इंदौर। मालवा निमाड़ में खान-पान से लेकर दवाई और जरूरत का कोई भी सामान हवाई जहाज से सात समंदर पार भेजना बीते दौर में भले ही मुश्किल लगता हो, लेकिन इंदौर से देश और दुनिया के लिए एयर कनेक्टिविटी बढ़ने के कारण अब मालवा निमाड़ के स्थानीय उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसानी से पहुंच रहे हैं. इंदौर के इंटरनेशनल कार्गो की बदौलत अब हर साल एक हजार मैट्रिक टन से ज्यादा उत्पादों की डिलीवरी देश- विदेशों में भी हो रही है.
दरअसल इंदौर के देवी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट के कार्गो पर मौजूद इन बक्सों में पैक दवाइयां मशीनों के पार्ट्स लेदर सामग्री और नमकीन जैसे उत्पाद अब डॉमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट के जरिए दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहे हैं. इंदौर एयरपोर्ट पर स्थापित एयर कार्गो की बदौलत मालवा निमाड़ में तमाम तरह के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार मुहैया हो सका है.
2007 से पहले नहीं था ऐसा कोई इंतजाम
2007 के पहले तक मध्य प्रदेश में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, कि विमानों के जरिए त्वरित गति से कोई भी सामान भारत के एक शहर से दूसरे शहर में पहुंचाया जा सके. इसी दरमियान इंदौर एयरपोर्ट के विस्तार के चलते सबसे पहले औपचारिक तौर पर गुजरात की कंपनी ने यहां डॉमेस्टिक कार्गो की शुरुआत की थी. हालांकि 2016 तक इंदौर से देश के विभिन्न हिस्सों के लिए विमान सेवाओं का विस्तार हुआ तो एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अपनी कार्गो लॉजिस्टिक्स एंड एलाइड सर्विसेज कंपनी के जरिए मध्य प्रदेश में पहली बार इंदौर से ही सबसे पहले इंटरनेशनल कार्गो सेवा की शुरुआत की. इस सेवा के शुरू होने से उत्साहित मालवा निमाड़ में तरह-तरह के उत्पाद तैयार करने वाली कंपनियां और उद्योग कार्गो सेवा की मदद लेने के लिए आगे आए, और देखते ही देखते इंदौर से प्रतिदिन 30 टन सामान देश के विभिन्न हिस्सों में जबकि 6 से 10 टन सामान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विदेशों के लिए एक्सपोर्ट होने लगा है.
इन सामानों का होता है इंपोर्ट-एक्सपोर्ट
इंदौर में दवाइयां, लेदर से बना सामान मशीनों के पार्ट्स पीपीई किट, गारमेंट और तरह-तरह के उपकरणों का एक्सपोर्ट किया जा रहे है. इसके अलावा अन्य राज्यों और देशों से यहां डायमंड और कैमिकल का इंपोर्ट भी किया जा रहा है. फिलहाल इंदौर से एयर इंडिया विस्तारा एयर एशिया और इंडिगो जैसी विमान कंपनियों के विमान कार्गो का सामान लेकर प्रतिदिन उड़ान भर रहे हैं. हालांकि कोरोना काल में इंदौर कार्गो से दवाइयां और उपकरण लेकर कई बार इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट भी उड़ान भर चुकी है. जबकि विमान सेवाएं कोरोना महामारी के बाद अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है.
ऐसे जाता है कार्गो से सामान
कार्गो से सामान बुकिंग के बाद डॉमेस्टिक फ्लाइट के विमान में मौजूदा लगेज एरिया में सामान लेकर इंटरनेशनल कार्गो के लिए बुक किया जाता है उसे एयर एशिया और इंडिगो के विमान द्वारा कनेक्टिव फ्लाइट के लिए दिल्ली और मुंबई के जरिए संबंधित देशों की ओर जाने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट में रखकर ले जाया जाता है. जिसकी डिलीवरी संबंधित देश में कार्गो सेवा कंपनी द्वारा दी जाती है
कोरोना काल में पहली इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट
जिस समय दुनिया भर में विमान सेवाएं ठप पड़ी थी. उस समय इंदौर एयरपोर्ट से पहली इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट की शुरुआत हुई. पहली बार यहां साउथ अफ्रीका के जोहानस्वर्ग से कार्गो फ्लाइट आई. जो इंदौर से हाइड्रोक्सी क्लोरीन दवाई के अलावा चिकित्सा उपकरण और अन्य सामग्री लेकर साउथ अफ्रीका के लिए रवाना हुई थी. फिलहाल डॉमेस्टिक कार्गो के लिए भारत की चार विमान कंपनियां इस सेवा से जुड़ी हुई हैं
देशभर में इस सामग्री की मांग
इंदौर से विभिन्न राज्यों के लिए दवाइयां मेडिकल उपकरण पीथमपुर में तैयार होने वाले मशीनों के पार्ट्स पीपीई किट और नमकीन एयर कार्गो से कई स्थानों पर भेजे जाते हैं. इसके अलावा यहां से फल सब्जी फूल को भी मुंबई बेंगलुरु समेत कई जगहों पर भेजने के लिए कोल्ड स्टोरेज तैयार किया गया है.