची जाली: दरअसल परंपरागत तरीके से इंदौर के गौतमपुरा में कलंगी और तुर्रा दलों के बीच हर साल हिंगोट युद्ध होता है. कलंगी और तुर्रा नामक यह दो दल क्षेत्र में पैदा होने वाले एक विशेष प्रकार के फल में बारूद भरकर हिंगोट नामक अग्नि अस्त्र तैयार करते हैं. जो रॉकेट की तरह जलते हुए छोड़ा जाता है. इस दौरान हर साल बड़ी संख्या में लोग घायल भी हो जाते हैं, हालांकि इस बार स्थानीय प्रशासन ने दोनों टीमों के जरिए छोड़े जाने वाले हिंगोट से दर्शक घायल ना हो इसके लिए मैदान के चारों तरफ 12 फीट ऊंची जाली लगाई थी. इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से आधा दर्जन एंबुलेंस मौके पर तैनात की थी. इतना ही नहीं दोनों टीमों के हमले से अप्रिय स्थिति ना बने इसलिए यहां पर 8 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे.

कलंगी और तुर्रा के बीच हुआ हिंगोट युद्ध

Hingot Yudh 2022: आज होगा कलंगी और तुर्रा के बीच 'अग्नियुद्ध', आसमान में उड़ेंगे हिंगोट

600 पुलिस बल रहा तैनात: वहीं पूरे आयोजन को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए 600 पुलिस बल के साथ राजस्व और अन्य विभागों के कर्मचारी मौके पर तैनात थे. देपालपुर एसडीएम रवि वर्मा ने बताया परंपरागत रूप से आयोजित होने वाले हिंगोट युद्ध की शुरुआत शाम 5:30 बजे हुई. जो 8 घंटे चलकर शाम 7 बजे खत्म हो गया था. इस युद्ध में निर्णायक जैसी स्थिति नहीं बनती, लेकिन फिर भी दोनों टीमों के बीच परस्पर हिंगोट के जरिए युद्ध होता है. उन्होंने बताया इन दोनों टीमों के सदस्य भी कभी सामने नहीं आते. परंपरा क्योंकि पहले से चली आ रही है इसलिए आज भी इसका सफलतापूर्वक निर्वहन किया गया. उन्होंने कहा जिन लोगों को चोट लगी है उन्हें स्थानीय स्तर पर ही इलाज मुहैया कराया गया है. किसी को भी इंदौर रेफर करने जैसी स्थिति नहीं है. (hingot yudh 2022) (600 jawans deployed in hingot war) (many people injured in hingot yudh) (hingot yudh in gautampura of indore)

इंदौर। गौतमपुरा में दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा पर आयोजित होने वाले परंपरागत हिंगोट युद्ध में बुधवार को जमकर आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग हुआ. यह अग्नियास्त्र हिंगोट नामक एक फल से तैयार होते हैं. जिसमें 2 गांव की टीमें हिंगोट जलाकर एक दूसरी टीम के सदस्यों पर हमला करते हैं. करीब डेढ़ घंटे चले हिंगोट युद्ध में 7 लोग घायल हो गए, जबकि अन्य 25 से 30 लोगों को मामूली चोट आई है. हालांकि शांतिपूर्ण तरीके से हिंगोट युद्ध संपन्न हो गया है. (hingot yudh 2022) (600 jawans deployed in hingot war)

दर्शकों की सुरक्षा के लिए लगाई ऊंची जाली: दरअसल परंपरागत तरीके से इंदौर के गौतमपुरा में कलंगी और तुर्रा दलों के बीच हर साल हिंगोट युद्ध होता है. कलंगी और तुर्रा नामक यह दो दल क्षेत्र में पैदा होने वाले एक विशेष प्रकार के फल में बारूद भरकर हिंगोट नामक अग्नि अस्त्र तैयार करते हैं. जो रॉकेट की तरह जलते हुए छोड़ा जाता है. इस दौरान हर साल बड़ी संख्या में लोग घायल भी हो जाते हैं, हालांकि इस बार स्थानीय प्रशासन ने दोनों टीमों के जरिए छोड़े जाने वाले हिंगोट से दर्शक घायल ना हो इसके लिए मैदान के चारों तरफ 12 फीट ऊंची जाली लगाई थी. इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से आधा दर्जन एंबुलेंस मौके पर तैनात की थी. इतना ही नहीं दोनों टीमों के हमले से अप्रिय स्थिति ना बने इसलिए यहां पर 8 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे.

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600 पुलिस बल रहा तैनात: वहीं पूरे आयोजन को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए 600 पुलिस बल के साथ राजस्व और अन्य विभागों के कर्मचारी मौके पर तैनात थे. देपालपुर एसडीएम रवि वर्मा ने बताया परंपरागत रूप से आयोजित होने वाले हिंगोट युद्ध की शुरुआत शाम 5:30 बजे हुई. जो 8 घंटे चलकर शाम 7 बजे खत्म हो गया था. इस युद्ध में निर्णायक जैसी स्थिति नहीं बनती, लेकिन फिर भी दोनों टीमों के बीच परस्पर हिंगोट के जरिए युद्ध होता है. उन्होंने बताया इन दोनों टीमों के सदस्य भी कभी सामने नहीं आते. परंपरा क्योंकि पहले से चली आ रही है इसलिए आज भी इसका सफलतापूर्वक निर्वहन किया गया. उन्होंने कहा जिन लोगों को चोट लगी है उन्हें स्थानीय स्तर पर ही इलाज मुहैया कराया गया है. किसी को भी इंदौर रेफर करने जैसी स्थिति नहीं है. (hingot yudh 2022) (600 jawans deployed in hingot war) (many people injured in hingot yudh) (hingot yudh in gautampura of indore)

Last Updated : Oct 26, 2022, 11:05 PM IST
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