इंदौर। इंदौर के नजदीक गुलावट वैली को पर्यटन विभाग ने पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की संभावना तलाशते हुए विभिन्न तरह के विकास कार्य करवाने का दावा किया था. आज गुलावट वैली अव्यवस्थाओं से जूझ रही है. यहां पर पहुंचे पर्यटक अपने को ठगा हुआ महसूस करते हैं. इंदौर से 30 किलोमीटर दूर हातोद के नजदीक पर्यटन विभाग द्वारा गुलावट वैली विकसित की गई थी. बता दें कि यहां पर आसपास के ग्रामीणों द्वारा बड़े पैमाने में कमल के फूलों की खेती की जाती है.
इंदौर के लोग पहुंच रहे हैं गुलावट वैली : बताया जाता है कि एशिया में सबसे ज्यादा यहां कमल के फूलों की खेती होती है. इसी के मद्देनजर पर्यटन विभाग ने इसको पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लेकर कई तरह की संभावनाएं तलाशी थीं और कई तरह के विकास कार्य करवाने का दावा किया था. इंदौर और आसपास के लोग गुलावट वैली देखने के लिए पहुंचने लगे. लेकिन जिस तरह से सोशल मीडिया और अन्य प्रचार प्रसार के माध्यम से गुलाट वैली को दर्शाया गया है, वैसा यहां पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है.
सोशल मीडिया पर खूब किया प्रचार : बारिश और ठंड के मौसम में गुलावट वैली की रौनक को लेकर सोशल मीडिया पर काफी प्रचार किया गया. बारिश के दौरान लोग गुलावली पहुंचे तो वह अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. पर्यटकों का कहना है कि जिस तरह से उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से पर्यटन स्थल गुलावट वैली के बारे में जानकारी मिली तो काफी अच्छा लगा था. लेकिन यहां पर पहुंचने में ही काफी समय लग गया और जब यहां पर पहुंचे तो कई तरह की अव्यवस्था से उनका सामना हुआ. पर्यटक यहां पर प्रशासन को कोसते हुए नजर आए. पर्यटकों का कहना है कि यहां पर किसी तरह की कोई व्यवस्था प्रशासन ने नहीं की है. यहां पर पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ा. पहुंचे तो खाने के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. बैठने और अन्य तरह की यहां पर कोई सुविधा नहीं है. थोड़ी -बहुत जो सुविधाएं हैं, वो ग्रामीणों द्वारा की गई हैं.
पानी और कीचड़ से परेशान पर्यटक : गुलावट वैली को देखने पर्यटक बड़ी संख्या में बारिश के दिनों में पहुंचते हैं लेकिन यहां पर पहुंचते ही उनके सामने सबसे बड़ी परेशानी पानी और कीचड़ ही बन जाता है. क्योंकि यशवंत सागर का यह बैक वाटर है और बारिश के दिनों में गुलावट वैली पूरी तरीके से जलमग्न हो जाती है. गुलावत वैली अपने कमल के फूल और बांस के पेड़ों की वजह से पूरे प्रदेश में फेमस है लेकिन जब यहां पर बारिश के दिनों में पर्यटक पहुंचे तो निराशा मिली.
ग्रामीण भी कोसते नजर आए प्रशासन को : वहीं जिस तरह से गुलावट वैली में अव्यवस्था फैली है, उसको लेकर जब ग्रामीणों से बातचीत की तो उनका कहना है कि जिस तरह से प्रशासन ने यहां पर ग्रामीणों को रोजगार देने के उद्देश्य से इसको विकसित करने की बात की थी, वैसा कुछ नहीं किया. ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर प्रशासन ने किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की, जो व्यवस्था थोड़ी बहुत है, वो ग्रामीणों ने ही की है. (Gulavat Valley victim of chaos) (Tourists disappointed Gulavat Valley) (Tourism department claims fail)