इंदौर। यदि आपको एक साल में करोड़पति बनना है, तो आप टेंशन ना ले क्योंकि जिस तरह से आजकल गूगल आपको रास्ता बताता है. उसी तरह से गूगल आपके करोड़पति बनने के सपने को भी साकार कर सकता है. बस जरूरत है तो इंदौर के अमन पांडे की तर्ज पर काम करने की. (aman got 66 crore money from google) उत्तराखंड में जन्मे और भोपाल से एनआईटी से बीटेक किये अमन पांडे ने एक ही साल में गूगल की ऐसी घंटी बजा दी कि सैमसंग और एप्पल जैसी कंपनी भी हिल गईं. बग्समिरर नामक कंपनी के संचालक अमन पांडे ने सर्च इंजन गूगल की करीब 300 गलतियां ढूंढ निकाली हैं. इसके एवज में उन्हें गूगल ने अब तक करीब 66 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. (aman pandey education qualification)
हाल ही में इंदौर में खोला है ऑफिस
अमन पांडे ने इंदौर में हाल ही में ऑफिस खोला है. साल 2021 की शुरुआत से उन्होंने एक प्रोजेक्ट को लक्ष्य की तरह अपनाकर गूगल की गलतियों को चैलेंज किया, जो गूगल में छिपी हुई गलतियों को तलाशने में काम करती है. अपनी कंपनी बग्समिरर के जरिये अमन ने अब तक 15 लोगों को रोजगार भी दिया है. जल्द ही वो अपने एम्प्लाइज को परमानेंट भी कर देंगे. इतना ही नही अमन पांडे ने खुद को वो शख्सियत बना लिया है, जिसके आसपास कोई और भटकने की सोच भी नहीं सकता है.(aman indore office)
रतन टाटा हैं अमन के आइडियल
गूगल की गलतियों को ढूढने वाले युवक अमन पांडेय के आइडिया मशूहर उघोगपति रतन टाटा है और रतन टाटा सहित अन्य क्षेत्रों की हस्तियों को आईडियल मानते हुए युवक ने इस फील्ड में काम करने की शुरुआत की और देखते ही देखते युवक ने गूगल की विभिन्न गलतियों को निकालते हुए 66 करोड़ रुपये कमा लिए।
रकम से भविष्य का सेटअप तैयार कर रहे अमन
अमन पांडे के मुताबिक गूगल से मिली राशि का उपयोग वो सही दिशा में करके बेहतर काम करने का प्रयास कर रहे हैं. अमन ने बताया कि गूगल के अलावा सैमसंग और एप्पल भी उनके क्लाइंट हैं. वो खुद को भाग्यशाली समझते है कि उन्होंने गूगल को भी गलतियां स्वीकाराने का मौका दिया है. याने जिस गूगल को सब बाबा की उपाधि देते हैं, उसी गूगल पर सीधे निशाना इंदौर से साधा गया है. (jhankhand boy found bug in google)
अमन की माने तो उन्होंने गूगल को आम आदमी की ऑनलाइन सुरक्षा से संबंधित कई गलतियों को बताया है, जिन्हें तकनीकी भाषा में बग्स कहा जाता है. उन्होंने ये भी साफ किया कि गूगल से मिलने वाली राशि का वो आधिकारिक तौर पर बखान नहीं कर सकते हैं, लेकिन जो भी राशि अब तक मिली है, उससे वो भविष्य का सेटअप ही तैयार कर रहे हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा एक्सपर्ट को उनके करियर की सही दिशा मिल सके. फिलहाल, अमन के प्रयास जारी है और सतत वो आईटी सेक्टर पर निगरानी बनाये हुए हैं.