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हनी ट्रैप मामला: आरोपी पक्ष ने मांगे सबूत, HC ने दिया स्टे

हनी ट्रैप मामले में एसआईटी ने कई सबूत जिला कोर्ट में पेश किए थे, जिसके संबंध में आरोपी पक्ष के वकीलों ने सभी दस्तावेजों को पढ़ने की मांग की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने फिलहाल पूर केस में स्टे लगा दिया है.

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हनी ट्रेप मामला
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Published : Dec 12, 2020, 12:48 PM IST

Updated : Dec 12, 2020, 1:34 PM IST

इंदौर। पलासिया थाना पुलिस ने तकरीबन 1 साल पहले निगम अधिकारी हरभजन सिंह की शिकायत पर भोपाल की 5 महिलाओं और ड्राइवरों को ब्लैकमेलिंग सहित अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था. इस पूरे मामले में पांचों महिला 1 साल से जिला और सेंट्रल जेल में बंद हैं. वहीं उनके वकील उन्हे छुड़ाने के लिए लगातार विभिन्न तरह की कोशिशें करने में जुटे हुए हैं.

पिछले दिनों एसआईटी ने संबंधित सबूत जिला कोर्ट में पेश किए थे. वहीं एसआईटी द्वारा जो सबूत किए गए थे, उन्हें पढ़ने के लिए आरोपी महिला के वकीलों ने मांग की थी.

बता दें कि, इस पूरे मामले में जिला कोर्ट और हाई कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है. वहीं पिछले दिनों जिला कोर्ट के कहने पर एसआईटी ने हनी ट्रैप मामले से जुड़े सबूत कोर्ट में जमा कराए थे. वहीं जैसे ही एसआईटी द्वारा विभिन्न सबूत जिला कोर्ट में जमा कराए गए. वैसे ही आरोपी महिलाओं के वकीलों ने उन सबूतों के प्रारूप को देखने की मांग की. इसको लेकर एक याचिका जिला कोर्ट में लगाई गई थी, लेकिन एसआईटी की ओर से सबूत नहीं देने के लिए जिला कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया गया था. जिला कोर्ट ने एसआईटी की आवेदन खारिज कर दी, जिसके बाद जिला कोर्ट ने आरोपी महिलाओं के वकीलों को सबूत उपलब्ध करवाने के आदेश दे दिए. हालांकि, एसआईटी ने अब इस पूरे मामले को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. दायर याचिका के आधार पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद पूरे केस में स्टे दे दिया गया है. फिलहाल स्टे मिलने के बाद एसआईटी ने जो सबूत जिला कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं, वह अब आगामी आदेश तक आरोपी पक्ष के वकीलों को नहीं मिल पाएंगे.

हनी ट्रेप मामला
  • भोपाल हो रही हनी टैप मामले की जांच

बता दें कि, हाई कोर्ट में एसआईटी की ओर से एक आवेदन दिया गया था. आवेदन के माध्यम से यह जानकारी कोर्ट के सामने रखी गई थी कि, जिन सबूत की आरोपी पक्ष के वकील मांग कर रहे हैं, उससे संबंधित एक मामले की जांच भोपाल में चल रही है. अगर इस दौरान उन सबूतों को आरोपी पक्ष के वकील या फिर आरोपी पक्ष को दिए जाते हैं, तो निश्चित तौर पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है. एसआईटी द्वारा दी गई दलीलों को देखते हुए हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले में स्टे जारी कर दिया है.

  • निगम अधिकारी हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने की कर्रवाई

साल भर पहले निगम अधिकारी हरभजन सिंह की शिकायत पर पलासिया पुलिस ने भोपाल की रहने वाली 5 महिलाओं और उनके ड्राइवरों को ब्लैकमेलिंग सहित अन्य धाराओं में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार करने के बाद इस पूरे मामले में लगातार जिला कोर्ट और हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. वहीं हाई कोर्ट में बंद लिफाफे में 40 नामों को भी जमा किया गया है.

इंदौर। पलासिया थाना पुलिस ने तकरीबन 1 साल पहले निगम अधिकारी हरभजन सिंह की शिकायत पर भोपाल की 5 महिलाओं और ड्राइवरों को ब्लैकमेलिंग सहित अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था. इस पूरे मामले में पांचों महिला 1 साल से जिला और सेंट्रल जेल में बंद हैं. वहीं उनके वकील उन्हे छुड़ाने के लिए लगातार विभिन्न तरह की कोशिशें करने में जुटे हुए हैं.

पिछले दिनों एसआईटी ने संबंधित सबूत जिला कोर्ट में पेश किए थे. वहीं एसआईटी द्वारा जो सबूत किए गए थे, उन्हें पढ़ने के लिए आरोपी महिला के वकीलों ने मांग की थी.

बता दें कि, इस पूरे मामले में जिला कोर्ट और हाई कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है. वहीं पिछले दिनों जिला कोर्ट के कहने पर एसआईटी ने हनी ट्रैप मामले से जुड़े सबूत कोर्ट में जमा कराए थे. वहीं जैसे ही एसआईटी द्वारा विभिन्न सबूत जिला कोर्ट में जमा कराए गए. वैसे ही आरोपी महिलाओं के वकीलों ने उन सबूतों के प्रारूप को देखने की मांग की. इसको लेकर एक याचिका जिला कोर्ट में लगाई गई थी, लेकिन एसआईटी की ओर से सबूत नहीं देने के लिए जिला कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया गया था. जिला कोर्ट ने एसआईटी की आवेदन खारिज कर दी, जिसके बाद जिला कोर्ट ने आरोपी महिलाओं के वकीलों को सबूत उपलब्ध करवाने के आदेश दे दिए. हालांकि, एसआईटी ने अब इस पूरे मामले को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. दायर याचिका के आधार पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद पूरे केस में स्टे दे दिया गया है. फिलहाल स्टे मिलने के बाद एसआईटी ने जो सबूत जिला कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं, वह अब आगामी आदेश तक आरोपी पक्ष के वकीलों को नहीं मिल पाएंगे.

हनी ट्रेप मामला
  • भोपाल हो रही हनी टैप मामले की जांच

बता दें कि, हाई कोर्ट में एसआईटी की ओर से एक आवेदन दिया गया था. आवेदन के माध्यम से यह जानकारी कोर्ट के सामने रखी गई थी कि, जिन सबूत की आरोपी पक्ष के वकील मांग कर रहे हैं, उससे संबंधित एक मामले की जांच भोपाल में चल रही है. अगर इस दौरान उन सबूतों को आरोपी पक्ष के वकील या फिर आरोपी पक्ष को दिए जाते हैं, तो निश्चित तौर पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है. एसआईटी द्वारा दी गई दलीलों को देखते हुए हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले में स्टे जारी कर दिया है.

  • निगम अधिकारी हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने की कर्रवाई

साल भर पहले निगम अधिकारी हरभजन सिंह की शिकायत पर पलासिया पुलिस ने भोपाल की रहने वाली 5 महिलाओं और उनके ड्राइवरों को ब्लैकमेलिंग सहित अन्य धाराओं में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार करने के बाद इस पूरे मामले में लगातार जिला कोर्ट और हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. वहीं हाई कोर्ट में बंद लिफाफे में 40 नामों को भी जमा किया गया है.

Last Updated : Dec 12, 2020, 1:34 PM IST
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