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इंदौर हाईकोर्ट से राशन माफिया को नहीं मिली राहत - Ration mafia Bharat Dave

जबलपुर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने राशन माफिया भरत दवे और श्याम दवे के मामले में सुनवाई हुई.

Indore High Court
इंदौर हाईकोर्ट
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Published : Mar 10, 2021, 9:08 PM IST

इंदौर। जिला प्रशासन ने बीते दिनों राशन माफिया भरत दवे और श्याम दवे पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था. सरकार के राशन को जिस तरह से उन्होंने भ्रष्टाचार कर हेराफेरी की उस राशन की वसूली के लिए उनकी संपत्तियों को नीलाम करने की योजना प्रशासन ने बना रखी है. इस पूरे मामले को लेकर आरोपियों की ओर से एक याचिका इंदौर हाई कोर्ट में लगाई गई थी. जिस पर आज सुनवाई हुई और सुनवाई होने के बाद इंदौर हाई कोर्ट ने किसी तरह की कोई राहत आरोपियों को नहीं दी है.

नीलाम पर रोक लगानी वाली याचिका

इंदौर हाई कोर्ट में राशन माफिया भरत दवे और श्याम दवे की ओर से एक याचिका लगाई गई थी. याचिका के माध्यम से भरत दवे और श्याम दवे ने जिला प्रशासन के द्वारा जिस तरह से उनकी संपत्तियों को नीलाम किया जा रहा है, उस पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई थी. लेकिन इस पूरे मामले में इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और सुनवाई होने के बाद इंदौर हाई कोर्ट ने आरोपी श्याम दवे और भारत दवे को किसी तरह की कोई राहत नहीं दी है. वहीं कोर्ट ने यह आदेश दिए हैं कि 3 दिन में पैसा जमा कर दें अन्यथा नीलामी की कार्रवाई प्रशासन के द्वारा पूरी कर ली जाएगी.

आरोपियों पर लाखों रुपये के राशन की हेराफेरी का आरोप

पिछले दिनों जिला प्रशासन ने राशन माफिया भरत दवे और श्याम दवे पर खाद्य सामग्री की हेराफेरी के मामले में कार्रवाई की थी. इस दौरान कई तरह के खुलासे हुए थे और जांच पड़ताल में यह बात सामने आई थी कि आरोपियों के द्वारा लाखों रुपए के खाद्यान्न को गरीबों में न देते हुए उसकी गलत तरीके से खरीद-फरोख्त की गई है तथा उसी पूरे मामले में जिला प्रशासन ने कार्रवाई कर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया है. वहीं आरोपियों के द्वारा जिस तरह से खाद्यान्न सामग्री की हेराफेरी की है, उसकी वसूली के लिए उनकी जितनी भी संपत्ति है, उनको नीलाम कर वसूली किए जाने के योजना प्रशासन ने बनाई हैं. लेकिन इस पूरे मामले को लेकर आरोपियों के द्वारा इंदौर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी. उसी याचिका पर आज सुनवाई हुई और सुनवाई होने के बाद मात्र 3 दिनों में पैसा जमा करने के निर्देश हाई कोर्ट ने आरोपियों को दिया है. फिलहाल अब देखना होगा कि इंदौर हाई कोर्ट ने जिस तरह से उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें आदेश दिए हैं.

इंदौर। जिला प्रशासन ने बीते दिनों राशन माफिया भरत दवे और श्याम दवे पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था. सरकार के राशन को जिस तरह से उन्होंने भ्रष्टाचार कर हेराफेरी की उस राशन की वसूली के लिए उनकी संपत्तियों को नीलाम करने की योजना प्रशासन ने बना रखी है. इस पूरे मामले को लेकर आरोपियों की ओर से एक याचिका इंदौर हाई कोर्ट में लगाई गई थी. जिस पर आज सुनवाई हुई और सुनवाई होने के बाद इंदौर हाई कोर्ट ने किसी तरह की कोई राहत आरोपियों को नहीं दी है.

नीलाम पर रोक लगानी वाली याचिका

इंदौर हाई कोर्ट में राशन माफिया भरत दवे और श्याम दवे की ओर से एक याचिका लगाई गई थी. याचिका के माध्यम से भरत दवे और श्याम दवे ने जिला प्रशासन के द्वारा जिस तरह से उनकी संपत्तियों को नीलाम किया जा रहा है, उस पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई थी. लेकिन इस पूरे मामले में इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और सुनवाई होने के बाद इंदौर हाई कोर्ट ने आरोपी श्याम दवे और भारत दवे को किसी तरह की कोई राहत नहीं दी है. वहीं कोर्ट ने यह आदेश दिए हैं कि 3 दिन में पैसा जमा कर दें अन्यथा नीलामी की कार्रवाई प्रशासन के द्वारा पूरी कर ली जाएगी.

आरोपियों पर लाखों रुपये के राशन की हेराफेरी का आरोप

पिछले दिनों जिला प्रशासन ने राशन माफिया भरत दवे और श्याम दवे पर खाद्य सामग्री की हेराफेरी के मामले में कार्रवाई की थी. इस दौरान कई तरह के खुलासे हुए थे और जांच पड़ताल में यह बात सामने आई थी कि आरोपियों के द्वारा लाखों रुपए के खाद्यान्न को गरीबों में न देते हुए उसकी गलत तरीके से खरीद-फरोख्त की गई है तथा उसी पूरे मामले में जिला प्रशासन ने कार्रवाई कर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया है. वहीं आरोपियों के द्वारा जिस तरह से खाद्यान्न सामग्री की हेराफेरी की है, उसकी वसूली के लिए उनकी जितनी भी संपत्ति है, उनको नीलाम कर वसूली किए जाने के योजना प्रशासन ने बनाई हैं. लेकिन इस पूरे मामले को लेकर आरोपियों के द्वारा इंदौर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी. उसी याचिका पर आज सुनवाई हुई और सुनवाई होने के बाद मात्र 3 दिनों में पैसा जमा करने के निर्देश हाई कोर्ट ने आरोपियों को दिया है. फिलहाल अब देखना होगा कि इंदौर हाई कोर्ट ने जिस तरह से उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें आदेश दिए हैं.

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