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कोरोना संक्रमण को लेकर दायर याचिका पर सरकार ने दिया जवाब

कोरोना के बढ़ते संक्रमण और वैक्सीनेशन की धीमा रफ्तार पर कोर्ट में सुनवाई को दौरान सरकार ने रखा अपना पक्ष रखा. फिलहाल, अगली सुनवाई अब 19 मई को होगी.

हाईकोर्ट
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Published : May 18, 2021, 11:19 AM IST

Updated : May 18, 2021, 11:57 AM IST

इंदौर। कोरोना के कारण विभिन्न तरह की परेशानियां आम जनता को उठानी पड़ रही है. उन तमाम अव्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका पर पिछले दिनों भी सुनवाई हुई थी और सरकार को जवाब देने के आदेश दिए थे. इसके बाद सरकार ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट में कई तरह के जवाब पेश किए हैं.

सरकार ने रखा अपना पक्ष

दरअसल, एडवोकेट मनीष यादव की ओर से याचिका लगाई गई थी. जिस पर सुनवाई हुई और सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के आदेश दिए थे. इसके बाद सरकार ने इस पूरे मामले में अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट के समक्ष यह बात रखी कि जिस तरह की पिछले दिनों स्थितियां निर्मित हुई थीं. अब उसमें सुधार हो गया है. इसी के साथ संक्रमण की जो रफ्तार थी, वह भी कम हो गई है और रिकवरी की दर बढ़ गई है. वहीं हॉस्पिटलों में जो अव्यवस्था थी उसमें भी सुधार हो गया है और इंजेक्शन सहित तमाम तरह की जो दवाइयों की कालाबाजारी हो रही थी, उस पर भी सरकार ने विभिन्न तरह से काबू पा लिया है. अब अनुमान लगाया जा रहा है कि जून के शुरुआती दिनों में कोरोना कर्फ्यू भी हटाया जा सकता है.

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वैक्सीन को लेकर दायर याचिका

वैक्सीन को लेकर दायर की गई याचिका पर सरकार ने अपना जवाब भी पेश कर दिया. इसके बाद एक और जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगी और उसमें वैक्सीनेशन कार्यक्रम के धीमी रफ्तार को लेकर सवाल उठाए हैं. वहीं जनहित याचिका में यह भी बात कही गई, कि कोवैक्सिन और कोविशिल्ड के अलावा अभी तीसरा विकल्प उपलब्ध नहीं है. वही सितंबर-अक्टूबर में तीसरी लहर आने की बात भी कही जा रही है. उसके बाद भी वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी से नहीं हो रही है. फिलहाल, इस पूरे मामले में अब 19 मई को कोर्ट में सुनवाई होगी.

इंदौर। कोरोना के कारण विभिन्न तरह की परेशानियां आम जनता को उठानी पड़ रही है. उन तमाम अव्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका पर पिछले दिनों भी सुनवाई हुई थी और सरकार को जवाब देने के आदेश दिए थे. इसके बाद सरकार ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट में कई तरह के जवाब पेश किए हैं.

सरकार ने रखा अपना पक्ष

दरअसल, एडवोकेट मनीष यादव की ओर से याचिका लगाई गई थी. जिस पर सुनवाई हुई और सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के आदेश दिए थे. इसके बाद सरकार ने इस पूरे मामले में अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट के समक्ष यह बात रखी कि जिस तरह की पिछले दिनों स्थितियां निर्मित हुई थीं. अब उसमें सुधार हो गया है. इसी के साथ संक्रमण की जो रफ्तार थी, वह भी कम हो गई है और रिकवरी की दर बढ़ गई है. वहीं हॉस्पिटलों में जो अव्यवस्था थी उसमें भी सुधार हो गया है और इंजेक्शन सहित तमाम तरह की जो दवाइयों की कालाबाजारी हो रही थी, उस पर भी सरकार ने विभिन्न तरह से काबू पा लिया है. अब अनुमान लगाया जा रहा है कि जून के शुरुआती दिनों में कोरोना कर्फ्यू भी हटाया जा सकता है.

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वैक्सीन को लेकर दायर याचिका

वैक्सीन को लेकर दायर की गई याचिका पर सरकार ने अपना जवाब भी पेश कर दिया. इसके बाद एक और जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगी और उसमें वैक्सीनेशन कार्यक्रम के धीमी रफ्तार को लेकर सवाल उठाए हैं. वहीं जनहित याचिका में यह भी बात कही गई, कि कोवैक्सिन और कोविशिल्ड के अलावा अभी तीसरा विकल्प उपलब्ध नहीं है. वही सितंबर-अक्टूबर में तीसरी लहर आने की बात भी कही जा रही है. उसके बाद भी वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी से नहीं हो रही है. फिलहाल, इस पूरे मामले में अब 19 मई को कोर्ट में सुनवाई होगी.

Last Updated : May 18, 2021, 11:57 AM IST
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